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प्रादेशिक

सीएम योगी ने सभी जिलाधिकारियों को एम्बुलेंस संचालन की व्यवस्थाओं की सतत निगरानी के दिए आदेश

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लखनऊ। कोरोना महामारी के बीच मरीजों और तीमारदारों को मुसीबतों का सामना न करना पड़े इसके लिए सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को एम्बुलेंस संचालन की व्यवस्थाओं की सतत निगरानी करने के आदेश दिए हैं। प्रदेश के सभी जनपदों में मरीजों को समय से एंबुलेंस की सेवा मिले इसके लिए सीएम ने एम्बुलेंस की उपलब्धता को सुनिश्चिति करने के आदेश जारी किए हैं। उन्‍होंने कहा कि किसी भी हाल में मरीजों और उनके परिजन का उत्पीड़न न हो इस बात का ध्‍यान रखा जाए। सीएम ने बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि एम्बुलेंस की अनुपलब्धता के कारण अगर किसी की असमय मृत्यु की दुःखद घटना की सूचना मिली, तो दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।

प्रदेश में बेहतर चिकित्‍सीय सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने कोरोना संक्रमण की पहली व दूसरी लहर में खुद को हर स्‍तर पर बेहतर साबित किया है। सर्वाधिक आबादी वाला प्रदेश होने के बावजूद कोरोना पर लगाम लगाने वाले उत्‍तर प्रदेश के योगी के यूपी मॉडल की चर्चा आज देश के दूसरे प्रदेशों में है। प्रदेश के नौ जिलों में बीते 24 घंटों में कोरोना का एक भी एक्टिव केस नहीं मिला वहीं, अब एक्टिव कोविड केस की संख्या 729 ही रह गई है। जो दूसरे प्रदेशों के मुकाबले काफी कम है। रोजना ढाई लाख से तीन लाख टेस्ट करने वाले यूपी में नए केस की संख्या में हर दिन गिरावट दर्ज की जा रही है। जनपद अलीगढ़, अमरोहा, बस्ती, एटा, हाथरस, कासगंज, कौशांबी, महोबा और श्रावस्ती में अब कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं।

55 जिलों में नहीं मिला संक्रमण का एक भी केस

सर्वाधिक कोविड टेस्टिंग करने वाले राज्य यूपी में अब तक 06 करोड़ 52 लाख से अधिक कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। बीते 24 घंटों में 02 लाख 44 हजार से अधिक की गई जांचों में महज 42 नए मरीजों की पुष्टि हुई। इस दौरान 91 लोगों ने कोरोना को मात दी है। बता दें कि किसी भी जिले में दोहरे अंक में नए केस की पुष्टि नहीं हुई। वहीं, 55 जिलों में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं मिला। केवल 20 जनपदों में ही इकाई अंक में मरीजों की पुष्टि हुई है। पॉजिटिविटी रेट 0.01 फीसदी व रिकवरी रेट 98.6 फीसदी दर्ज किया गया है। कानपुर में बीते दिन संक्रमित पाए गए 22 लोगों की गहन कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की गई। इनके परिजनों समेत संपर्क में आए लगभग 1,400 लोगों की कोविड टेस्टिंग कराई गई जिसमें एक भी पॉजिटिव मरीज की पुष्टि नहीं हुई।

टीकाकरण में अब भी यूपी है अव्‍वल

ट्रिपल टी, टीकाकरण और ठोस निर्णयों के चलते प्रदेश में कोविड संक्रमण की रफ्तार थम गई है। प्रदेश में टीकाकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। अब तक प्रदेश में 04 करोड़ 71 लाख से अधिक कोविड वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। प्रदेश के 03 करोड़ 94 लाख से अधिक लोगों ने कम से कम कोविड की एक खुराक ले ली है। यह किसी एक राज्य द्वारा किया गया सर्वाधिक वैक्सीनेशन है।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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