प्रादेशिक
मेजर ध्यानचन्द्र के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम किए जाने पर सीएम योगी ने पीएम मोदी का जताया आभार
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को असंख्य खेलप्रेमियों के चेहरों पर मुस्कान बिखेर दी है। उन्होंने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल दिया है। अब खेल रत्न हॉकी के ‘जादूगर’ कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम पर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस बात की जानकारी ट्वीट करके दी।
जिसके बाद खेलप्रेमियों ने मोदी सरकार के इस फैसले का खुले दिल से स्वागत किया। मोदी सरकार के इस बड़े फैसले का स्वागत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अभिनन्दन किया है। योगी ने ट्विटर पर लिखा “उत्तर प्रदेश में जन्मे देश के हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जी के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नामकरण असंख्य खेल प्रेमियों व सम्पूर्ण खेल जगत का सम्मान है।” सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार भी जताया है।
बता दें कि इस अवार्ड को 1991-92 में शुरू किया गया था। इसका नाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा गया था। पीएम मोदी ने कहा कि मेजर ध्यानचंद भारत के उन अग्रणी खिलाड़ियों में से थे जिन्होंने भारत के लिए सम्मान और गौरव अर्जित किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश का सर्वोच्च खेल सम्मान उन्हीं के नाम पर रखा जाना बिल्कुल सही है।देश लम्बे समय से हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग कर रहा था।
ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने खेल रत्न पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार का नाम देकर भारत की खेलप्रेमी जनता को सबसे शानदार उपहार दिया है। हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद का हॉकी में अविश्वसनीय योगदान रहा है। उन्होंने अपने आखिरी ओलंपिक (बर्लिन 1936) में कुल 13 गोल दागे थे। इस तरह एम्स्टर्डम, लॉस एंजेलिस और बर्लिन ओलंपिक को मिलाकर ध्यानचंद ने कुल 39 गोल किए, जिससे उनके बेहतरीन प्रदर्शन का पता चलता है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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