प्रादेशिक
यूपी में लगातार कम हो रहे कोरोना के मामले, कुल एक्टिव मामलों में आई 62% की कमी
लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’ नवनीत सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा टीम-9 की समीक्षा की जा रही है तथा संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने की रणनीति अपनायी जा रही है। जिसके तहत प्रदेश में एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की रणनीति, आंशिक कफ्र्यू, गांवों में निगरानी समितियों द्वारा सर्वेक्षण तथा वैक्सीनेशन पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के कुल एक्टिव मामलों में लगभग 62 प्रतिशत की कमी आई है। इसके साथ-साथ नये मामलों की संख्या में भी निरन्तर कमी आ रही है। प्रदेश में प्रतिदिन 2.50 लाख से अधिक कोविड-19 के टेस्ट किये जा रहे हैं। प्रदेश में 18 से 44 वर्ष के आयु के साथ-साथ 45 वर्ष से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक 1.54 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की डोज दी गई है। गांव में रहने वाले लोग काॅमन सर्विस सेन्टर के माध्यम से वैक्सीनेशन के लिए निःशुल्क पंजीकरण करा सकते हैं।
श्री सहगल ने बताया सर्विलान्स के साथ-साथ गाँव में लोगों से सम्पर्क करते हुए कोविड लक्षणयुक्त लोगों की पहचान कर उनका कोविड टेस्ट तथा उन्हें मेडिकल किट प्रदान की जा रही है। कल लगभग 50,000 से अधिक मेडिकल किट दी गई है। निगरानी समितियों के द्वारा गाँव में रहने वाले लोगों से सम्पर्क कर कोविड लक्षणों की जानकारी ली जा रही है। कोविड लक्षण मिलने वाले लोगों का आरआरटी टीम द्वारा एन्टीजन कोविड टेस्ट किया जा रहा है। गाँव में संक्रमणयुक्त लोगों को होम आइसोलेशन में रखने के लिए गाँव में ही पंचायत भवन/स्कूल/सरकारी इमारतों मंे आइसोलेट करके उनका उपचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 31 मार्च से 18 मई 2021 तक के आंकड़ों के अनुसार लगभग 70 लाख कोविड-19 के टेस्ट ग्रामीण क्षेत्र में किये गये हैं।
श्री सहगल ने बताया कि चुनाव ड्यूटी करने वाले जिन शिक्षकों, शिक्षामित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सेवकों, पुलिस कर्मियों व प्रत्येक वह कर्मचारी, जिसकी इलेक्शन ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई अथवा जो उस दौरान कोरोना से संक्रमित हुआ और बाद में मृत्यु हो गई, राज्य सरकार, राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइंस के नियमानुसार उनके परिवार को कम्पनसेशन और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के सम्बन्ध राज्य चुनाव आयोग की संस्तुतियों पर कार्रवाई करती है। चूंकि राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइंस पुरानी है। इस संबंध में मुख्यमंत्री जी द्वारा वर्तमान परिस्थितियों के परिप्रेक्ष्य में चुनाव आयोग से दिशा-निर्देश प्राप्त करने को कहा गया है। मुख्य सचिव तथा अपर मुख्य सचिव पंचायती राज आज राज्य निर्वाचन आयोग से समन्वय स्थापित करके चुनाव आयोग को अपनी गाइडलाइन संशोधन करने का अनुरोध करने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा कोविड-19 के संक्रमण में लगे कोरोना योद्धाओं का उत्साहवर्द्धन किया है और कहा है कि सरकार उनके साथ खड़ी है।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में सप्लाई की जा रही है। लगभग 3500 होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों को आॅक्सीजन उपलब्ध कराई गई। इसके साथ-साथ होमआइसोलेशन में रहने वाले लोगों टेलीकंसल्टेशन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 के दृष्टिगत मैनपावर को बढ़ाने के लिए एमबीबीएस परीक्षा के अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं तथा नर्सिंग के अंतिम वर्ष छात्र-छात्राओं की सेवाएं ली जा रही है, जिसके क्रम में लगभग 2600 नये स्टाफ से उनकी सेवा ली जा रही है।
श्री सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा ब्लैक फंगस बीमारी के संबंध निर्देश दिए गए हैं कि ब्लैक फंगस के उपचार की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायी जाये। इसके साथ-साथ वर्चुअल आईसीयू के माध्यम से ब्लैक फंगस बीमारी के उपचार में सहयोग लिया जाए। उन्होंनेे बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कोविड-19 की सम्भावित तीसरी लहर में बच्चो के स्वास्थ्य सुरक्षा के विशेष इंतजाम करने के उद्देश्य से सभी जिला अस्पतालों में पीडियाट्रिक आईसीयू को तैयार कराये जाने के निर्देश दिये है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मेडिकल कालेजों में 100-100 बेड बनाने का कार्य प्रारम्भ हो गया है। जनपद के अस्पतालों में 20-20 बेड बच्चों के लिए आरक्षित किया जायेगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का प्रशिक्षण दिया जाए। इसके अलावा सभी पीएचसी तथा सीएचसी का फिर से सत्यापन करवाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी चिकित्सीय उपकरण क्रियाशील रहें तथा चिकित्सक उपस्थित रहें। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत अन्त्योदय अन्न योजना के अंतर्गत पात्र 15 करोड़ लोगों को आज 20 मई, 2021 से तीन माह ड्राई राशन निःशुल्क वितरण किया जायेगा।
श्री सहगल ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहूं खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहूं क्रय अभियान में अब तक 05 लाख किसानों से 30,54,779 मी0 टन गेहूँ खरीदा गया है। उन्होंने बताया कि खरीफ फसल के लिए समुचित खाद, बीज एवं दवा आदि व्यवस्था की जा रही है।
उन्होंने बताया कि डी0ए0वी0पी0 की खाद की सब्सिडी को बढ़ाया गया पूरानी दरों पर ही 2400 रुपये की बोरी 1200 रुपये में किसानों को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इससे लगभग 2.70 करोड़ किसान इससे लाभान्वित होंगे। उन्होंने लोगों से अपील की है कि मास्क का प्रयोग करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे तथा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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