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उत्तर प्रदेश

यूपी: सीतापुर में दरोगा ने थाना परिसर में खुद को गोली मारकर की आत्महत्या

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सीतापुर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक दरोगा ने थाना परिसर में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। गोली की आवाज सुनकर पूरे थाने में हड़कंप मच गया। पुलिसकर्मी जब घटना स्थल पर पहुंचे तो दरोगा मनोज कुमार खून से लथपथ पड़े थे। आनन-फानन में दरोगा मनोज कुमार को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

सीतापुर जिले के मछरेहटा थाने में तैनात प्रोन्नति दरोगा मनोज कुमार (55) वर्ष थाने के परिसर में ही रहते थे। शुक्रवार की सुबह वह तैयार होकर ड्यूटी पर आ गए। थाने से उन्होंने अपनी सर्विस रिवाल्वर लिया। इसके बाद कई बार अंदर बाहर गए। इसके बाद वह अचानक थाने के पीछे चले गए। और रिवाल्वर को अपनी कनपटी पर लगाया। यह देखकर कुछ लोग उन्हें बचाने के लिए दौड़े। लेकिन तब तक उन्होंने फायर कर लिया। गोली की आवाज सुनकर अन्य पुलिसकर्मी भी दौड़ पड़े। तत्काल उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। दरोगा मनोज कुमार मूलतः फतेहपुर जिले के थाना कल्याणपुर के रहने वाले थे।

पुलिस ने घटना की सूचना परिजनों को दे दी है। परिजन पहुंच रहे हैं। बताया जा रहा है कि दरोगा बहुत ही संवेदनशील प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। थाने पर पहुंचने वाले हर पीड़ित को न्याय दिलाने के लिए वह खुद परेशान हो जाते थे। पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र ने कहा कि दरोगा मनोज कुमार ने खुद को गोली मार ली है। यह बहुत ही दुखद घटना है। अभी आत्महत्या की वजह का पता नहीं चला है। इसकी जांच के लिए कई टीमें लगाई गई हैं। जो जांच कर रही हैं।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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