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प्रादेशिक

समय से न्याय, सुशासन की प्राथमिक शर्त : सीएम योगी

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून का राज सुशासन की पहली शर्त है। कानून का राज होने के लिए सुदृढ़ न्याय की व्यवस्था का होना अपरिहार्य है। सुशासन की प्राथमिक शर्तों में समय से न्याय मिलना भी शामिल है। समयबद्ध न्याय मिलने की परिकल्पना को साकार करने के लिए सरकार अधिवक्ताओं के लिए सुविधा व संसाधन बढ़ाने का काम पूरी प्रतिबद्धता से कर रही है।

सीएम योगी सोमवार अपराह्न गोरखपुर कलेक्ट्रेट में 3 करोड़ 46 लाख 21 हजार रुपये की लागत से बने मल्टीस्टोरी अधिवक्ता चैंबर्स, सदर तहसील में 4 करोड़ 54 लाख 24 हजार रुपये की लागत से निर्मित अधिवक्ता चैंबर्स का लोकार्पण और कलेक्ट्रेट परिसर में 1 करोड़ 25 लाख 30 हजार रुपये की लागत से बनने वाली डिजिटल लाइब्रेरी का शिलान्यास करने के बाद उपस्थित अधिवक्ताओं व अन्य जन को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिवक्ता सुदृढ़ न्याय व्यवस्था के साक्षात प्रतिनिधि हैं। इस महत्व को जानते हुए सरकार ने अधिवक्ताओं के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों को लगातार आगे बढ़ाया है। नए अधिवक्ताओं के लिए प्रोत्साहन व अधिवक्ता कल्याण निधि की राशि बढ़ाने की व्यवस्था की। मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन की सरकार विकास के साथ अधिवक्ता हितों के संरक्षण को प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अधिवक्ता न्यायालय को गतिमान करने के तंत्र हैं। उनके लिए बेहतरीन चैंबर्स हों, इस दिशा में सरकार लगातार काम कर रही है। गोरखपुर कलेक्ट्रेट और सदर तहसील में यह कार्य पूर्ण हो गया है। अन्य जगहों से भी अधिवक्ता चैंबर्स के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट में 10000 की क्षमता का सभी सुविधाओं से युक्त मल्टीस्टोरी चैंबर्स बनवा रही है। उन्होंने डीएम व तहसील कोर्टों में लंबित मामलों का समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण की अपील करते हुए कहा कि पीड़ितों को बार-बार आने से राहत मिलनी चाहिए। उसे न्याय का अहसास होना चाहिए।

जनहित में आंदोलन से संकोच नहीं किया गोरखपुर के अधिवक्ताओं ने

गोरखपुर के अधिवक्ता संगठनों से 30 वर्ष के अपने नजदीकी संबंध का उल्लेख करते हुए सीएम योगी ने कहा कि अत्यधिक व्यस्तताओं के बावजूद यहां के अधिवक्ताओं ने जनहित व विकास के मुद्दे पर उनके साथ आंदोलन करने में तनिक भी संकोच नहीं किया।

कलेक्ट्रेट में बनने जा रहा एकीकृत भवन

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1908-09 में बने कलेक्ट्रेट भवन के जर्जर होने के कारण अब यहां एकीकृत कलेक्ट्रेट भवन बनने जा रहा है। इसकी डिजाइन और डीपीआर तैयार हो रही है। आगामी सौ वर्षों को ध्यान में रखकर यह यूपी का पहला ऐसा कलेक्ट्रेट भवन होगा जहां एक ही छत के नीचे सभी अधिकारी बैठकर जनता की समस्याओं का समाधान करेंगे। इसमें अधिवक्ता संगठनों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

तकनीकी से जुड़ना समय की मांग

सीएम योगी ने अधिवक्ताओं को तकनीकी से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि यह समय की मांग है। इससे पीड़ित को न्याय दिलाने में सुविधा व सहूलियत मिलेगी। कलेक्ट्रेट में बनने जा रही डिजिटल लाइब्रेरी तकनीकी को बढ़ावा देने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया का अहम हिस्सा है।

कलेक्ट्रेट की पुरानी लाइब्रेरी का होगा जीर्णोद्धार

मुख्यमंत्री ने कलेक्ट्रेट की 109 साल पुरानी लाइब्रेरी के जीर्णोद्धार को लेकर डीएम से प्रस्ताव भेजने को कहा। उन्होंने कहा कि लाइब्रेरी नया संदेश देने के साथ ज्ञान से समृद्ध करती है। 109 साल पुरानी लाइब्रेरी विरासत है और इसके संरक्षण और भावी पीढ़ियों की स्मृतियों में इसे बसाए रखने के लिए अपने स्तर पर भी प्रयास करने की आवश्यकता है।

