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मुख्य समाचार

जुबैर गिरफ्तार हो गया, तो नूपुर शर्मा आसमान से आईं हैं क्याु?: असदुद्दीन ओवैसी

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नई दिल्‍ली। AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने उदयपुर में कन्‍हैयालाल की हत्‍या के लिए राजस्‍थान सरकार को जिम्‍मेदार ठहराया है। ओवैसी ने कहा, ‘कन्‍हैयालाल ने तो कम्‍प्‍लेंट दी थी कि उसकी जान को खतरा है। ये राजस्‍थान की सरकार की गलती है। उनको प्रोटेक्‍शन देनी चाहिए थी।’

AIMIM नेता ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि ‘कन्‍हैयालाल आज जिंदा होते अगर राजस्‍थान की पुलिस हरकत करती। उसे जो धमकी आई, उसपर एक्‍ट करती। नूपुर शर्मा को भी जो धमकियां दी जा रही हैं, वो गलत हैं।’

उदयपुर की घटना पर ओवैसी ने कहा कि ‘मैं उनका (आरोपियों) प्रवक्‍ता नहीं हूं। मैं उनकी इस गलत हरकत के खिलाफ… उन्‍होंने गंदगी की है… हॉरिबल क्राइम किया है… मैं कन्‍डेम करता हूं… एक वीडियो बनाकर जिस तरह उन्‍होंने कन्‍हैयालाल को मारा, उसे कन्‍डेम करते हैं।

ओवैसी ने कहा पर उसी उदयपुर में चंद साल पहले एक अफरोजुल नाम, वेस्‍ट बंगाल के लेबरर को एक शख्‍स ने कट्टे से मार कर उसका वीडियो बनाया, उसके जिस्‍म को जलाया… उसे भी कन्‍डेम करना चाहिए।’

‘जुबैर की गिरफ्तारी सही तो…’

AIMIM के प्रमुख ने कहा कि रेडिकलाइजेशन को कंट्रोल करना है तो रूल ऑफ लॉ को सुप्रीम बनाइए। अगर जुबैर 2018 में ट्वीट करता है और 2021 का ट्विटर हैंडल कम्‍प्‍लेन करता है जो आज गायब हो चुका है तो जुबैर गिरफ्तार हो जाएगा। नूपुर शर्मा आसमान से आईं हैं क्‍या?

ओवैसी ने कहा कि ‘अगर जुबैर की गिरफ्तारी सही है तो सेंट्रल बोर्ड जिसने पिक्‍चर को पास किया था, उन सबको गिरफ्तार करना चाहिए।’ ओवैसी ने कहा कि नुपुर शर्मा के खिलाफ बार-बार प्रदर्शनों में हमने कानून से अपना काम करने की बात कही।

‘नूपुर शर्मा से क्‍यों डरती है दिल्‍ली पुलिस?’

AIMIM सांसद ने कहा कि ‘जहां तक उदयपुर का मामला है, मैंने उसी दिन निंदा की थी। मुसलमानों के तमाम बड़े-बड़े संगठनों ने निंदा की है। हम कह रहे हैं कि आप कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकते मगर ट्रेजडी यह है कि नूपुर शर्मा को जान की धमकी दी गई, हम उसकी भी निंदा करते है।

सांसद ने कहा उनको कानून का प्रोटेक्‍शन मिल रहा है मगर उन्‍होंने जो कानून का उल्‍लंघन किया तो उसपर कानून को काम करने नहीं दिया जा रहा है। दिल्‍ली पुलिस आखिर इतनी मजबूर क्‍यों है? क्‍यों दिल्‍ली पुलिस नूपुर शर्मा से इतना डरती है?’

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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