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उत्तर प्रदेश

शानदार जल प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश को मिला राष्ट्रीय जल अवार्ड

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लखनऊ | सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल प्रबंधन और जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय जल पुरस्कार से नवाजा गया है। ग्रामीण इलाकों में घर-घर तक नल कनेक्शन पहुंचाने के साथ जल संरक्षण और जल प्रबंधन के क्षेत्र में शानदार काम के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में उत्तर प्रदेश को देश में दूसरा स्थान मिला है।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में मंगलवार को आयोजित पांचवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार कार्यक्रम में इस उपलब्धि के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उत्तर प्रदेश को सम्मानित किया। उत्तर प्रदेश की ओर से नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव और आवास आयुक्त डॉ. बलकार सिंह ने पुरस्कार ग्रहण किया। सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में उड़ीसा को पहला और गुजरात-पुडुचेरी को संयुक्त रूप से तीसरा स्थान मिला।

राष्ट्रपति ने की यूपी के कार्यों की तारीफ

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उत्तर प्रदेश में हर घर तक नल से जल पहुंचाने की मुहिम में किए गए कार्यों और जल संरक्षण की दिशा में किए गए अभिनव प्रयोगों की तारीफ की। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने भी उत्तर प्रदेश द्वारा बुंदेलखंड और विन्ध्य क्षेत्र में घर-घर तक नल कनेक्शन पहुंचाने और जल संरक्षण की दिशा में किए गए कार्यों को सराहा।

इस उपलब्धि के लिए उत्तर प्रदेश को मिला पुरस्कार

जल संरक्षण और जल प्रबंधन के साथ-साथ उत्तर प्रदेश ने 2023 में सबसे तेजी से 17,900 गांवों को हर घर नल से जल पहुंचाने का कीर्तिमान स्थापित किया था। योगी सरकार के निर्देश पर 2023 में डायरेक्टर ग्राउंड वॉटर-सचिव नमामि गंगे रहते हुए डॉ. बलकार सिंह ने जल संरक्षण और जल प्रबंधन के लिए कई अभिनव प्रयोग किए थे। जिसका लाभ जल प्रबंधन के साथ-साथ किसानों को सिंचाई में भी मिला। प्रदेश में सिंचाई की व्यवस्था बेहतर करने के लिए कुल 6000 से अधिक चेक डैम और 1000 तालाबों का निर्माण किया गया। इसके अलावा जल संरक्षण के लिए 31360 सरकारी भवनों पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं का निर्माण किया गया। 2022 से 2023 में पांच ब्लॉक अतिदोहित और क्रिटिकल श्रेणी से हटाए गए। साथ ही 34 शहरों के औसत भूजल स्तर में सुधार हुआ। प्रदेश में 27,368 पारंपरिक जल निकायों का पुनरोद्धार किया गया। 17279 अमृत सरोवरों का निर्माण कराया गया। यही वजह थी कि राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार ग्रहण करने के लिए अपर मुख्य सचिव नमामि गंगे के साथ तत्कालीन डायरेक्टर ग्राउंड वॉटर, सचिव नमामि गंगे डॉ बलकार सिंह मौजूद थे।

2.27 करोड़ से अधिक घरों तक पहुंच चुका नल कनेक्शन

गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना के तहत उत्तर प्रदेश 22 अक्टूबर, 2024 तक 2 करोड़ 27 लाख 77 हजार 194 ग्रामीण परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंचा चुका है। इससे 13.66 करोड़ ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया हो रहा है। इससे पहले हाल ही में राज्य स्वच्छता एवं पेयजल मिशन को इंटरनेशनल ट्रेड शो में बेस्ट डिस्प्ले अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।

जनपदों में बांदा सर्वश्रेष्ठ, दुर्गाशक्ति नागपाल ने ग्रहण किया पुरस्कार

पूरे देश में जल संरक्षण में बांदा को जनपदों की श्रेणी में पहला पुरस्कार मिला। बांदा की तत्कालीन जिलाधिकारी (वर्तमान में लखीमपुर डीएम) दुर्गाशक्ति नागपाल ने मंगलवार को राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कार ग्रहण किया। जल संरक्षण व हर घर तक नल से स्वच्छ जल पहुंचाने के लिए उन्होंने वहां शानदार कार्य किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में यूपी में जलशक्ति की दिशा में किए जा रहे अभूतपूर्व कार्यः सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। सीएम योगी ने लिखा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी द्वारा आज नई दिल्ली में पांचवें राष्ट्रीय जल पुरस्कार-2023 के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में उत्तर प्रदेश को द्वितीय स्थान तथा जनपद बांदा को बेस्ट जनपद (नॉर्थ जोन) के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश में ‘जल शक्ति’ की दिशा में अनेक अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जल संरक्षण, प्रबंधन और जनसहभागिता को प्राथमिकता देने का ही प्रतिफल है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश वासियों एवं जल संरक्षण-संवर्धन के इस पवित्र कार्य में संलग्न सभी जन को हार्दिक बधाई दी।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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