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UPI ने बनाया नया रिकार्ड, सितंबर में लोगों ने कर डाले 20 लाख करोड़ से अधिक के लेनदेन

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नई दिल्ली। भारत में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) इस्तेमाल करने वालों की संख्या हर दिन इजाफा हो रहा है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में UPI नेटवर्क से 50 करोड़ से अधिक दैनिक लेनदेन हुए। UPI लेनदेन का मूल्य लगातार पांचवें महीने 20 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा। औसत दैनिक लेनदेन मूल्य अगस्त के 66,475 करोड़ रुपये से बढ़कर सितंबर में 68,800 करोड़ रुपये हो गया। यह जानकारी भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की ओर से मंगलवार को जारी किए गए डेटा से मिली।

बीते महीने यूपीआई पर प्रतिदिन 50.1 करोड़ लेनदेन हुए थे। अगस्त में यह आंकड़ा 48.3 करोड़ पर था। इस दौरान यूपीआई पर प्रतिदिन औसत 68,800 करोड़ रुपये के मूल्य के लेनदेन हुए। अगस्त में यह आंकड़ा 66,475 करोड़ रुपये पर था। यह लगातार पांचवां महीना है, जब मासिक यूपीआई लेनदेन की वैल्यू 20 लाख करोड़ रुपये रही है।

सितंबर में आधार आधारित पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) से 10 करोड़ के करीब लेनदेन हुए हैं और इनकी वैल्यू 24,143 करोड़ रुपये थी।इमीडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) के जरिए सितंबर में 5.65 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए हैं। इसमें सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। बीते महीने प्रतिदिन औसत 1.4 करोड़ आईएमपीएस लेनदेन हुए हैं और इनकी प्रतिदिन की औसत वैल्यू 18,841 करोड़ रुपये रही थी।

सितंबर में फास्टैग में 31.8 करोड़ लेनदेन हुए हैं। इसमें 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस दौरान फास्टैग में 5,620 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ है और इसमें सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सितंबर के यूपीआई के आंकड़े दिखाते हैं कि देश में डिजिटल लेनदेन में तेजी से वृद्धि हो रही है।

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बेंगलुरु में दस साल से शर्मा बनकर रह रहा था पाकिस्तानी परिवार, घर की दीवारों से खुला राज, गिरफ्तार

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बेंगलुरु। पिछले 10 साल से भारत में फर्जी पहचान के साथ रहने वाले 4 पाकिस्तानियों को 30 सितंबर को गिरफ्तार किया गया है। इनके असली नाम राशिद अली सिद्दीकी (47), आयशा (38), हानिफ मोहम्मद (73) और रुबीना (61) है। ये लोग राजपुरा गाँव में शंकर शर्मा, आशा रानी, राम बाबू शर्मा और रानी शर्मा नाम से रह रहे थे।

‘मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल जश्न-ए-युनूस’ घर की दीवारों पर लिखा था।

पुलिस ने खुफिया इनपुट्स के आधार पर इन्हें चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। ये लोग ढाका से चन्नई एयरपोर्ट पर उतरे थे। जाँच के दौरान आव्रजन अधिकारियों ने इन्हें इनके फर्जी पासपोर्टों के साथ गिरफ्तार किया गया।पूछताछ में पहले इन्होंने बताया कि ये लोग शर्मा परिवार है और बेंगलुरु में 2018 से रह रहे हैं। इनके पास जो पहचान पत्र मिले उनमें भी हिंदू नाम दिखे। हालाँकि जब पुलिस छानबीन के लिए इनके घर गई तो इनके घर की दीवार पर बड़ा-बड़ा ‘मेहदी फाउंडेशन इंटरनेशनल जश्न-ए-युनूस’ लिखा था।

जब सिद्दीकी से सख्ती से पूछताछ हुई तो उसने मान लिया कि वो पाकिस्तानी है और कराची के लियायकतबाद के निवासी है। वहीं उसकी बीवी और उसका परिवार लाहौर का है। उसने बताया कि उसका निकाह आयशा से साल 2011 में ऑनलाइन हुआ था जब वो अपने माता पिता के साथ बांग्लादेश में रहती थी। बाद में राशिद को भी बांग्लादेश आना पड़ा क्योंकि पाकिस्तान मे उसका विरोध होने लगा था।

बांग्लादेश में उसने मेहदी फाउंडेशन में उलेमा का काम शुरू किया। जहाँ संस्था ही उसका सारा खर्चा उठाती थी। बाद में 2014 में भी सिद्दीकी पर हमला हुआ और तब उसे किसी परवेज नाम के शख्स ने भारत में अवैध रूप से एंट्री करा दी।

पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

हकीकत खुलने के बाद पुलिस ने इन चारों की गिरफ्तारी कर ली है। मले को आईपीसी की धारा 420, 468, 471 के तहत और पासपोर्ट एक्ट की सुसंगत धाराओं के तहत दर्ज किया है।

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