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मोरबी हादसे का जिम्मेदार कौन? क्या ज्यादा कमाई के लालच ने लील लीं 141 जिंदगियां 

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Morbi bridge accident

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अहमदाबाद। गुजरात के मोरबी (Morbi) का ‘झूलता पुल’ रविवार को मौत का पुल बन गया। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त करीब 500 लोग इसपर सवार थे। अब तक 141 लोगों की मौत हो चुकी है। सवाल उठ रहा है कि 7 महीने पहले रिनोवेशन के लिए बंद हुए पुल को बगैर फिटनेस सर्टिफिकेट के क्यों खोला गया? हालांकि, रखरखाव करने वाली निजी कंपनी के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

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बता दें कि मार्च 2022 में मोरबी की ओरेवा ग्रुप को पुल के रखरखाव का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। मोरबी नगरपालिका के मुख्य अधिकारी संदीप सिंह जाला ने कहा, ‘पुल मोरबी नगरपालिका की संपत्ति है, लेकिन हमने 15 सालों तक रखरखाव और संचालन के लिए इसे कुछ महीनों पहले ओरेवा ग्रुप को सौंपा था। हालांकि, निजी कंपनी ने हमें जानकारी दिए बिना पुल आने वालों के लिए खोल दिया था। इसके चलते हम पुल का सेफ्टी ऑडिट नहीं करा सके।’

उन्होंने बताया, ‘रिनोवेशन के काम के बाद इसे जनता के लिए खोल दिया गया था लेकिन स्थानीय नगरपालिका ने अब तक कोई फिटनेस सर्टिफिकेट जारी नहीं किया था।’

क्या कमाई बनी वजह?

मच्छु नदी पर बने इस पुल पर जाने के लिए लोग टिकट खरीद रहे थे। अब आशंकाएं जताई जा रही हैं कि ज्यादा कमाई के लालच में क्षमता से ज्यादा लोगों को पुल पर जाने दिया गया। हादसे में घायल धीरज बाबूभाई सोलंकी अपने दो भतीजों को गंवा चुके हैं।

उन्होंने जानकारी दी कि वह पुल के बीच में थे और पुल अचानक बैठ गया। सोलंकी ने बताया कि पुल भरा हुआ था। टिकट को लेकर जानकारी दी कि उन्होंने खुद के लिए 17 रुपये और बच्चों के लिए 12 रुपये का टिकट खरीदा था। वह बचावकार्य करने वालों का लगातार धन्यवाद कर रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और डॉ. कुमार विश्वास ने संगम में लगाई डुबकी, गौतम अदानी ने की श्रद्धालुओं की सेवा

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महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के तहत संगम घाट पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ संगम के पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अदानी ने श्रद्धालुओं के लिए चल रहे भंडारे में सेवा की और फिर बड़े हनुमान मंदिर में पूजन अर्चन किया।

रामनाथ कोविंद ने सपरिवार किया स्नान

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी पत्नी और पुत्री के साथ संगम की पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया। इस दौरान मंत्री नंदी ने स्वयं उनका हाथ पकड़कर स्नान में सहयोग किया। स्नान के बाद मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने सपरिवार मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पूजा-अर्चना की। उन्होंने महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्कृष्ट उदाहरण है। पूर्व राष्ट्रपति ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की अवधारणा को देश के आर्थिक विकास के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश की जीडीपी और आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा।

कुमार विश्वास बोले- सामाजिक समरसता का परिचायक है महाकुम्भ

डॉ. कुमार विश्वास ने मां गंगा का जयकारा लगाते हुए स्नान किया। उन्होंने गंगा के महात्म्य पर अपनी कविता से सबको मंत्रमुग्ध करते हुए कहा कि
“तपस्वी राम के चरणों चढ़ी उपहार तक आई,
हमारी मां हमारे लोक के स्वीकार तक आई।”
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का यह आयोजन 144 वर्षों के बाद आया दुर्लभ संयोग है, जो भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रेरणा देगा। उन्होंने सभी से राजनीतिक भेदभाव भूलकर इस सर्वसमावेशी आयोजन में भाग लेने का आह्वान किया। डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का सार है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक समरसता का परिचायक है, जो पूरे विश्व को एक नई दिशा देगा।

गौतम अदानी ने सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को कहा धन्यवाद

उद्योगपति गौतम अदानी ने इस्कॉन द्वारा संचालित इस्कॉन रसोई में सेवा की और श्रद्धालुओं को खाना खिलाया। उन्होंने महाकुम्भ को अद्भुत, अद्वितीय, एवं अलौकिक कहा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज आकर ऐसा लगा मानो पूरी दुनिया की आस्था, सेवाभाव और संस्कृतियां यहीं मां गंगा की गोद में आकर समाहित हो गयी हैं। कुम्भ की भव्यता और दिव्यता सजीव बनाए रखने वाले सभी साधु, संत, कल्पवासी एवं श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूँ। मां गंगा का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे। गौतम अदानी संगम और हनुमान जी के दर्शन करते हुए शंकर विमान मंडपम पहुंचे, जहां मुख्य द्वार पर 21 वैदिक ब्राह्मणों ने ‘वैदिक वेलकम’ किया। उन्होंने विमान मंडपम मंदिर प्रांगण में मौजूद गीता प्रेस की आरती संग्रह पगोडा पर श्रद्धालुओं बातचीत भी की।

राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने दूसरे दिन भी किया पवित्र स्नान

उधर, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए तीन दिन तक पवित्र स्नान और तर्पण करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने कल पवित्र स्नान किया, आज भी करूंगी और कल फिर करूंगी। मेरे नाना, नानी, दादा-दादी यहां नहीं आ सके, इसलिए उनकी ओर से तर्पण कर रही हूं। यह मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है।” सुधा मूर्ति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, “योगी जी और उनकी टीम ने यहां बहुत अच्छा काम किया है। मैं उनके लंबे जीवन की कामना करती हूं।”

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