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बंगाल पंचायत चुनाव परिणाम के बाद भी हिंसा, दो ISF कार्यकर्ताओं सहित तीन की मौत
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती के दौरान दक्षिण 24 परगना जिले में एक केंद्र के बाहर हिंसक झड़प हो गई। इस हिंसा में बम व गोली लगने से इंडियन सेकुलर फ्रंट (ISF) के दो कार्यकर्ताओं सहित तीन लोगों की मौत हो गई।
हत्या का आरोप सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर है। इसके अलावा जिले के रायदिघी इलाके में एक राजनीतिक कार्यकर्ता की हत्या की खबर है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह घटना 11 जुलाई की देर रात हुई जब ISF के सदस्यों ने कथित तौर पर भांगड़ में मतगणना केंद्र के बाहर बम फेंके और पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
2 ISF कार्यकर्ता की मौत
बम व गोली लगने से दो ISF कार्यकर्ता रेजाबुल गाजी (24) और हसन अली मोल्ला (26) की मौत का पार्टी ने दावा किया है। इसके अलावा यहां हिंसा की चपेट में आने से एक अन्य व्यक्ति राजू मोल्ला (27) की भी मौत की खबर है।
ISF ने इन हत्याओं के लिए तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय बाहुबली नेता अराबुल इस्लाम को जिम्मेदार ठहराया है और उन्हें कड़ी सजा देने की मांग की है। हालांकि, तृणमूल ने आरोपों को खारिज किया है। इस घटना से इलाके में भारी तनाव है। देर रात से ही भारी पुलिस बल मौके पर तैनात है। बता दें कि भांगड़ में इससे पहले पंचायत चुनाव के नामांकन व मतदान के दौरान भी तृणमूल व आइएसएफ के बीच जबरदस्त हिंसा हुई थी।
झड़प में IPS अधिकारी हुए घायल
पुलिस कर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कुछ राउंड रबर की गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। झड़प में एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी उनके अंगरक्षक और कई अन्य पुलिसकर्मी और आईएसएफ के कुछ कथित सदस्य घायल हो गए। अधिकारी ने बताया कि घटना में कथित संलिप्तता के लिए कुछ लोगों को मौके से हिरासत में लिया गया है।
जवाबी कार्रवाई में किया लाठीचार्ज
अधिकारी ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि आधी रात के करीब भांगोर स्थित मतगणना केंद्र के बाहर कुछ लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने हमारे साथियों को निशाना बनाकर बम फेंके। जवाबी कार्रवाई में और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हमारे अधिकारियों ने लाठीचार्ज किया। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस कर्मियों को कुछ राउंड आंसू गैस और रबर की गोलियां चलानी पड़ीं। अधिकारी ने बताया कि पुलिसकर्मियों के साथ-साथ आईएसएफ के कथित सदस्यों का एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
भांगड़ में तनाव वाला माहौल
भांगड़ में, खासकर मतगणना केंद्र के बाहर पुलिस कर्मियों की एक बड़ी टीम तैनात की गई है। बता दें, राज्य चुनाव आयोग द्वारा ग्रामीण चुनावों की घोषणा के बाद से ही भांगड़ में तनाव बना हुआ है। राज्यपाल डॉ. सीवी आनंद बोस ने दो बार हिंसा प्रभावित भांगड़ का दौरा किया था और वहां चुनाव संबंधी झड़प में मारे गए एक व्यक्ति के परिवार के सदस्यों और घायल लोगों से बात की थी।
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सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी
राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।
नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।
इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।
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