Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी के नेतृत्व में सौर ऊर्जा से जगमग हो रहा उत्तर प्रदेश

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में ‘पीएम सूर्य घर योजना’ को उत्तर प्रदेश में नए आयाम मिल रहे हैं। केंद्र की योजनाओं को प्रदेश के विकास से जोड़ते हुए योगी सरकार ने यूपी को सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में शीर्ष राज्यों में ला खड़ा किया है। बिजली बचत, आय वृद्धि और हरित ऊर्जा के लक्ष्य को पूरा करने वाली इस योजना से प्रदेश के लाखों घर लाभान्वित हो रहे हैं।

प्रदेश सरकार की सक्रियता का ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश, सोलर रूफटॉप इंस्टालेशन के मामले में गुजरात और महाराष्ट्र के बाद देशभर में तीसरे स्थान पर है। अब तक प्रदेश में 53 हजार से अधिक सोलर रूफ टॉप पैनल लगाए जा चुके हैं। सरकार का लक्ष्य अगले तीन वर्षों में 25 लाख सोलर रूफटॉप पैनल लगाने का है। योजना को जनता तक पहुंचाने में मिली सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अब तक 18 लाख से अधिक पंजीकरण हो चुके हैं, जिनमें से 32 हजार से अधिक घरों में पैनल का इंस्टालेशन भी पूरा कर लिया गया है।

सब्सिडी के लाभ से घरों में सौर ऊर्जा को सुलभ बना रही योगी सरकार

पीएम सूर्य घर योजना के तहत सरकार सोलर रूफटॉप लगाने के लिए आकर्षक सब्सिडी प्रदान कर रही है। 1 किलोवॉट क्षमता के पैनल के लिए केंद्र सरकार 30 हजार रुपए और प्रदेश सरकार 15 हजार रुपए की सहायता देती है, यानी कुल 45 हजार रुपए की सब्सिडी। इसी तरह, 2 किलोवॉट के पैनल के लिए केंद्र सरकार द्वारा 60 हजार और योगी सरकार द्वारा 30 हजार, कुल 90 हजार रुपए की सहायता लाभार्थियों को दी जा रही है। वहीं, 3 किलोवॉट या उससे ऊपर के पैनल के लिए केंद्र की ओर से 78 हजार रुपए और राज्य सरकार की ओर से 30 हजार रुपए की सब्सिडी मिलाकर 1 लाख 8 हजार रुपए तक की सहायता दी जा रही है।

लाभार्थियों को मिल रही है बिजली बिल के बोझ से राहत

इस योजना का सीधा फायदा उन घरों को मिल रहा है जो बिजली बिल के बोझ से राहत पाना चाहते हैं। सोलर पैनल लगवाने से न केवल बिजली के बिलों में भारी कमी आ रही है, बल्कि लोग अतिरिक्त ऊर्जा का उपयोग करके आय में वृद्धि भी कर रहे हैं। खास बात यह है कि सौर ऊर्जा के उपयोग से पर्यावरण को भी स्वच्छ और हरित बनाया जा रहा है। योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिल रहा है।

योजना की मॉनीटरिंग खुद कर रहे सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में 25 लाख सोलर रूफटॉप पैनल लगाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए प्रदेश के सातों डिस्कॉम और हर जिले के लिए स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना के सुचारू क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री स्वयं इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं। आरईसी, डिस्कॉम्स और वेंडर्स के साथ समन्वय स्थापित कर इस योजना में आने वाली हर चुनौती का समाधान किया जा रहा है। यह योजना न केवल बिजली के संकट को दूर करने में सहायक है, बल्कि इससे प्रदेश को आत्मनिर्भर और हरित ऊर्जा से संपन्न राज्य बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

