प्रादेशिक
बरसात के बाद फैलने वाली संक्रामक बीमारियों पर नकेल करने की तैयारी, योगी सरकार ने शुरू किया ‘दस्तक’ अभियान
लखनऊ। बरसात के बाद फैलने वाली संक्रामक बीमारियों को मात देने के लिये यूपी के गांव-गांव में स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर दस्तक दे रही हैं। टीबी के सक्रीय मरीज, डेंगू, फाइलेरिया, मलेरिया और इंसेफेलाइटिस आदि से ग्रसित मरीजों की पहचान कर उनका उपचार करा रही हैं। 25 जुलाई तक चलने वाले अभियान में लोगों को स्वच्छता, सैनीटाइजेशन, पोषण युक्त भोजन आदि की महत्ता के प्रति जागरूक किया जा रहा है। नियमित टीकाकरण सत्रों में 02 साल तक के बच्चों को जेई का टीका भी लगाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरसात के बाद फैलने वाली संक्रामक बीमारियों पर नकेल कसने की चाक-चौबंद तैयारी की है। इसके लिये प्रदेश में एक जुलाई से ‘दस्तक’ अभियान शुरु कर दिया है। संचारी रोगों से जन-जन को बचाने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को राज्य स्तरीय ट्रेनिंग दी गई है। राज्य सरकार ने खासकर इंसेफलाइटिस, डेंगू, मलेरिया जैसे अन्य मच्छर जनित बीमारियों के लिये स्वास्थ्य विभाग को पहले से ही एलर्ट कर रखा है। इसके लिये सभी अस्पतालों में जांच की व्यवस्थाएं की गई हैं। प्रदेश की 3011 पीएचसी और 855 सीएचसी और जिला अस्पतालों में फीवर क्लीनिक स्थापित किये गये हैं। 592 शहरी पीएचसी को भी 24 घंटे रोगियों को इलाज देने के मुकम्मल इंतजाम पूरे कर लिये गये हैं।
प्रदेश के समस्त खण्ड विकास अधिकारी, जिला पंचायतराज अधिकारियों, जिला विद्यालय निरीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों समेत अन्य सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी दस्तक अभियान में सहयोग दे रहे हैं। गौरतलब है कि सीएम योगी पहले ही संचारी रोगों की रोकथाम के लिये विशेष रूप से सर्विलांस व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के निर्देश दे चुके हैं। सरकार बीमारी से बचाव और रोकथाम के लिये कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। उन्होंने आशा बहुओं, आंगनबाड़ी कार्यकात्रियों, एएनएम, ग्राम प्रधानों को गांव-गांव में लोगों को इंसेफलाइटिस से बचाव के लिये जागरूक करने की जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 3532 पीकू वार्ड हुए तैयार
प्रदेश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिये बच्चों के लिये खास तरह के पीडियॉट्रिक आईसीयू तैयार कराए हैं। इनमें बच्चों के लिये बेहतर इलाज की व्यवस्था कराई गई है। सभी पर वेंटिलेटर की व्यवस्था है। प्रदेश में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अभी तक 3532 पीकू बैड तैयार हो चुके हैं। इनमें 1792 आइसोलेशन और 1740 आईसीयू बैड हैं। जबकि प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 2915 बैड तैयार किये गये हैं। जिनमें से 1400 आईसोलेशन और 1515 आईसीयू बैड हैं। बच्चों के लिये बनाए जा रहे वार्डों में उनको घर जैसा माहौल देने के लिये अंदर की दीवारों पर कार्टून करेक्टर बनाए जा रहे हैं। बच्चों के लिये खिलौने, ड्राइंग बुक्स आदि की व्यवस्था की गई है।
संचारी रोगों के खात्मे में स्वच्छता अभियान साबित होगा बड़ा हथियार
संचारी रोगों के पूर्ण रूप खात्मे के लिये 63148 निगरानी समितियों के 04 लाख से अधिक सदस्य जन-जन तक पहुंच कर लोगों को स्वच्छता का संदेश दे रहे हैं। बीमारियों से बचाव और खांसी, जुकाम, बुखार होने पर मौके पर ही प्राथमिक इलाज के रूप में उपयोगी दवाओं को उपलब्ध करा रहे हैं। उनकी निगरानी में 58189 ग्राम पंचायतों और 97499 राजस्व ग्रामों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं। सफाई कार्य में 57370 सफाईकर्मी जुटे हैं। सैनिटाइजेशन और फॉगिंग भी लगातार कराई जा रही है। स्वच्छता अभियान के तहत प्रदेश के 5716 स्थलों को कूड़ा मुक्त करा दिया गया है। प्रदेश के सभी नगर निगमों, नगर पालिका परिषद और नगर पंचयतों में कुल 12016 निगरानी समितियों के 64189 सदस्य स्वच्छता अभियानों में जुटे हैं। उनकी देखरेख में नगरीय निकायों में कुल 1942 बड़े नालों, 6073 मझोले नाले और 14518 छोटे नालों की सफाई कराई जा चुकी है।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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