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प्रादेशिक

यूपी में अब तक हो चुके हैं 5 करोड़ 19 लाख से ज्यादा कोविड टेस्ट, रिकवरी रेट पहुंचा 98%

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की विशाल आबादी को दृष्टिगत रखते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव व रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार वैक्सीनेशन पर विशेष बल दे रही है। प्रदेश में अब तक 02 करोड़ 7 लाख 11 हजार से अधिक लोगों का टीकाकरण किया जा चुुका है। इसमें 1 करोड़ 71 लाख लोगों ने पहली डोज तथा 36.55 लाख से अधिक लोगों ने दूसरी डोज का टीका लगवाया है। प्रदेश की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए जनपदवार, रणनीति बनाई गई है। जनपदों के अधिकारी ग्रामवार रणनीति बनाकर ग्रामीणों व नगरवासियों के टेस्टिंग, टीकाकरण करा रहे है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा कोरोना के इलाज व बचाव के लिए जो रणनीति बनाई गई है, वह काफी प्रभावी रही, और कोरोना संक्रमण में तेजी से कमी आयी है।

प्रदेश सरकार की सफल, कुशल रणनीति का ही परिणाम है कि कोरोना रोगियों की संख्या काफी हद तक कम हो गई है। प्रदेश में प्रतिदिन 3 से 4 लाख सैम्पल टेस्ट हो रहे है। टेस्ट सैम्पल में पाजिटिविटी दर 0.3 प्रतिशत ही पाये जा रहे है। उत्तर प्रदेश में अब तक 5 करोड़ 19 लाख से अधिक कोविड टेस्ट हो चुके है। कोरोना संक्रमण का वायरस कमजोर पड़ा है किन्तु समाप्त नही हुआ है, इसलिए प्रदेश के सभी नागरिक कोरोना प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए अपनी सुरक्षा अवश्य करें। 5 करोड़ से अधिक कोविड टेस्ट करने वाला उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे आगे है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में 3 टी के अभियान से देश के अन्य प्रदेशों की तुलना में उत्तर प्रदेश में कोविड संक्रमण सबसे कम समय में नियन्त्रित किया गया है। प्रतिदिन आने वाले सक्रिय मामलों में देश में सबसे कम समय में कमी लाई गई। उत्तर प्रदेश मंे जिस रणनीति व माॅडल को अपनाया, वह देश के अन्य प्रदेशों के लिए एक सीख है। प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाकर, गठित निगरानी समितियों द्वारा घर-घर जाकर टेस्ट कराया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में 70 प्रतिशत तक टेस्ट 31 मार्च से अब तक किये गये है। सरकार के इस पूरे अभियान में लाखों कर्मचारी, अधिकारी लगे हुए है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य है कि माह जून 2021 में एक करोड़ लोगों का टीकाकरण किया जाय। प्रदेश में साप्ताहिक बन्दी के दौरान शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में साफ-सफाई के साथ फागिंग सेनेटाइजेशन का कार्य कराया जा रहा है। प्रदेश सरकार की कुशल रणनीति का ही परिणाम है कि कोरोना संक्रमण के फैलाव पर कम समय में काबू पाया गया है।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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