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फिर हादसे का शिकार हुई वंदे भारत एक्सप्रेस, खत्म नहीं हो रहा मवेशियों से टकराने का सिलसिला

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Vande Bharat Express became a victim of accident again

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नई दिल्ली। ट्रेन-18 के रूप में डेवलप वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express Train) एक बार फिर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह ट्रेन अपनी खूबी के लिए कम, हादसों के लिए ज्यादा चर्चित हो रही है। अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से जानवरों के टकराने का सिलसिला खत्म ही नहीं हो रहा है।

ताजा घटनाक्रम में कल गुरुवार को गांधीनगर से मुंबई जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस गुजरात में वलसाड के उदवाड़ा में ट्रैक पर अचानक आई गाय से टकरा गई। इसके बाद ट्रेन का आगे का हिस्सा क्षतिगस्त हो गया। दुर्घटना के बाद ट्रेन 15-20 मिनट तक खड़ी रही।

इसके बाद संजन रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को ठीक किया गया और मुंबई के लिए रवाना कर दिया गया। यह 5वां मौका है, जब वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन हादसे का शिकार हुई है। इससे पहले वलसाड जिले के ही अतुल में भारत ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हुई थी।

पश्चिम रेलवे का कहना है कि उदवाड़ा और वापी स्टेशनों के बीच क्रॉसिंग गेट नंबर 87 के पास हुई इस दुर्घटना में किसी यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। पटरी पर मवेशियों से टकराकर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को नुकसान पहुंचने की कई खबरें सामने आ चुकी हैं।

हालांकि, यह समस्या सिर्फ इस ट्रेन तक ही सीमित नहीं है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मवेशियों की वजह से सिर्फ अक्टूबर के पहले 9 दिनों में 200 से ज्यादा ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा था। वहीं, इस साल की बात करें तो 4 हजार से ज्यादा ट्रेनें मवेशियों से प्रभावित रही हैं।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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