Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

इस साल कब है होलिका दहन? जानिए सही तिथि व शुभ मुहूर्त

Published

on

When is Holika Dahan this year

Loading

नई दिल्ली। हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन का पर्व मनाया जाता है लेकिन इस साल होलिका दहन की तिथि को लेकर थोड़ा असमंज है। इस साल पूर्णिमा तिथि दो दिन पड़ रही है। देशभर में कहीं 6 मार्च की रात को तो कहीं पर 7 मार्च को होलिका दहन किया जा रहा है।

होलिका दहन 2023 कब?

होलिका दहन का मुहूर्त तीन चीजों पर निर्भर करता है। पूर्णिमा तिथि, प्रदोष काल और भद्रा न हो। ऐसा बहुत ही कम होता है कि होलिका दहन इन तीनों चीजों के साथ होने पर हो लेकिन पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन होना बेहद जरूरी है। पूर्णिमा के रहते हुए पुच्छ काल में यानी भद्रा के आखिरी समय में होलिका दहन करना शुभ माना जाता है।

होलिका दहन 6 और 7 मार्च के बीच रात 12 बजकर 40 मिनट से 2 बजे तक करना शुभ होगा। क्योंकि 7 मार्च को पूर्णिमा तिथि शाम 6 बजकर 10 मिनट तक ही है लेकिन कई जगहों पर 7 मार्च को भी होलिका दहन किया जा रहा है।

होलिका दहन 2023 शुभ मुहूर्त

फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि आरंभ- 06 मार्च, सोमवार को शाम 04 बजकर 17 मिनट से आरंभ

पूर्णिमा तिथि का समापन- 7 मार्च,  मंगलवार को शाम 06 बजकर 09 मिनट पर

भद्रा- 6 मार्च को  शाम 04 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर 7 मार्च को भद्रा सुबह 5 बजकर 15 मिनट तक

होलिका दहन का शुभ मुहूर्त- 07 मार्च, मंगलवार को शाम 06 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

होलिका पूजन का सही समय

होली की पूजा पूर्णिमा तिथि के दिन सूर्यास्त के समय करने का विधान है। पंचांग के अनुसार इस साल 6 मार्च की शाम पूर्णिमा तिथि के साथ गोधूलि बेला भी है। इसलिए शाम 6 बजकर 24 मिनट से 6 बजकर 48 के बीच होलिका पूजन करना शुभ होगा।

डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी सिर्फ सूचना मात्र है. अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

Continue Reading

आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

Published

on

Loading

लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

Continue Reading

Trending