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दिग्गज कारोबारी पालोनजी मिस्त्री का निधन, पीएम मोदी ने जताया शोक

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नई दिल्ली। शापूरजी पालोनजी ग्रुप के चेयरमैन और दिग्गज कारोबारी पालोनजी मिस्त्री (93) का निधन हो गया है। कंपनी के आधिकारिक बयान के मुताबिक, पालोनजी मिस्‍त्री का निधन मध्य रात्रि को उनके साउथ मुंबई स्थित निवास स्थान पर हुआ। पीएम मोदी ने उनकी मृत्‍यु पर शोक प्रकट किया है।

साल 2016 में पालोनजी मिस्‍त्री को भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से नवाजा गया था। पालोनजी मिस्त्री का जन्म गुजरात के एक पारसी परिवार में हुआ था।

कई सेक्टर में कार्यरत है कंपनी

शापूरजी पालोनजी समूह भारत का बड़ा कारोबारी समूह है। यह समूह इंजीनियरिंग से लेकर कंस्ट्रक्शन, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, वाटर, एनर्जी, फाइनेंशियल सर्विस समेत कई क्षेत्रों में काम कर रहा है। इस समूह में करीब 50,000 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं। ग्रुप 50 देशों में एंड टू एंड सॉल्यूशन उपलब्ध कराता है।

टाटा ग्रुप में थी हिस्सेदारी

पालोनजी परिवार की टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स में करीब 18.4 फीसदी की हिस्सेदारी थी। शापूरजी पालोनजी समहू की स्थापना साल 1865 में की गई थी।

शपूरजी पालोनजी समूह की तरफ से मुंबई में कई सारे लैंडमार्क बनाए गए हैं, इसमें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, ताज महल पैलेस बिल्डिंग शामिल हैं। पिछले साल शापूरजी पालोनजी ग्रुप ने अपने कंज्यूमर ड्यूरेबल्स बिजनेस को अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी एंड फंड एडवेंट इंटरनेशनल को बेच दिया था।

साइरस मिस्त्री से कनेक्शन

पालोनजी मिस्‍त्री, साइरस मिस्त्री के पिता है। पालोनजी मिस्‍त्री और उनका परिवार साल 2012 में उस वक्त चर्चा में आया, जब उनके छोटे बेटे साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप का नेतृत्व सौंपा गया थ।

वो दिसंबर 2012 में रतन टाटा के रिटायरमेंट के बाद टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने। हालांकि, साल 2016 में उन्हें पद से हटना पड़ा। इसे लेकर टाटा सन्स प्रा.लि. और साइरस मिस्त्री के बीच काफी विवाद भी हुआ था।

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नेशनल

दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

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