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प्रादेशिक

यूपीः घर-घर जाकर किया जाएगा सर्वेक्षण, टीकाकरण के लिए किया जाएगा प्रोत्‍साहित

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लखनऊ। कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण पाते हुए प्रदेश सरकार प्रदेशवासियों को तेजी से टीका कवर देने का काम कर रही है। दूसरे प्रदेशों की अपेक्षा उत्‍तर प्रदेश के हालात तेजी से बेहतर हुए हैं। सक्रिय केस हो या फिर टेस्टिंग और वैक्सीनेशन की बात प्रदेश सरकार द्वारा समय पर लिए गए निर्णयों का ही परिणाम है कि आज सर्वाधिक जनसंख्‍या वाला यूपी दूसरे प्रदेशों से कोरोना पर लगाम लगाने व टीकाकरण करने में अव्‍वल है।

कम समय में टेस्टिंग क्षमता को तेजी से बढ़ाते हुए आज प्रदेश में रोजाना डेढ़ लाख से अधिक कोरोना के टेस्‍ट किए जा रहे हैं। बीते 24 घंटों में 1,20,807 कोविड सैम्पल की जांच की गई ज‍िसमें 10 नए केस मिले। प्रदेश में सक्रिय केसों की संख्‍या अब 102 है पिछले 24 घंटों में 08 मरीजों ने संक्रमण को मात दी।

पूरे प्रदेश में 518 ऑक्‍सीजन प्‍लांट क्रियाशील किए जा चुके हैं। शेष प्‍लांट की स्‍थापना का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। इन सभी ऑक्‍सीजन प्‍लांट के सक्रिय होने से भविष्‍य में भी प्रदेश के अस्‍पतालों में ऑक्‍सीजन की किल्‍लत नहीं होगी। 24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश से देश के दूसरे प्रदेश टीकाकरण में कहीं पीछे हैं।

पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली समेत अन्य प्रदेशों में जहां कम आबादी होने के बावजूद टीकाकरण धीमी गति से चल रहा वहीं यूपी लगातार रिकॉर्ड बना रहा है। यूपी में अब तक 14 करोड़ 82 लाख से अधिक टीकाकरण किया जा चुका है। जिसमें अब तक 10 करोड़ 53 लाख से अधिक पहली डोज और 04 करोड़ 28 लाख से अधिक दूसरी डोज दी जा चुकी है।

घर-घर जाकर किया जाएगा सर्वेक्षण

उच्‍चस्‍तरीय बैठक में शनिवार को सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कोविड टीकाकरण को और तेज करने के लिए ठोस प्रयास करने की बात कही। उन्‍होंने अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा कि टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाते हुए घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाए।

अब तक पहली डोज न पाने लेने वालों की अलग सूची तैयार की जाए। जिनका दूसरा डोज ओवरड्यू हो गया हो उनकी एक अलग सूची बनाई जाने के भी निर्देश दिए। उन्‍होंने दिव्यांग, अक्षम, निराश्रित, वृद्ध जनों से संपर्क कर उनका टीकाकरण कराने के आदेश जारी करते हुए कहा कि सीएमओ स्तर से ग्राम प्रधानों, पार्षदों का सहयोग लेकर टीकाकरण को तेजी से आगे बढ़ाए।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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