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प्रादेशिक

जो 70 वर्ष में नहीं हो पाया, वह आजादी के अमृत महोत्सव में पूरा हो गया: सीएम योगी

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ग्वालियर। सीएम योगी ने ग्वालियर साउथ से श्रीनारायण सिंह कुशवाह, ग्वालियर पूर्व से माया सिंह व ग्वालियर से प्रद्युम्न सिंह तोमर के लिए जनसमर्थन मांगा। सीएम ने कहा कि राम जन्मभूमि आंदोलन की बात आती है तो राजमाता विजया राजे सिंधिया का स्मरण हो उठता है। कोई आंदोलन नहीं था, जिसमें उनकी सक्रिय भूमिका न रही हो। मध्य प्रदेश में डबल इंजन की सरकार आवश्यक है। आपका आह्वान करने हिंदुत्व की आधारभूमि ग्वालियर में विशेष रूप से आया हूं।

सीएम योगी ने कहा कि ग्वालियर का एयरपोर्ट भव्य बन रहा है। एक समय यहां 15 सौ यात्री बैठ सकते हैं। रामायण में हम पढ़ते थे कि श्रीराम जी पुष्पक विमान से अयोध्या वापस आए थे। आज हर व्यक्ति को पुष्पक विमान में बैठने का अवसर मिल रहा है। आजादी के 70 वर्षों में यह नहीं हो पाया था, लेकिन देश जब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा था तब यह सपना भी साकार हो रहा था। इसे साकार होते हम सबने देखा है। हवाई चप्पल पहनने वाला भी अब हवाई यात्रा कर रहा है।

सीएम योगी ने कहा कि भगवान राम का नाम लेने पर समाज जोड़ने का संकल्प इससे जुड़ा होता है। वनवासियों व जनजातियों के सहयोग से राक्षसी ताकतों को नेस्तनाबूद कैसे किया जा सकता है, यह ताकत भी श्रीराम ने शबरी के जूठे बेर में देखे थे। आज भी वह हम सबके लिए अनुकरणीय है। शासन की सबसे आदर्श व्यवस्था रामराज्य की है। डबल इंजन की सरकार रामराज्य की कल्पना को मजबूती प्रदान कर रही है।

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उत्तर प्रदेश

आमजन को शीतलहर से बचाने में जुटी योगी सरकार, जनपदों को आवंटित किए 20 करोड़

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लखनऊ| योगी सरकार ने ठंड को देखते हुए प्रदेशवासियों को शीतलहर से बचाने के लिए कंबल और अलावा के लिए विभिन्न जिलों को पहली किस्त जारी कर दी है। योगी सरकार ने करीब 20 करोड़ आवंटित करते हुए निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जरुरतमंदों को वितरित किये जाने वाले कंबलों की गुणवत्ता उच्च क्वालिटी की होनी चाहिए। साथ ही सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को निराश्रित व्यक्तियों, शरणार्थियों और प्रभावितों के अस्थायी आवास, भोजन, वस्त्र एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। राहत विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को धनराशि आवंटित कर दी है। जिलाधिकारियों द्वारा कंबल और अलाव के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।

गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर के लिए सबसे ज्यादा धनराशि आवंटित

राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर कमजोर वर्ग के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। योगी सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं भी चलायी जा रही हैं। सरकार कमजोर, असहाय वर्ग के लोगों को आपदा से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। ठंड की शुरुआत के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शीतलहरी से निपटने के लिए 351 तहसील को कंबल के लिए पहली किस्त के रूप में 17.55 करोड़ रुपये आवंटितक किए गए हैं। वहीं अलाव के लिए एक करोड़ 75 लाख 50 हजार रुपये आवंटित किए गए। विभाग ने पहली किस्त के रूप में कुल उन्नीस करोड़ तीस लाख पचास हजार रुपये आवंटित किये हैं। इसमें 38 लाख 50 हजार रुपये की सर्वाधिक धनराशि गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के लिए आवंटित की गई है। सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को ठंड से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतलहरी से निपटने के लिए जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को चिह्नित करने के निर्देश दिये हैं। शीतलहरी से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम एवं ग्रामीण इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर आवश्यकतानुसार अलाव जलाने को कहा गया है। इसके अलावा हर शहर की सीमा के तहत मुख्य मार्गों एवं विशेषकर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सफेद थर्मोप्लास्टिक पेंट द्वारा पट्टियों को दर्शाने, रिफलेक्टर, सोलरकैट साईन एवं डेलिवेटर लगाने का काम समय से पूरा करने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण दुर्घटना न हो। इसके अलावा अभियान चलाकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि कार्यों में उपयोग में आने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों के पीछे रेडियम की पीली पट्टी लगवाने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर नियत्रंण किया जा सके। शासन ने निर्देश दिया है कि सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में समय रहते रैन बसेरे एवं शेल्टर होम आदि की स्थापना कर ली जाए। रैन बसेरों-शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाया जाए। जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रात में औचक निरीक्षण भी किया जाए।

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