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टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक दोषी करार, 25 मई को सजा पर फैसला
नई दिल्ली। कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में दोषी पाया गया है। एनआईए कोर्ट ने यासीन मलिक को दोषी पाया है, मामले में सजा पर फैसला 25 मई को होगा।
यासीन मलिक ने बीते दिनों खुद कबूला था कि वह कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) से जुड़ा है। 2019 में केंद्र सरकार ने जेकेएलएफ पर प्रतिबंध लगा दिया था।
मलिक अभी तिहाड़ जेल में बंद है। यासीन पर 1990 में एयरफोर्स के 4 जवानों की हत्या का आरोप है, जिसे उसने स्वीकारा था। उस पर मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण का भी आरोप है।
मलिक पर 2017 में कश्मीर में आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने जैसे तमाम गंभीर आरोप है। यासीन मलिक ने दिल्ली की अदालत में यूएपीए के तहत दर्ज ज्यादातर मामलों में अपने पर लगे आरोपों को मंजूर कर लिया है।
जेकेएलएफ ने ही पंडितों को विस्थापन के लिए किया था विवश: वैद
जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी डॉ. एसपी वैद बताते हैं कि 1989 के आखिर व 1990 के शुरूआत में जेकेएलएफ ही एकमात्र आतंकी संगठन था। उसी ने पंडितों को विस्थापित होने के लिए मजबूर किया।
यह संगठन कश्मीर की आजादी का नारा देता था, जो पाकिस्तान को पसंद नहीं था क्योंकि वह कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाना चाहता था। जेकेएलएफ की ओर से घाटी के हालात खराब कर दिए जाने के बाद पाकिस्तान ने हिजबुल को प्रश्रय देना शुरू कर दिया।
इसके बाद जेकेएलएफ ने अलग रास्ता अख्तियार कर लिया। टेरर फंडिंग से लेकर अन्य आतंकी घटनाओं में शामिल हो गया। जेकेएलएफ आतंकियों ने ही न केवल कश्मीरी पंडितों बल्कि देशभक्त मुस्लिमों पर भी हमले किए।
उनका कहना है कि यासीन मलिक की सजा से पूरी घाटी में आतंकवाद के पारिस्थितिकी तंत्र (इको-सिस्टम) को जबर्दस्त झटका लगेगा। तीस साल पहले ऐसी व्यवस्था थी कि ऐसे लोग हीरो बन जाते थे, लेकिन अब उन्हें सजा मिलेगी।
घाटी में आतंकवाद का बीज जेकेएलएफ ने ही बोया
घाटी में आतंकवाद का बीज जेकेएलएफ ने ही बोया है। शुरूआत में पाकिस्तान ने इस संगठन को प्रश्रय दिया। घाटी में जब हालात खराब हो गए तो उसने हिजबुल मुजाहिदीन को आगे कर दिया।
इस बीच कश्मीरी पंडितों को विस्थापन के लिए मजबूर होना पड़ा। सबसे पहले 1989 में आतंकियों ने भाजपा नेता टीका लाल टपलू की हत्या की। इस घटना के लगभग डेढ़ महीने बाद सेवानिवृत्त जज नीलकंठ गंजू की हरि सिंह स्ट्रीट में चार नवंबर 1989 को आतंकियों ने हत्या कर दी।
यह हत्या आतंकी मकबूल भट को फांसी की सजा सुनाए जाने के बदले में की गई, क्योंकि गंजू ने ही उसे एक इंस्पेक्टर की हत्या मामले में सजा सुनाई थी। हालांकि, इस हत्या की प्राथमिकी में अज्ञात आतंकियों का जिक्र है, लेकिन बताते हैं कि इसमें यासीन मलिक और जावेद मीर नलका शामिल थे।
एक टीवी इंटरव्यू में भी कबूली थी हत्या की बात
यासीन मलिक ने एक टीवी इंटरव्यू में हत्या की बात कबूल भी की थी। आठ दिसंबर 1989 को गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद का यासीन मलिक व अन्य आतंकियों ने अपहरण कर लिया। बदले में विभिन्न जेलों में बंद पांच खूंखार आतंकियों को छोड़ना पड़ा था। इसमें नलका भी था।
इस घटना के लगभग डेढ़ महीने बाद 25 जनवरी 1990 को यासीन मलिक व जेकेएलएफ के अन्य आतंकियों ने श्रीनगर में वायुसेना के जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग की। इसमें चार की मौत हो गई, जबकि 40 अन्य घायल हो गए। हाल ही उसने अपने सभी जुर्म कबूल कर लिए हैं।
आजीवान कारावास की मिल सकती है सजा
यासीन मलिक के खिलाफ जिन धाराओं में मामला दर्ज है, इसमें उसको अधिकतम आजीवान कारावास की सजा मिल सकती है। यासीन मलिक कश्मीर की राजनीति में सक्रिय रहा है। युवाओं को भड़काने में उसका अहम हाथ माना जाता है।
कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति की ओर से किए गए सर्वे के अनुसार नब्बे के दशक से लेकर अब तक 804 कश्मीरी पंडितों (12 मई को प्रधानमंत्री पैकेज मुलाजिम राहुल भट समेत) की आतंकियों ने हत्या कर दी है, लेकिन एक भी मामले में दोषियों को सजा नहीं मिल सकी है। यह पहला मामला होगा जब किसी गुनहगार की सजा पर मुहर लग सकेगी।
उत्तर प्रदेश
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और डॉ. कुमार विश्वास ने संगम में लगाई डुबकी, गौतम अदानी ने की श्रद्धालुओं की सेवा
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के तहत संगम घाट पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ संगम के पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अदानी ने श्रद्धालुओं के लिए चल रहे भंडारे में सेवा की और फिर बड़े हनुमान मंदिर में पूजन अर्चन किया।
रामनाथ कोविंद ने सपरिवार किया स्नान
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी पत्नी और पुत्री के साथ संगम की पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया। इस दौरान मंत्री नंदी ने स्वयं उनका हाथ पकड़कर स्नान में सहयोग किया। स्नान के बाद मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने सपरिवार मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पूजा-अर्चना की। उन्होंने महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्कृष्ट उदाहरण है। पूर्व राष्ट्रपति ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की अवधारणा को देश के आर्थिक विकास के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश की जीडीपी और आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा।
कुमार विश्वास बोले- सामाजिक समरसता का परिचायक है महाकुम्भ
डॉ. कुमार विश्वास ने मां गंगा का जयकारा लगाते हुए स्नान किया। उन्होंने गंगा के महात्म्य पर अपनी कविता से सबको मंत्रमुग्ध करते हुए कहा कि
“तपस्वी राम के चरणों चढ़ी उपहार तक आई,
हमारी मां हमारे लोक के स्वीकार तक आई।”
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का यह आयोजन 144 वर्षों के बाद आया दुर्लभ संयोग है, जो भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रेरणा देगा। उन्होंने सभी से राजनीतिक भेदभाव भूलकर इस सर्वसमावेशी आयोजन में भाग लेने का आह्वान किया। डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का सार है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक समरसता का परिचायक है, जो पूरे विश्व को एक नई दिशा देगा।
गौतम अदानी ने सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को कहा धन्यवाद
उद्योगपति गौतम अदानी ने इस्कॉन द्वारा संचालित इस्कॉन रसोई में सेवा की और श्रद्धालुओं को खाना खिलाया। उन्होंने महाकुम्भ को अद्भुत, अद्वितीय, एवं अलौकिक कहा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज आकर ऐसा लगा मानो पूरी दुनिया की आस्था, सेवाभाव और संस्कृतियां यहीं मां गंगा की गोद में आकर समाहित हो गयी हैं। कुम्भ की भव्यता और दिव्यता सजीव बनाए रखने वाले सभी साधु, संत, कल्पवासी एवं श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूँ। मां गंगा का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे। गौतम अदानी संगम और हनुमान जी के दर्शन करते हुए शंकर विमान मंडपम पहुंचे, जहां मुख्य द्वार पर 21 वैदिक ब्राह्मणों ने ‘वैदिक वेलकम’ किया। उन्होंने विमान मंडपम मंदिर प्रांगण में मौजूद गीता प्रेस की आरती संग्रह पगोडा पर श्रद्धालुओं बातचीत भी की।
राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने दूसरे दिन भी किया पवित्र स्नान
उधर, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए तीन दिन तक पवित्र स्नान और तर्पण करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने कल पवित्र स्नान किया, आज भी करूंगी और कल फिर करूंगी। मेरे नाना, नानी, दादा-दादी यहां नहीं आ सके, इसलिए उनकी ओर से तर्पण कर रही हूं। यह मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है।” सुधा मूर्ति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, “योगी जी और उनकी टीम ने यहां बहुत अच्छा काम किया है। मैं उनके लंबे जीवन की कामना करती हूं।”
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