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प्रादेशिक

क्लस्टर मॉडल से ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी वैक्सीनेशन की रफ्तार

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लखनऊ। यूपी में टीके के लिए पात्र प्रदेशवासियों को जल्‍द से जल्‍द टीका कवच देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लागू किए गए क्लस्टर मॉडल के सकारात्‍मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इस रणनीति के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ी है। गांवों में वैक्सीनेशन को तेज करने के लिए अपनाई गई रणनीति के तहत गांवों में वैक्सीनेशन सेंटर स्थापित कर शिफ्ट वाइस वैक्सीनेशन किया जा रहा है।

प्रदेश में 72.69 प्रतिशत पात्र लोगों को पहली डोज और 30.36 प्रतिशत पात्र लोगों को दूसरी डोज दी जा चुकी है। प्रदेश में आठ करोड़ से अधिक टेस्टिंग और 15 करोड़ से अधिक टीकाकरण किया जा चुका है। देशव्यापी स्थिति को देखें तो यूपी टेस्टिंग और टीकाकरण में पहले पायदान पर बना हुआ है।

उत्‍तर प्रदेश ने देश के दूसरे प्रदेशों के मुकाबले अब तक सबसे अधिक टीकाकरण कर कीर्तिमान स्‍थापित किया है। अब तक यूपी में 15 करोड़ 20 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है जिसमें 10 करोड़ 72 लाख को पहली डोज और 04 करोड़ 48 लाख को दूसरी डोज दी जा चुकी है।

प्रदेश में सक्रिय केस की संख्‍या 100 से कम

24 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश में 10 नए संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। बीते 24 घंटों में हुई 01 लाख 44 हजार 494 सैम्पल की जांच की जा चुकी है। इस अवधि में 10 संक्रमितों ने कोरोना को मात दी। प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 100 से कम होकर 94 पहुंच गई है।

बता दें कि प्रदेश में टीकाकरण को तेजी से बढ़ाने के लिए क्लस्टर मॉडल, स्‍कूल कॉलेजों में टीकाकरण कैंप, गांवों में अधिक बूथ, कोरोनारोधी टीकाकरण से कोई न छूटे, इसके लिए जिला संयुक्त अस्पताल में रात दस बजे तक टीकाकरण किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने हर जिले में एक केंद्र पर रात दस बजे तक टीकाकरण कराए जाने के निर्णय से भी गति मिली है।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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