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यूपी जीआईएस 2023 ने देश में नई ऊर्जा का संचार किया है : द्रौपदी मुर्मू

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लखनऊ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के दसवें दीक्षांत समारोह में शामिल हुईं। राष्ट्रपति ने अपने दीक्षांत उद्बोधन में कहा कि ये मेरे लिए हर्ष का विषय है कि मुझे बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर स्थापित इस विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने का अवसर मिला है। डॉ भीमराव अंबेडकर मेरे लिए भगवान के समान हैं। उन्होंने कुछ ऐसा किया था, जिसकी वजह से मैं आज आपके सामने खड़ी हूं। राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को देश में नई ऊर्जा का संचार करने वाला बताया और कहा कि बदलते प्रदेश और देश के विकास के लिए विद्यार्थी अभी से जुट जाएं व अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करें। ये समय राष्ट्र को विकास के पथ पर ले जाने का है।

बाबा साहेब से प्रेरणा लें विद्यार्थी

राष्ट्रपति ने कहा कि बाबा साहेब के जीवन में जितना संघर्ष था उतना ही उल्लेखनीय उनका कार्य भी था। अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने देश-विदेश में शिक्षा प्राप्त की। स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माता और देश के पहले कानून मंत्री डॉ अंबेडकर का जीवन मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित था। उनसे प्रेरणा लेकर विद्यार्थी कठिन से कठिन लक्ष्यों को साध सकते हैं।

यूपी में तैयार हुआ है निवेशकों के अनुकूल वातावरण

राष्ट्रपति ने कहा कि कल ही मैं यूपी जीआईएस के समापन समारोह में शामिल हुई। इस इन्वेस्टर्स समिट से देश और प्रदेश में एक नई ऊर्जा के संचार हुआ है। उत्तर प्रदेश में निवेशकों के लिए निवेश का अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है। समय आ गया है कि हम अपने शिक्षण संस्थानों को इस अनुकूल वातावरण से जोड़ें। नए-नए अनुसंधान करें, स्टार्टअप के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर बनाएं। भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप ईको सिस्टम वाला देश है। विश्वविद्यालयों से ये अपेक्षा है कि इस ईको सिस्टम का लाभ उठाते हुए विद्यार्थियों को रिसर्च और इनोवेशन के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में रिसर्च और इनोवेशन की आवश्यक्ता पर विशेष बल दिया गया है। कौशल आधारित शिक्षा और बहुविषयक दृष्टिकोंण पर जोर देकर भारत को नॉलेज सुपर पॉवर बनाने का इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य है। राष्ट्रपति ने इस दौरान बिरसा मुंडा छात्र गतिविधि केंद्र का उद्घाटन भी किया। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की जीवनी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। विभिन्न स्पोर्ट्स फैसिलिटी से युक्त ये सेंटर स्टूडेंट्स के फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ उनके ऑलराउंड डेवलपमेंट में भी मदद करेगा।

राष्ट्रपति ने की बेटियों की विशेष सराहना

राष्ट्रपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। ये आपके और आपके परिवार के लिए हर्ष और उल्लास का क्षण होता है। आज डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों में से 42 प्रतिशत लड़कियां हैं। साथ ही गोल्ड मेडल पाने वाली भी 60 प्रतिशत छात्राएं हैं। मैं सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए बेटियों की विशेष सराहना करती हूं। आप सब जीवन में जो भी बनना चाहते हैं उसके लिए आज से ही प्रयास करें। आपमें से कुछ बच्चे प्राइवेट, कुछ सरकारी नौकरियों में जाएंगे। कुछ उद्यमी बनेंगे, मैं चाहती हूं कि कुछ बच्चे अच्छे शिक्षक और प्रोफेसर भी बनें। उत्तम शिक्षा व्यवस्था के लिए उत्तम शिक्षकों का होना बहुत ही जरूरी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इस बात पर जोर देती है कि शिक्षकों को शिक्षा व्यवस्था के केंद्र में होना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि आप चुनौतिपूर्ण और प्रतिस्पर्धा वाली दुनिया में प्रवेश करने जा रहे हैं। आप अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करें और देश को विकास के पथ पर ले जाने का संकल्प लें। साथ ही अपने संस्कारों और संस्कृति से जुड़े रहना बहुत जरूरी है। तभी आप सार्थक जीवन जी सकते हैं। अमृत काल का ये समय सक्रियता और प्रगतिशीलता का है।

इससे पूर्व कुलपति प्रो संजय सिंह ने स्वागत भाषण एवं शौक्षणिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कुलपति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और कुलाधिपति प्रकाश सी बर्तुनिया को स्मृति चिह्न बोधिवृक्ष का प्रतीक देकर उनका स्वागत किया। विश्वविद्यालय की ओर से 17 अध्ययन विद्यापीठों के 38 विभागों के 3808 स्नातक, परास्नातक, एमफिल, पीएचडी, पीजी डिप्लोमा एवं डिप्लोमा के सभी विषयों के विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गयीं। इस अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय भी मौजूद रहे।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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