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मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी में तीन की मौत; सुरक्षाबलों ने संभाला मोर्चा

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Violence flares up again in Manipur

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इंफाल। पिछले कुछ दिनों की शांति के बाद हिंसाग्रस्त मणिपुर में आज शुक्रवार सुबह एक बार फिर हिंसा भड़क गई। जानकारी के मुताबिक सुबह करीब 5.30 बजे उखरुल जिले के लिटन पुलिस स्टेशन के अंतर्गत थवई कुकी गांव में संदिग्ध मैतेई सशस्त्र बदमाशों और कुकी स्वयंसेवकों के बीच गोलीबारी हुई। इसमें तीन कुकी लोगों के मारे जाने की खबर है।

बीएसएफ सहित सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेरकर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बताई गई है। सूत्रों के मुताबिक मैतेई उपद्रवियों ने सबसे पहले गांव के ड्यूटी पोस्ट पर हमला किया, जहां स्वयंसेवक गांव की सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे थे। इस गोलीबारी में तीन कुकी स्वयंसेवकों के मारे जाने की खबर है। मारे गए लोगों की पहचान जामखोगिन हाओकिप (26), थांगखोकाई हाओकिप (35) और होलेनसोन बाइते (24) के रूप में हुई है।

उल्लेखनीय है कि यह गांव मैतेई आबादी क्षेत्र से काफी दूर स्थित है। निकटतम मेइतेई निवास यिंगांगपोकपी में है जो घटना स्थल से 10 किलोमीटर से अधिक दूर है। बताया जा रहा है कि घटनास्थल से 37 बीएन बीएसएफ (महादेव) करीब पांच से छह किलोमीटर दूर है। घटना के बाद बीएसएफ सहित अन्य सुरक्षाबल मौके पर पहुंच गए हैं। सुरक्षाबलों ने पूरे क्षेत्र को घेरकर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।

जनजातीय आरक्षण देने की मांग

बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसकी वजह ये है कि मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है लेकिन ये लोग राज्य के सिर्फ 10 प्रतिशत मैदानी इलाके में रहते हैं। वहीं कुकी और नगा समुदाय राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं जो की राज्य का करीब 90 फीसदी है।

जमीन सुधार कानून के तहत मैतई समुदाय के लोग पहाड़ों पर जमीन नहीं खरीद सकते, जबकि कुकी और नगा समुदाय पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। यही वजह है, जिसकी वजह से हिंसा शुरू हुई और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

सीबीआई ने शुरू की मणिपुर हिंसा की जांच

वहीं केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने मणिपुर हिंसा की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए 53 अफसरों की टीम बनाई गई है, जिसमें 29 महिला अफसरों को शामिल किया गया है। सीबीआई की टीम में तीन डीआईजी लवली कटियार, निर्मला देवी और मोहित गुप्ता और सुपरीटेंडेंट ऑफ पुलिस राजवीर सिंह भी शामिल हैं।

ये अधिकारी सीबीआई के जॉइंट डायरेक्टर घनश्याम उपाध्याय को अपनी रिपोर्ट देंगे। बता दें कि यह पहली बार है कि इतनी बड़ी संख्या में महिला जांच अधिकारियों को जांच टीम में शामिल किया गया है।

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सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी

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राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।

नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।

 

इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।

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