उत्तर प्रदेश
उप्र: एसपी के खिलाफ NBW जारी, तीन जुलाई को सुनवाई; जानें पूरा मामला
मुजफ्फरनगर। उप्र के मुजफ्फरनगर जनपद के भोपा थाना क्षेत्र में छात्र की हत्या के मामले में साक्ष्य के लिए अदालत में हाजिर नहीं होने पर संभल के एसपी देहात श्रीशंचद के खिलाफ गैर जमानती वारंट (NBW) जारी हो गया है। अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या सात के पीठासीन अधिकारी शक्ति सिंह प्रकरण की सुनवाई कर रहे हैं। चार साल से साक्ष्य के लिए हाजिर नहीं होने पर अदालत ने सख्ती की है।
सहायक शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) परविंद्र सिंह ने बताया कि भोपा थाना क्षेत्र में नौ जुलाई 2007 को टेंपू की सीट पर बैठने को लेकर किशनपुर गांव के छात्र वकील उर्फ भूरा की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। प्रकरण की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या सात में चल रही है।
बताया गया कि वारदात के दौरान जिले में तैनात रहे एसपी श्रीशचंद को साक्ष्य के लिए हाजिर होना था। पिछले चार साल से अदालत की ओर से लगातार सूचना भेजी जा रही है, लेकिन पुलिस अधिकारी अदालत नहीं पहुंचे, जिससे प्रकरण की सुनवाई टल रही है।
शनिवार को अदालत में आरोपियों ने हाजिरी माफी प्रस्तुत की, जिसे आज के लिए स्वीकृत कर लिया गया। लेकिन साक्ष्य के लिए बुलाए गए एसपी संभल के नहीं पहुंचने पर अदालत ने आपत्तिज जताई और गैर जमानती वारंट जारी कर दिए। प्रकरण की अगली सुनवाई तीन जुलाई को होगी। बरेली जोन के पुलिस महानिदेशक को भी पत्र लिखा गया है।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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