कलेक्ट्रेट परिसर से जुड़े अपने आंदोलनों को याद किया सीएम ने

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कलेक्ट्रेट परिसर से जुड़े अपने विभिन्न आंदोलनों को भी याद किया। कहा कि इसी परिसर में एम्स, खाद कारखाना, इंसेफेलाइटिस, बिजली कटौती, जलजमाव आदि समस्याओं को लेकर उन्होंने कितने आंदोलन किए थे। उन आंदोलनों में समाज के सभी तबके के लोग, अधिवक्ता संगठन, व्यापारिक संगठन, सामाजिक- सांस्कृतिक संगठन, भाजपा एवं हिन्दू संगठनों के लोग बढ़चढ़कर साथ निभाते थे। इंसेफेलाइटिस को लेकर मेडिकल से कलेक्ट्रेट और कमिश्नरी तक कई बार पदयात्राएं निकाली गईं। आज इंसेफेलाइटिस नियंत्रण से आंदोलन की वह साधना सिद्धि में बदल गई है।

नए भारत के नए यूपी में जगमगा रहा नया गोरखपुर

मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि नए भारत के नए उत्तर प्रदेश में नया गोरखपुर जगमगा रहा है। एम्स, खाद कारखना चालू हो गया है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज नई आभा के साथ स्वास्थ्य सुविधा का केंद्र बन गया है। चार से छह लेन की सड़कें विकास की नई तस्वीर बता रही हैं।

हर जिले में मेडिकल कॉलेज की तरफ बढ़े कदम

सीएम योगी ने कहा कि लंबे समय तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में एकमात्र मेडिकल कॉलेज गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज ही था। वहां भी एक बेड पर चार मरीज पड़े रहते थे। न तो सुविधा थी और न ही कोई पूछने वाला। आज वहां सभी सुविधाएं हैं। यही नहीं प्रदेश सरकार हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनवा रही है। बस्ती, सिद्धार्थनगर, देवरिया, बहराइच में मेडिकल कॉलेज बन चुका है। कुशीनगर, महराजगंज, गोंडा, बलरामपुर में मेडिकल कॉलेज बन रहा है। यह सब विकास की नई प्रक्रिया है।

पूर्व की सरकारों में नहीं थी कार्य करने की इच्छाशक्ति

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में चल रहे विकास कार्यों को इच्छाशक्ति का परिणाम बताते हुए कहा कि पूर्व की सरकारों में कार्य करने की इच्छाशक्ति नहीं थी। किसी दल का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि उन्होंने परिवारवाद, जातिवाद को बढ़ावा दिया। सौहार्द के नाम पर अपराध और अराजकता को प्रश्रय दिया। विकास के नाम पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया। आज उत्तर प्रदेश सुरक्षित और भ्रष्टाचार से मुक्त है। बीते छह सालों से यहां कोई दंगा नहीं हुआ। पर्व-त्योहार शांति से मनाए जा रहे हैं। हर तरफ खुशहाली है। संबोधन से पूर्व मुख्यमंत्री ने दोनों अधिवक्ता चैंबर्स का निरीक्षण भी किया। कलेक्ट्रेट मुख्यालय के अधिवक्ता चैंबर्स में 24 अधिवक्ता कक्ष, एक मीटिंग सह कांफ्रेंस हाल, एक कामन हाल व स्टिल्ट पार्किंग का निर्माण कराया गया है। जबकि सदर तहसील के अधिवक्ता चैंबर्स में 48 अधिवक्ता कक्ष बनाए गए हैं।

लोकार्पण व शिलान्यास समारोह को सांसद रविकिशन शुक्ल व जिला अधिवक्ता एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्ण कुमार त्रिपाठी ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश शासन के मत्स्य विकास मंत्री डॉ. संजय निषाद, विधायक फतेह बहादुर सिंह, विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, डॉ. विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. धर्मेंद्र सिंह, भाजपा के महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता, जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, जिला अधिवक्ता एसोसिएशन के महामंत्री योगेंद्र कुमार मिश्र, पूर्व अध्यक्ष अमिताभ त्रिपाठी अटल, रामाश्रय पांडेय, विपिन उपाध्याय समेत जिला अधिवक्ता एसोसिएशन, सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन, कमिश्नर्स कोर्ट एसोसिएशन, तहसील बार एसोसिएशन आदि से जुड़े अधिवक्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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