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उत्तर प्रदेश

उप्र: योगी सरकार का दावा, प्रदेश की 44 हजार से ज्यादा सड़कों को किया गया गड्ढामुक्त

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Yogi government claims

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लखनऊ। उप्र की योगी सरकार का दावा है कि सरकार ने 2023-24 में अब तक 44 हजार से ज्यादा सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने में सफलता अर्जित की है। सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए गड्ढामुक्ति अभियान के साथ ही नवीनीकरण और रीस्टोरेशन के कार्य को अंजाम दिया गया है।

इनमें लोकनिर्माण विभाग के साथ-साथ राष्ट्रीय मार्ग, मंडी परिषद, नगर विकास, ग्राम्य विकास विभाग समेत कुल 10 विभागों ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया है। सीएम योगी ने सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर को प्रदेश की तरक्की का मंत्र मानकर इस दिशा में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं।

करीब 85 हजार से ज्यादा सड़कों को गड्ढामुक्त करने का लक्ष्य

प्रदेश सरकार ने 2023-24 के लिए 51 हजार से ज्यादा सड़कों को गड्ढामुक्त किए जाने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही करीब 34 हजार सड़कों के नवीनीकरण या रीस्टोरेशन का भी लक्ष्य है। इस तरह कुल मिलाकर करीब 85 हजार से ज्यादा सड़कों को गड्ढामुक्त किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

लक्ष्य के सापेक्ष सरकार ने 15 अक्तूबर तक कुल 44 हजार से ज्यादा सड़कों को गड्ढामुक्त करने में सफलता पाई है। इसमें 24 हजार से ज्यादा सड़कों को गड्ढामुक्ति के द्वारा तो करीब 20 हजार से ज्यादा को नवीनीकरण या रीस्टोरेशन के द्वारा गड्ढामुक्त किया गया है। इस तरह से गड्ढामुक्ति के कार्यों का प्रतिशत 48 प्रतिशत तो नवीनीकरण एवं रीस्टोरेशन का प्रतिशत 57 प्रतिशत से ज्यादा रहा है।

सभी विभागों ने निभाई अहम भूमिका

विभागीय स्तर पर की गई कार्यवाही को देखें तो लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने सर्वाधिक करीब 39 हजार सड़कों को गड्ढामुक्त किया है। इनमें केवल गड्ढामुक्ति द्वारा करीब 21 हजार (लक्ष्य का करीब 47 प्रतिशत) तो नवीनीकरण एवं रीस्टोरेशन के द्वारा करीब 18 हजार (लक्ष्य का 63 प्रतिशत) रोड्स का कायाकल्प किया गया। इसी तरह राष्ट्रीय मार्ग के तहत कुल 768 सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया है।

इसमें 604 सड़कों (लक्ष्य के 77 प्रतिशत से ज्यादा) का गड्ढामुक्ति के तहत तो 164 सड़कों (लक्ष्य के 86 प्रतिशत से ज्यादा) का कायाकल्प करने में सफलता प्राप्त की है। मंडी परिषद ने कुल 377 (369 गड्ढामुक्ति द्वारा और 8 नवीनीकरण एवं रीस्टोरेशन द्वारा) सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने में सफलता हासिल की है।

इसी तरह पंचायती राज विभाग ने 274 (128 गड्ढामुक्ति द्वारा और 146 नवीनीकरण एवं रीस्टोरेशन द्वारा), सिंचाई विभाग ने 58 (26 गड्ढामुक्ति द्वारा और 32 नवीनीकरण एवं रीस्टोरेशन द्वारा), ग्राम्य विकास ने 183 (सभी 183 गड्ढामुक्ति द्वारा), नगर विकास ने 2137 (1315 गड्ढामुक्ति द्वारा और 822 नवीनीकरण एवं रीस्टोरेशन द्वारा), आवास एवं शहरी नियोजन ने 25 (9 गड्ढामुक्ति द्वारा और 16 नवीनीकरण एवं रीस्टोरेशनद्वारा) और अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास ने 1343 (1060 गड्ढामुक्ति द्वारा और 283 नवीनीकरण एवं रीस्टोरेशन द्वारा) सड़कों को गड्ढामुक्त किया गया है।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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