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प्रादेशिक

यूपी में आज शाम को होगा कैबिनेट का विस्तार, जितिन प्रसाद को बनाया जा सकता है मंत्री

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लखनऊ। यूपी में करीब चार महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए आज शाम को तीसरा कैबिनेट विस्तार किया जाएगा। कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद सहित सात मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी।

जितिन के अलावा, मंत्री पद की शपथ लेने वालों में पलटू राम, संजय गौड़, संगीता बिंद, दिनेश खटिक, धर्मवीर प्रजापति और छत्रपाल गंगवार शामिल हैं। दरअसल, चार महीने बाद होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार को काफी अहम माना जा रहा है।

यह लंबे समय से प्रतीक्षित था। बता दें कि आठ जुलाई को हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में यूपी को खास तवज्जो दी गई थी। जिसमें जातीय गणित पर साधने का प्रयास किया गया था। यूपी से बनाए गए सात नए मंत्रियों में चार ओबीसी, दो दलित और एक ब्राह्मण समाज के थे।

मोदी के कैबिनेट में यूपी का मजबूत प्रतिनिधित्व है। यह पहली बार है जब केंद्रीय कैबिनेट में यूपी से रिकॉर्ड 15 मंत्री बनाए गए हैं। भाजपा यूपी चुनाव को पूरी गंभीरता से ले रही है। पार्टी ने बूथों को मजबूत करने का अभियान शुरू कर दिया है।

वहीं, चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी यूपी में तीन दिन प्रवास किया और चुनावी तैयारियों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया है कि 2022 के चुनाव में भाजपा यूपी में 350 सीटें जीतकर सरकार बनाएगी। वहीं, सपा ने 400 विधानसभा सीटें जीतने की बात कही है।

मुख्यमंत्री योगी का कहना है कि पिछले साढ़े चार साल के भाजपा कार्यकाल में यूपी विकास के पथ पर आगे बढ़ा है। अब प्रदेश में निवेश का माहौल बना है और प्रदेश को भ्रष्टाचार व खराब कानून व्यवस्था से राहत मिली है। जनता एक बार फिर भाजपा की सरकार बनवाएगी।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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