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प्रादेशिक

स्वास्थ्य विभाग की ओर से थर्डवेव को लेकर सरकारी अस्पतालों में जारी की गई गाइडलाइन

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लखनऊ। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की ओर से थर्ड वेव को लेकर सरकारी असपतालों में गाइडलाइन जारी की गई है। प्रदेश के 500 से अधिक अस्‍पतालों में मॉक ड्रिल की शुरुआत एक तीन जनवरी से होने जा रही है तो वहीं स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार संग जिलेवार प्रशिक्षण कार्य किया जा रहा है। तीसरी लहर को ध्‍यान में रखते हुए प्रदेश के मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण पूरा किया जा चुका है। डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ आदि के लिए पीडियाट्रिक केयर ट्रेनिंग का कार्य भी जिलेवार तेजी से किया जा रहा है। सभी के विधिवत प्रशिक्षण की समुचित व्यवस्था भी सरकार कर रही है।

स्‍टेट सर्विलांस ऑफिसर विकास इंदु अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के 75 जिलों के डीएसओ, सीएमओ, डीआईओ और एक्‍स्‍पर्ट संग एक अहम बैठक की गई है। प्रदेश सरकार की ओर से इस बैठक में अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। उन्‍होंने बताया कि सरकार की ओर दिए गए निर्देशों के तहत यूपी में डेली मॉनीटरिंग हो रही है। नए वैरिएंट ओमीक्रॉन के चलते प्रदेश सरकार ने जिन जिलों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं उन जिलों में अधिक सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

संसाधनों में हुई कमी को तत्काल किया जाएगा पूरा

देश व प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आने से मौजूदा हालातों को देखते हुए आगे की योजनाओं के मद्देनजर वरिष्ठ अधिकारियों से प्लान भी मांगा गया है। दो दिवसीय मॉक‍ ड्रिल कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी व विशेषज्ञों की निगरानी में संसाधनों की परख की जाएगी। जिसके तहत वेंटिलेटर, नीकू, पीकू की संख्या, ऑक्‍सीजन, बेड, दवाएं, आइसीयू जैसे संसाधनों व सामग्री की जांच की जाएगी। अगर अस्‍पतालों में इन संसाधनों में कमी निकलती है तो उसको तत्‍काल पूरा किया जाएगा।

स्‍वास्‍थ्‍य टीमों ने संभाला मोर्चा

प्रदेश सरकार टीकाकरण न कराने वाले लोगों की संख्‍या को सुनिश्चित करने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है। प्रदेश में लोगों ने अपनी पहली खुराक ली है, वे अपनी दूसरी खुराक भी लें इसके लिए उनको प्रेरित किया जा रहा है। इसके साथ ही गांवों में चल रहे डोर-टू-डोर जागरूकता अभियान में आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहित स्वास्थ्य टीम लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्‍साहित करने का कार्य कर रही हैं। इसके साथ टीकाकरण से जुड़े सभी मिथकों को दूर कर रहीं हैं।

उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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