प्रादेशिक
मोनू मानेसर के समर्थन में हो रही थी VHP की बैठक, नाम बदलकर पहुंचा इमरान; पकड़ा गया
गुरुग्राम। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने मानेसर में रविवार शाम बैठक की। इस दौरान एक युवक को बैठक की फोटो खीचते हुए पकड़ लिया गया। लोगों ने जब उससे उसका नाम पूछा तो उसने हिंदू नाम बताया। इसके बाद कड़ाई से पूछताछ में आरोपित की पहचान खोह निवासी इमरान के रूप में हुई। विहिप के पदाधिकारियों ने आरोपित को मानेसर पुलिस के हवाले कर दिया।
मोनू को है जान का खतरा
मोनू मानेसर के समर्थन में विहिप व बजरंग दल के पदाधिकारी शाम को विधायक सत्य प्रकाश जरावता से भी मिले। इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान की जेल में बंद मोनू मानेसर की जान को खतरा है। उसे जल्द से जल्द गुरुग्राम पुलिस को यहां लाना चाहिए। विहिप नेता देवेंद्र सिंह ने कहा कि गुरुग्राम प्रशासन मोनू को यहां लाने में ढिलाई बरत रहा है।
बता दें कि गुरुग्राम पुलिस ने मेवात हिंसा के एक मामले में मोनू मानेसर को पकड़ा था। नूंह कोर्ट में पेशी के बाद राजस्थान पुलिस उसे प्रोडक्शन रिमांड पर अपने साथ ले गई थी। नासिर जुनैद की हत्या के मामले में आरोपित मोनू राजस्थान की भरतपुर जेल में बंद था।
पटौदी पुलिस ने हत्या के प्रयास के एक मामले के आरोपित मोनू का न्यायालय से प्रोडक्शन वारंट मांगा था तथा कोर्ट ने भरतपुर जेल के अधीक्षक को मोनू को 25 सितंबर को पेश करने का आदेश दिया था। परंतु जब तक वारंट पहुंचते, मोनू को भरतपुर की जगह अजमेर जेल में स्थानांतरित किया जा चुका था।
7 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होगा मोनू
25 सितंबर को उसे गुरुग्राम पुलिस नहीं ला सकी थी। अब पटौदी थाना पुलिस ने कोर्ट से मोनू मानेसर का फिर से प्रोडक्शन वारंट मांगा है। कोर्ट ने अजमेर जेल के अधीक्षक को मोनू को सात अक्टूबर को पेश करने का आदेश दिया है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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