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जुर्म

वीजा भ्रष्टाचार: कार्ति चिदंबरम पर कसा CBI का शिकंजा, करीबी सहयोगी गिरफ्तार

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नई दिल्ली। सीबीआई ने कल देर रात पूछताछ के बाद वीजा भ्रष्टाचार मामले में कांग्रेस नेता कार्ति पी चिदंबरम के करीबी सहयोगी एस भास्कर रमन को गिरफ्तार कर लिया। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सीबीआई सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।

इससे पहले सीबीआई ने एक चीनी कंपनी को सीमा से ज्यादा वीजा जारी करने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में कार्ति चिदंबरम सहित पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इस सिलसिले में छापेमारी और तलाशी जारी है। मंगलवार को दस जगहों पर तलाशी की गई।

सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे और कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम सहित पांच आरोपियों के कई ठिकानों पर मंगलवार को छापेमारी की थी। चिदंबरम के आवास पर भी तलाशी की गई थी।

सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम पर कसा शिकंजा

सीबीआई ने चेन्नई, मुंबई स्थित निजी व्यक्तियों, मुंबई, मानसा (पंजाब) आदि में स्थित निजी कंपनियों एवं अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित पांच आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है।

इन पर आरोप है कि एक परियोजना के लिए चीनी कर्मचारियों को वीजा दिलाने के लिए 50 लाख रुपये की घूस ली गई। मामले में जांच जारी है। मंगलवार को चेन्नई, मुंबई, कोप्पल (कर्नाटक), झारसुगुड़ा (ओडिशा), मानसा (पंजाब) एवं दिल्ली आदि सहित लगभग 10 स्थानों पर तलाशी की जा रही है।

ये हैं आरोप

अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कार्ति चिदंबरम को यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान 1980 मेगावाट की तलवंडी साबो बिजली परियोजना के लिए जुलाई-अगस्त 2011 में चीन के 263 कर्मचारियों को वीजा दिलवाने के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत मिली थी।

उस समय पी. चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे। साथ ही अधिकारियों ने बताया कि पंजाब के मानसा में बिजली परियोजना की स्थापना के लिए चीन की एक कंपनी के साथ अनुबंध किया गया था, लेकिन उसका काम तय समय से पीछे चल रहा था।

परियोजना के लिए कामगारों की जरूरत थी, लेकिन सीमित संख्या में ही विदेशी नागरिकों को वर्क परमिट दिया जा सकता था। आरोप है कि कंपनी ने कार्ति से संपर्क किया, जिन्होंने अपने प्रभाव का फायदा उठाते हुए अधिकृत संख्या का उल्लंघन कर वीजा दिलवाया।

आईएनएक्स मीडिया केस की जांच में मिला सुराग

अधिकारी ने बताया कि कार्ति के खिलाफ यह जांच आईएनएक्स मीडिया मामले की जांच के दौरान कुछ संबंधित सुराग मिलने पर शुरू की गई। कार्ति आईएनएक्स मीडिया में विदेशी निवेश के लिए कथित तौर पर विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने के आरोप में आपराधिक मामलों का सामना भी कर रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि लेन-देन की जांच के दौरान सीबीआई को 50 लाख रुपये की संदिग्ध राशि का पता चला, जो कथित तौर पर एक संयंत्र में काम करने वाले चीन के श्रमिकों को वीजा दिलवाने के वास्ते ली गई थी।

कार्ति ने जताई नाराजगी

कार्ति ने विस्तृत जानकारी दिए बिना ट्वीट किया, अब तो मैं गिनती भी भूल गया हूं कि कितनी बार ऐसा हुआ है? शायद यह एक रिकॉर्ड होगा। बाद में उन्होंने ट्वीट किया कि उनके दफ्तर ने उन्हें सीबीआई छापों के बारे में अपडेट किया है।

उन्होंने लिखा, मेरे कार्यालय ने बताया कि 2015 में दो बार, 2017 में एक बार, 2018 में दो बार और आज। यानी कुल छह बार सीबीआई उनके ठिकानों पर पहुंची।

पी. चिदंबरम ने छापेमारी के समय को बताया दिलचस्प

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने मंगलवार को कहा कि सीबीआई ने आज उनके चेन्नई स्थित घर व दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास पर छापेमारी की, लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिला और कुछ भी जब्त नहीं किया गया। पूर्व गृह मंत्री ने यह भी कहा कि हालांकि, मैं इस बात की ओर ध्यान जरूर दिलाना चाहूंगा कि छापेमारी का समय दिलचस्प है।

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उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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