हरित प्रदेश का निर्माण में सहायक हो रहा है पीएम सूर्य घर योजना

पीएम सूर्य घर योजना के तहत न केवल बिजली बचत की दिशा में सफलता मिल रही है, बल्कि यह योजना रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रही है। सोलर पैनल इंस्टालेशन से तकनीकी विशेषज्ञों, श्रमिकों और अन्य संबंधित क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए रोजगार के द्वार खुले हैं। इसके अलावा, सौर ऊर्जा के उपयोग से प्रदेश में कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी मदद मिल रही है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में यह योजना एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। जनता को राहत, रोजगार और पर्यावरण संरक्षण के इस अद्भुत संगम से यूपी आने वाले वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

प्रयागराज महाकुम्भ में संयम, साधना और तप की त्रिवेणी का साक्षी बनेगा कल्पवास

Published

on

Loading

महाकुम्भ नगर। प्रयागराज के संगम तट में लगे आस्था के सबसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक समागम में तप, साधना और संयम की त्रिवेणी प्रवाहित हो रही है। भक्ति और अध्यात्म की यह त्रिधारा है कल्पवास जिसकी शुरुआत पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ होगी । प्रदेश की योगी सरकार ने महाकुम्भ में कल्पवासियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए हैं।

महाकुंभ में 7 लाख से अधिक कल्पवासियों से गुलजार होंगे गंगा के तट

महाकुम्भ अध्यात्म और संस्कृति का दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन है। यहां ज्ञान, भक्ति और साधना के विविध रंग दिखते हैं। महाकुम्भ में अखाड़ों के वैभव के अतिरिक्त यहां कल्पवासियों की जप, तप और संयम की त्रिवेणी भी प्रवाहित होती है। पौष पूर्णिमा से पूरे एक महीने तक गंगा और यमुना की रेत पर तंबुओं के शिविर बनाकर ठिठुरती ठंड में साधना करने वाले कल्पवासियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। एडीएम महाकुम्भ विवेक चतुर्वेदी बताते हैं कि इस बार लगभग सात लाख कल्पवासियों के लिए प्रशासन ने व्यवस्था की है। कल्पवासी की उम्र और अवस्था को देखते हुए इन्हें बसाया जा रहा है। मेला के विभिन्न सेक्टर्स में लगभग 900 बीघे में इन्हें बसाया जा रहा है। मेला क्षेत्र में मूल रूप से कल्पवास करने वाले इन श्रद्धालुओं को गंगा के तटों के पास ही तंबुओं की व्यवस्था की गई थी, ताकि सुबह प्रतिदिन इन्हें गंगा स्नान के लिए दूर तक न चलना पड़े।

कल्पवासियों के शिविर में स्वच्छता पर प्राथमिकता

योगी सरकार प्रयागराज महाकुम्भ को दिव्य ,भव्य और स्वच्छ स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए संपूर्ण मेला क्षेत्र में स्वच्छता के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। एसडीएम मेला अभिनव पाठक के मुताबिक विभिन्न सेक्टर में बस रहे कल्पवासियों के शिविर में भी स्वच्छता को प्राथमिकता दी जा रही है। कल्पवासियों के शिविर में कलर कोडेड डस्टबिन रखे जाएंगे। सूखे कूड़े के लिए अलग और गीले कूड़े के लिए अलग डस्टबिन होंगे। गंगा किनारे किसी तरह का कूड़ा जमा न हो पाए, इसलिए वहां भी डस्टबिन रखे जायेगें। कल्पवासियों से भी अपील की जाएगी कि वह सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल शिविर में न करे। इसके लिए सभी शिविरों के बाहर पोस्टर भी लगाए जाएंगे।

कल्पवासियों के शिविरों में अलाव की व्यवस्था

माघ के जिस महीने में ये कल्पवासी गंगा के तट पर कल्पवास करते हैं, वह समय कड़ाके की ठंड का होता है। बुजुर्ग कल्पवासियों के लिए शीत लहरी से बचाव हो इसके लिए भी प्रशासन कई कदम उठा रहा है। अभिनव पाठक बताते हैं कि प्रशासन कल्पवासियों के शिविर के बाहर अलाव जलाने की व्यवस्था करेगा ताकि शीत लहरी से कल्पवासियों का बचाव हो सके।

Continue Reading

Trending