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प्रादेशिक

हर जरूरतमंद को जून, जुलाई व अगस्त महीने में नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा: योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में रिकवरी रेट 95 फीसदी से अधिक है। क्युमुलेटिव पॉजिटिविटी रेट 03 फीसदी के आस-पास है। उत्तर प्रदेश में अब तक 4.77 करोड़ से अधिक कोविड टेस्ट किए गए हैं, यह संख्या देश में सर्वाधिक है। देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश इस महामारी के खिलाफ मजबूती से लड़ रहा है। हमने ‘ट्रेस, टेस्ट एंड ट्रीट’ की रणनीति के साथ कार्य किया और इसके अपेक्षित परिणाम आज सबके सामने हैं। योगी ने कहा कि प्रदेश में हमने कोविड टेस्ट की क्षमता को निरंतर बढ़ाया है। बीते 24 घंटों में प्रदेश में 3.57 लाख से अधिक टेस्ट किए गए हैं, यह देश में सर्वाधिक है। कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए कोविड टेस्ट आवश्यक है, उसी दृष्टि से यह अभियान चल रहा है।

सीएम योगी ने कहा कि जिन जनपदों में ब्लैक फंगस बीमारी के मरीज मिले हैं, वहां उपचार की सुविधा शुरू कर दी गई है। प्रदेश में ब्लैक फंगस से ग्रसित मरीजों का उपचार किया जा रहा है। यह उपचार भी कोरोना की तरह शासन की ओर से नि:शुल्क उपलब्ध कराया जा रहा है। कोरोना प्रबंधन की हमारी नीति सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है। बहुत से मरीज ऐसे हैं, जिनकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है लेकिन उनको अभी कई समस्याएं हैं। इसके लिए पोस्ट कोविड वॉर्ड की स्थापना की गई है महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष रूप में ‘102’ की 2,200 एंबुलेंस पूरे प्रदेश में लगाई गई हैं।

उन्होंने कहा कि इससे कुछ CHC को भी जोड़ा जा रहा है, जिससे बच्चों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। रिस्पॉन्स टाइम कम करने के लिए ‘108’ की 75% एंबुलेंस को कोविड कार्य में लगाया गया है। कोरोना की थर्ड वेव की आशंका पर अभी से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। सभी मेडिकल कॉलेजों में 100 बेड्स एवं जिला अस्पतालों में 25 से 30 बेड्स के PICU वॉर्ड के निर्माण की कार्यवाही प्रारंभ हो चुकी है। हमने स्वच्छता, सैनिटाइजेशन और फॉगिंग पर भी विशेष ध्यान देने को कहा है। यह कार्य कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में मदद करेगा। बरसात के बाद इंसेफेलाइटिस, मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों को रोकने में भी यह मदद करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जरूरतमंद को यूपी सरकार द्वारा भी जून, जुलाई व अगस्त माह में नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही श्रमिक, स्ट्रीट वेंडर जैसे प्रतिदिन कमाने-खाने वाले लोगों के लिए भी भरण-पोषण भत्ते की व्यवस्था की गई है। कम्युनिटी किचन के माध्यम से जरूरतमंद के साथ ही कोविड मरीजों के परिजनों को भोजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के अंतर्गत मई व जून माह में नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीनेशन का बहुत बड़ा रोल है। प्रदेश में अब तक 1.81 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। 01 जून से सभी 75 जनपदों में वैक्सीनेशन कार्यक्रम प्रारंभ कर अभियान को विस्तार दिया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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