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मुख्य समाचार

डेल्टा+ वैरिएंट से निपटने के लिए योगी सरकार तैयार, सीएम ने अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने के दिए निर्देश

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश किसी भी प्रकार की बीमारियों से निपटने के लिये पूरी तरह से तैयार है। उसने प्रदेश में गंभीर बीमारियों से बचाव में उपयोगी ऑक्सीजन उत्पादकता के क्षेत्र में बड़ी प्रगति कर ली है। प्रदेश के 75 जिलों में अभी तक 114 ऑक्सीजन प्लांट क्रीयाशील हो चुके हैं। जबकि 05 और नए प्लांटों को लगाने की सरकार ने अनुमति दे दी है। प्रदेश सरकार की मंशा 528 ऑक्सीजन प्लांटों की स्थापना करने की है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम केयर्स के माध्यम से प्रदेश में निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लांटों को 15 अगस्त तक क्रियाशील करने के निर्देश दिये हैं। साथ में उन्होंने इसकी मॉनीटरिंग के लिये नोडल अधिकारियों की तैनाती किये जाने पर भी बल दिया है। उन्होंने प्लांट स्थापना से जुड़े कार्यों की सतत समीक्षा की जाने के लिये अधिकारियों से कहा है। ऑक्सीजन उत्पादकता के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनते जा रहे उत्तर प्रदेश में निजी संस्थाओं ने भी आगे बढ़कर ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के प्रयास तेज कर दिये हैं। गौरतलब है कि पूर्व में जहां प्रदेश में केवल 25 ऑक्सीजन प्लांट ही स्थापित थे वहीं आज योगी सरकार ने 528 ऑक्सीजन प्लांट को स्थापित करने की प्रक्रिया को जमीनी स्तर पर तेज कर दिया है।

सरकार ने भविष्य में किसी भी संभावित आवश्यकता को देखते हुए पर्याप्त मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए युद्ध स्तर पर और निर्माण करने का कदम उठाया है। देश के कई राज्यों में कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ‘डेल्टा+’ से संक्रमित मरीज पाए जाने के बाद से यूपी ने इसके लिये तैयारी शुरू कर दी है। अधिकारियों को विशेष सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है। विशेषज्ञों के अनुसार इस बार का वैरिएंट पहले की अपेक्षा कहीं अधिक खतरनाक है। इसको देखते हुए बीमारी के बचाव में ऑकसीजन की कमी नहीं आने देने के लिये इसके उत्पादन को बढ़ाने के लिये कोई कमी सरकार नहीं छोड़ रही है। लोगों को बीमारी के लक्षणों के प्रति जागरूक करने के प्रयास तेज करने को कहा गया है। वहीं सीएचसी व पीएचसी की व्‍यवस्‍थाओं को दुरुस्त करने के साथ एलर्ट रहने को कहा गया है।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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