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हथियार, झंडा और करेंसी: बेहद खतरनाक थे अमृतपाल के इरादे; गनमैन से हुआ खुलासा  

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चंडीगढ़। ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखिया अमृतपाल सिंह के बारे में लगातार बड़े खुलासे हो रहे हैं। खालिस्तान के लिए वह किस हद तक जुनूनी था, इसका अंदाजा उन फोटो और वीडियो से लगाया जा सकता है जो आज शुक्रवार को खन्ना पुलिस ने जारी किए।

खन्ना पुलिस को अमृतपाल के गनमैन के मोबाइल से कुछ ऐसे वीडियो और फोटो मिले हैं जिससे पता चलता है कि अमृतपाल खालिस्तान बनाने की पूरी तैयारी में जुटा था।

बना रखे थे दो व्हाट्सऐप ग्रुप

खन्ना एसएसपी अमनीत कौंडल ने आज शुक्रवार को पत्रकारवार्ता में बताया कि अमृतपाल ने आनंदपुर खालसा फौज (AKF) के नाम से एक व्हाट्सऐप ग्रुप बना रखा था। इसमें 10 सदस्य थे। इसके अलावा उसने अपना एक और ग्रुप बना रखा था जिसका नाम अमृतपाल टाइगर फोर्स (ATF) था। उसमें अमृतपाल के करीबी ही थे।

हथियार असेंबल करना भी सिखाता था

गनमैन गोरखा बाबा के मोबाइल से फायरिंग रेंज के वीडियो मिले हैं। अमृतपाल अपने समर्थकों को न केवल हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहा था बल्कि उन्हें हथियार असेंबल करना भी सिखा रहा था। इसके अलावा AKF के सदस्यों को बुलेटप्रूफ जैकेट भी मुहैया करवाई गई थी।

खालिस्तान का झंडा और करेंसी

अमृतपाल ने आनंदपुर साहिब फोर्स की बेल्ट भी तैयार करवा ली थी। इसके अलावा AKF के टैटू और खालिस्तान का झंडा भी तैयार करवा चुका था। अमृतपाल खालिस्तान में डॉलर चलाना चाहता था। उसने अपनी करेंसी भी तैयार की है। इसमें एक तरफ जरनैल सिंह भिंडरावाले और दूसरी तरफ श्री हरमंदिर साहिब की फोटो लगी है।

गोरखा बाबा के मोबाइल से खालिस्तान का नक्शा भी मिला है। वहीं पाकिस्तानी लाइसेंस की नकल भी मोबाइल से मिली हैं। गोरखा के मोबाइल से गुरभेज नाम के व्यक्ति के हाथ पर बना AKF का टैटू भी मिला है।

पुलिस के अनुसार गोरखा बाबा ने पूछताछ में माना कि उन्हें बुलेटप्रूफ जैकेट इसी गुरभेज ने लाकर दी थी। अमृतपाल के इरादे इतने बुलंद थे कि उसने सिख रियासतों के झंडे तक तैयार कर लिए थे।

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World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल

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बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।

180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए

दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।

ये रिकॉर्ड टूटे

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक

एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स

⁠एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया

 

 

 

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