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प्रादेशिक

संभावित तीसरी लहर में बच्चों की सुरक्षा के लिए यूपी की एम्बुलेंस सेवाएं मुस्तैद

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लखनऊ। कोरोना की लड़ाई में ‘लाइफलाइन’ साबित हुई राज्य सरकार की ‘108’ और ‘102’ एम्बुलेंस सेवाएं संभावित तीसरी लहर में बच्चों की सुरक्षा के लिये पूरी तरह से मुस्तैद हैं। एम्बुलेंस के स्टॉफ को प्रशिक्षित किया गया है कि विकट स्थितियां आने पर वो किसी प्रकार से बच्चों की मदद करेंगे। उनके माता-पिता से संवेदनशील व्यवहार के लिये भी उनको प्रशिक्षण दिया गया है। एम्बुलेंस सेवाओं को बच्चों के उपचार के लिये सभी जीवनरक्षक उपकरणों से लैस किया गया है जिससे उनको अस्पताल तक पहुंचाने और इलाज दिलाने तक प्राथमिक उपचार दिया जा सके।

सतत निगरानी और कोविड प्रबंधन से कोरोना की पहली लहर पर विजय हासिल करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संक्रमण की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए पूर्व से ही तैयारियां पूरी कर ली हैं। राज्य में सभी 3011 पीएचसी, 855 सीएचसी और 592 शहरी पीएचसी को एलर्ट कर दिया गया है। 18 साल से कम उम्र के बच्चों को मेकिडल किट पहुंचाई जा रही है। इसके साथ ही प्रदेश में टीकाकरण अभियान को भी गति दी गई है। अन्य प्रदेशों के मुकाबले 3 करोड़ से अधिक टीकाकरण डोज देने वाला यूपी पहला प्रदेश बन गया है। सरकार ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को मुख्य मार्गों से जोड़ने के भी निर्देश दिये हैं।

कोरोना की संभावित तीसरी लहर से लड़ने के लिए 108, 102 और एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) एम्बुलेंस की टीम सरकार के निर्देशों का पालन कर रही हैं। एम्बुलेंस में 24 घंटे इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशयन (ईएमटी) और पायलट की 23 हजार से अधिक लोगों की टीम दिन-रात काम में जुटी हैं। इनकी मदद से ग्रामीण और शहरी इलाकों में रोगियों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों तक इलाज के लिये पहुंचाया जा रहा है। प्रदेश में यूपी में 108, 102 और एडवांस लाइफ सपोर्ट (एएलएस) की 137 एम्बुलेंस कोविड ड्यूटी में लगाई गई थीं। तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए इनकी तैनाती विभिन्न जिलों में की गई है। 108 टोलफ्री नम्बर पर फोन करके सेवा का लाभ ले सकते हैं।

एनएमएमयू भी संभावित चुनौतियों से निपटने को तैयार

यूपी के 53 जिलों में कार्य कर रहीं 170 नेशनल मोबाईल मेडिकल यूनिट (एनएमएमयू) को भी एलर्ट किया गया है। इस यूनिट में एक वरीष्ठ चिकित्सक के साथ एक फार्मासिस्ट, एक लैब टेक्नीशियन और एक स्टॉफ नर्स हर समय मौजूद रहती हैं। इनमे मौजूद जीवन रक्षक उपकरणों में नेब्यूलॉईजर, इलेक्ट्रिक नीडिलडिस्ट्रायर, ईसीजी मशीन, एम्बू बैग, सेमी आटोमेटिक बायोकेमेस्ट्री एनेलाईज़र, आटोस्कोप, टोनोमीटर, ग्लूकोमीटर, स्टेलाइज़र, व्यू बॉक्स, ड्रेसिंग ड्रम, आपथेल्मोस्कोप, सेंट्रीफ्यूज मशीन, लेरिंजोस्कोप, माइक्रो टाइपिंगसेंट्रीफ्यूज, हीमोग्लोबिन मीटर आदि प्रमुख हैं। कोरोना की एंटीजन जांच, कोरोना वायरस के लक्षणों की जांच के लिये इसमें इंफ्रारेड थर्मामीटर भी रहता हे। इस वाहन के बाहरी हिस्से में एलईडी लगी है जिसपर गांव-गांव योगी सरकार की लाभकारी योजनाओं का प्रचार भी किया जाता है।

 

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हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

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बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

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