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मुख्य समाचार

यूपी में अपनाई जा रही क्लस्टर मॉडल 2.0 और ‘हर घर दस्तक’ की रणनीति, अब तक 20 करोड़ 63 लाख से अधिक लोगों का हुआ वैक्सीनेशन

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लखनऊ। कोरोना संक्रमण के खिलाफ एक मजबूत हथियार के रूप में टीकाकरण साबित हो रहा है। ऐसे में प्रदेश सरकार जल्‍द से जल्‍द टीके का कवच पात्र लोगों को देने के लिए प्रतिबद्ध है। यूपी में 13 करोड़ कोविड वैक्सीन की पहली खुराक देकर एक नया कीर्तिमान बनाया है। यूपी अब तक 20 करोड़ 63 लाख से अधिक खुराक के साथ भारत के वैक्सीनेशन ड्राइव का नेतृत्व कर रहा है।

यूपी में अब तक 13 करोड़ 04 लाख से अधिक पहली और 07 करोड़ 58 लाख से अधिक दूसरी डोज दी जा चुकी है। कोरोना के नए वैरिएंट को ध्‍यान में रखते हुए सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान को तेज करने के लिए एक विशेष रणनीति के तहत काम किया जा रहा है।

जिसके तहत क्लस्टर मॉडल 2.0 और ‘हर घर दस्तक’ रणनीति पर काम किया जा रहा है। गांवों में चल रहे डोर-टू-डोर जागरूकता अभियान में आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं समेत स्वास्थ्य टीमें टीके से जुड़े मिथकों को दूर कर रहीं हैं।

प्रतिदिन तीन से चार लाख किए जाएं टेस्‍ट सीएम

सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक ओर अधिकारियों को तीन से चार लाख प्रतिदिन कोरोना की जांच को बढ़ाने संग टीकाकरण को तेज करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि सीएम ने शुरू से ही टीकाकरण अभियान पर विशेष जोर देते हुए इसे महामारी से निपटने में ‘सबसे मजबूत हथियार’ के रूप में रेखांकित किया। ऐसे में दूसरी खुराक कवरेज को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में क्लस्टर मॉडल 2.0 की शुरूआत की गई जिसके सकारात्‍मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।

4 लाख 60 हजार से अधिक बच्‍चों का हुआ टीकाकरण

कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रान के चलते यूपी में 03 जनवरी से 15 से 18 साल के बच्‍चों के वृहद टीकाकरण अभियान की शुरूआत की गई। अब तक तक 04 लाख 60 हजार से अधिक बच्चों को वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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