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उत्तर प्रदेश

उप्र निकाय चुनाव: अंतिम आरक्षण की अधिसूचना आज संभव, 9 अप्रैल को तारीखों का एलान

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Date of assembly elections changed in Rajasthan, now voting will be held on 25th November

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लखनऊ। उप्र की 762 में से 760 नगरीय निकायों में चुनाव की तारीखों का एलान 9 अप्रैल तक हो सकता है। नगर विकास विभाग आज शुक्रवार देर शाम तक निकाय चुनाव के लिए अंतिम आरक्षण की अधिसूचना जारी करने की तैयारी कर रहा है।

विभाग ने निकाय चुनाव के लिए अनंतिम आरक्षण जारी करते हुए उस पर 6 अप्रैल तक आपत्तियां मांगी थी। बृहस्पतिवार शाम तक विभाग को 832 आपत्तियां मिली है। इनमें से अधिकांश आपत्तियां आरक्षण के नियम को लेकर की गई है।

विभाग के मंत्री ए.के. शर्मा ने शाम को विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक कर आपत्तियों के निस्तारण पर बात की। एक एक आपत्ति का गहन अध्ययन कर निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं ताकि आगे किसी तरह की कानूनी अड़चन नहीं आए।

विभाग के अधिकारियों ने निकाय चुनाव में आरक्षण के लिए जारी अध्यादेश के आधार पर आपत्तियों का निस्तारण की कवायद शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को सभी आपत्तियों का निस्तारण कर अंतिम अधिसूचना जारी की जाएगी।

इसके बाद विभाग की ओर से अंतिम आरक्षण की अधिसूचना और प्रस्तावित चुनाव कार्यक्रम राज्य निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा। आयोग निकाय चुनाव दो से तीन चरण में कराने का कार्यक्रम जारी कर सकता है।

चुनाव की तारीखों का एलान आज शुक्रवार देर शाम से लेकर 9 अप्रैल तक कभी भी किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक सरकार का भी प्रयास है कि आयोग जल्द से जल्द चुनाव कार्यक्रम जारी करे, आयोग को चुनाव कार्यक्रम जारी करने की तैयारियां करने के संकेत दिए गए हैं।

आपत्तियां बनी आफत

नगर विकास विभाग द्वारा मेयर और अध्यक्ष सीटों के आरक्षण की जारी अनंतिम अधिसूचना पर करीब 832 आपत्तियां आई हैं। अधिकतर आपत्तियां आरक्षण नियमों का पूरी तरह से पालन न करने और महिलाओं को तय कोटे से अधिक सीटें देने की है।

बताया जा रहा है कि राजनीतिक पार्टियों खासकर सपा द्वारा दी गई आपत्तियां आफत बनी हुई हैं। इसीलिए इसका मिलान किया जा रहा है, जिससे किसी तरह की कोई चूक न रह जाए।

सूत्रों का कहना है कि नगर विकास विभाग को आधी रात तक खोलकर इनको दूर करने के लिए माथापच्ची चलती रही। खासकर यह मिलान किया गया कि महिलाओं को क्या वाकई में अधिक सीटें आवंटित कर दी गई हैं। इसका मिलान करने और मामला विधिक स्तर पर फंसता नजर नहीं आया तो अंतिम अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।

अनंतिम आरक्षण पर मिली 832 आपत्तियां

नगरीय निकाय चुनाव में अंतिम आरक्षण की अधिसूचना शुक्रवार शाम तक जारी हो सकती है। नगर विकास विभाग को अनंतिम आरक्षण पर बृहस्पतिवार तक 832 आपत्तियां मिली है। विभाग ने इनका निस्तारण शुरू कर दिया है।

विभाग की ओर से आपत्तियों का निस्तारण कर शुक्रवार शाम तक अंतिम आरक्षण जारी किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग निकाय चुनाव की अधिसूचना 8-9 अप्रैल तक जारी कर सकता है।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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