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खेल-कूद

बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने फिर खोला मोर्चा, इस बार सभी दलों का स्वागत

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Wrestlers again open front against Brij Bhushan Singh

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नई दिल्ली। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष व भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने एक बार फिर मोर्चा खोला है। लगभग तीन महीने बाद दिल्ली के जंतर-मंतर पर कल रविवार को जुटे पहलवानों का धरना आज सोमवार को भी जारी है।

पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगोट, साक्षी मलिक और संगीता फोगोट के नेतृत्व में जुटे पहलवानों ने बृजभूषण के खिलाफ एफआइआर कराने की मांग की है। बजरंग पुनिया ने कहा, “अभी शिकायत किए हुए 48 घंटे से ज्यादा हो गया मगर अभी तक FIR नहीं हुई है…इस बार सभी का स्वागत है। कोई भी पार्टी (भाजपा, कांग्रेस, AAP) आए, सभी का स्वागत है।”

वहीं, दिल्ली पुलिस ने कहा है कि WFI प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध के बीच पुलिस ने उनकी (प्रदर्शन कर रहे पहलवानों की) शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने खेल मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति से रिपोर्ट मांगी है।

7 महिला पहलवानों ने CP थाने में दी यौन शौषण की शिकायत

विनेश फोगोट ने कहा, “सात महिला पहलवानों ने कनोट प्लेस (CP) थाने में दो दिन पहले बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत दी है। इसमें से एक पहलवान नाबालिग है। इसलिए बृजभूषण के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर पोक्सो के तहत कार्रवाई की जाए। उन्होंने उनका नार्को टेस्ट कराए जाने की मांग भी की।”

विनेश ने पत्रकारों से बातचीत में आगे कहा कि दो दिन पहले हमनें शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जब तक कार्रवाई नहीं होगी, हमारा धरना जारी रहेगा। हम महिला पहलवानों को इंसाफ दिलाए बिना अब यहां से नहीं उठेंगे।

वहीं, बजरंग पुनिया ने कहा, “हमें सरकार पर भरोसा था। जनवरी में जब हमने धरना दिया था, सरकार ने सभी मांगें मानने और उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया था। जांच के लिए समिति भी गठित की थी। लेकिन, ढाई महीने में समिति किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है। अब वे हमसे संपर्क भी नहीं कर रहे हैं।

खेल मंत्रालय से संपर्क करने की कोशिश भी की, लेकिन उन्होंने हमसे मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए मजबूरन हमे यहां धरने पर बैठना पड़ा है। हमे तो पुलिस की ओर से धरना देने तक की अनुमति नहीं दी गई है। लेकिन, न्याय मिलने तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।”

साक्षी ने कहा, “समिति की रिपोर्ट सावर्जनिक की जानी चाहिए। हम अपना खेल, भविष्य सबकुछ दांव पर लगाकर इसलिए आए हैं कि देश में कुश्ती जीवित रहे। बाहुबली और राजनीतिक लोगों के लिए कुश्ती संघ नहीं है, यह खिलाड़ियों के लिए है। इसलिए खिलाड़ी ही इसका प्रमुख होना चाहिए।”

जनवरी में भी जंतर-मंतर पर जुटे थे सभी पहलवान

गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में ये सभी पहलवान जंतर-मंतर पर जुटे थे। इन्होंने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों का यौन शौषण किए जाने की शिकायत की थी। तीन दिन चले धरने के बाद बृजभूषण सिंह को अस्थायी रूप से पद से हटा दिया गया था।

केंद्र सरकार की ओर से पूरे मामले की जांच के लिए समिति बनाई गई थी। इसकी प्रमुख विश्व चैंपियन मुक्केबाज मैरी काम को बनाया गया था। ओलिंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त, द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता तृप्ति मुरगुंडे, टोप्स के सीईओ राजगोपालन, राधा श्रीमन और बबीता फोगाट को सदस्य बनाया गया था।

खेल-कूद

भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा पर लगा धोखाधड़ी का आरोप, अरेस्ट वारंट जारी

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नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को PF में धोखाधड़ी के मामले में अरेस्ट वारंट जारी हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक उथप्पा सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में हिस्सेदार हैं। इस कंपनी ने कर्मचारियों के खातों से प्रोविडेंट फंड यानी PF का पैसा तो काट लिया लेकिन उसे जमा नहीं किया। जिसके कारण से लगभग 23 लाख रुपए की धोखाधड़ी सामने आई है। इसी वजह से 4 दिसंबर को उथप्पा के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया था। उन्हें पूरे पैसे जमा करने के लिए 27 दिसंबर तक का समय भी दिया गया। लेकिन अगर वह ऐसा नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें फिर गिरफ्तार किया जा सकता है। अब इससे पहले ही उथप्पा की तरफ से बयान सामने आया है।

रॉबिन उथप्पा ने कंपनियों को उधार दिए थे पैसे

रॉबिन उथप्पा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि मेरे खिलाफ PF मामले की हाल की खबरों सामने आने के बाद, मैं स्ट्रॉबरी लेंसेरिया प्राइवेट लिमिटेड, सेंटारस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड और बेरीज फैशन हाउस के बारे में अपनी भागीदारी के बारे में बताना चाहता हूं। मुझे 2018-19 में इन कंपनियों में डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था। क्योंकि कर्ज के तौर पर मैंने इन कंपनियों को पैसे दिए थे। मेरे पास सक्रिय कार्यकारी भूमिका नहीं थी, एक प्रोफेशनल क्रिकेटर, टीवी प्रेजेंटर और कमेंटेटर के रूप में काम को देखते हुए मेरे पास इसमें भाग लेने के लिए समय नहीं था। आज तक जिन अन्य कंपनियों को मैंने कर्ज दिया है। उनमें भी कार्यकारी भूमिका नहीं निभाता हूं।

 

 

 

 

 

 

 

 

ऊपर से ये कंपनिया मेरे द्वारा दिए गए उधार को चुकाने में असफल रही हैं। जिसके कारण मुझे कानूनी कार्यवाही शुरू करनी पड़ी। कई साल पहले मैंने डायरेक्टर के पद से भी इस्तीफा दे दिया था। जब PF अधिकारियों ने बकाया भुगतान की मांग की, तो मेरी कानूनी टीम ने जवाब दिया और बताया कि इसमें मेरी कोई भी भूमिका नहीं है। इसके बाद कार्यवाही जारी है। मेरे कानूनी सलाहकार आने वाले दिनों में इस मामलों को सुलझाने के लिए कदम उठाएंगे। मैं मीडिया से भी आग्रह करना चाहूंगा कि वे कृपया पूरे तथ्य पेश करें।

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