उत्तर प्रदेश
उप्र विधान परिषद की दो सीटों के लिए मतदान जारी, भाजपा की जीत लगभग तय
लखनऊ। उप्र में विधान परिषद की दो रिक्त सीटों पर हो रहे उप चुनाव के तहत आज मतदान जारी है। विधानभवन के तिलक हॉल में विधानसभा के सदस्य अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। मतदान शाम चार बजे तक होगा। दोनों रिक्त सीटों के लिए दो अलग-अलग मतदान बूथ बनाए गए हैं। मतदान के एक घंटा बाद मतगणना की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। रात्रि छह बजे तक नतीजे सामने आ सकते हैं।
उपचुनाव में भाजपा ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी किया है। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पार्टी विधायकों को संदेश दिया कि एक भी वोट बर्बाद नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले मतदान किया। अन्य विधायक भी पहुंचने लगे हैं।
बृजेश पाठक ने किया मतदान, राजभर ने नहीं खोले पत्ते
मुख्यमंत्री के मतदान करने के बाद उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने भी वोट डाला। उनके साथ सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी थे। राजभर ने वोट करने के बाद कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। कहा कि ये गुप्त मतदान है। मतदान के बाद बृजेश पाठक और राजभर हाथ मिलाते हुए एक साथ निकले।
भाजपा का दावा, दूसरे दलों के विधायक भी देंगे वोट
भाजपा गठबंधन के पास अधिकृत आंकड़ा 274 है, जबकि भाजपा के मुख्य सचेतक रामनरेश अग्निहोत्री ने कहा कि उपचुनाव में भाजपा को 290 वोट मिलेंगे। उन्होंने कहा कि दूसरे दलों के विधायक भी भाजपा प्रत्याशियों को ही मतदान करेंगे। वहीं, सपा विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि पार्टी के दोनों प्रत्याशियों को 118 से अधिक वोट मिलेंगे।
बता दें कि जीत के लिए 202 मतों की ही जरूरत है, ऐसे में दोनों सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की जीत तय मानी जा रही है। भाजपा से पद्मसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह व सपा से रामजतन राजभर और रामकरन निर्मल चुनाव लड़ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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