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यूपीः डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन को लिखा पत्र, की ये मांग

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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने जनपद रायबरेली में कोविड-19 के गंभीर मरीजों को स्वास्थ्य संबंधी बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराए जाने के दृष्टिगत केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री भारत सरकार, डॉ हर्षवर्धन को पत्र लिखकर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायबरेली को शीघ्र ही पूर्ण स्थापित क्षमता से कार्य किए जाने  तथा आर०टी० पी०सी०आर० जांच 300 प्रतिदिन क्षमता से बढ़ाकर 5000 प्रतिदिन किए जाने तथा एम्स में उपयुक्त ऑक्सीजन क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट भी स्थापित किए जाने के संबंध में पत्र के माध्यम से आग्रह किया है। इस संबंध में डॉ दिनेश शर्मा ने केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जी से फोन पर आग्रह किया है।

उपमुख्यमंत्री तथा जनपद रायबरेली के प्रभारी मंत्री डा शर्मा को जनपद रायबरेली की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी रायबरेली ने अवगत कराया कि एम्स रायबरेली में प्रस्तावित क्षमता से कार्य प्रारम्भ नहीं हुआ है। उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) रायबरेली जिसकी प्रस्तावित क्षमता 610 बेड की है। वर्तमान में विशेष प्रयत्न करते हुए एम्स रायबरेली द्वारा 28 बेड का कोविड एलदृ3 हॉस्पिटल संचालित किया जा चुका है, जिसमें 10 बेड आई०सी०यू० के हैं तथा शेष 18 बेड सामान्य ऑक्सीजन के हैं।

एम्स प्रशासन के डाक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा यह प्रस्ताव दिया गया है कि जिला प्रशासन द्वारा एम्स में अपने मानव संसाधन एवं उपकरणों द्वारा 400 बेड का का कोविड एलदृ2 स्तर का हॉस्पिटल संचालित कर सकते हैं एवं शेष बेड्स को एम्स प्रशासन द्वारा स्वयं के प्रबंधन पर कोविड एलदृ3 स्तर का हॉस्पिटल संचालित करने का सुझाव दिया है, जिसके लिए जिला प्रशासन द्वारा एम्स प्रशासन को पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाएगा।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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