प्रादेशिक
प्रदेश की जनता को ‘पुष्टाहार” से लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जनता को ‘पुष्टाहार” से लाभान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने अब मिलेट्स यानी ‘श्री अन्न’ के प्रति जागरूकता को बढ़ाने की दिशा में एक बेहद महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार द्वारा वित्त पोषित ‘उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम’ के माध्यम से श्री अन्न के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए विस्तृत कार्य योजना तैयार कर ली गई है। इसके अंतर्गत न केवल मिलेट्स से बनने वाली रेसिपीज को बढ़ावा दिया जाएगा बल्कि उनके बारे में जागरूकता भी फैलाई जाएगी। इस कार्य योजना के अंतर्गत अब तक मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयास किए गए, मगर अब एक कदम आगे बढ़ाते हुए इसे प्रदेश वृहद स्तर पर आमजन द्वारा प्रयोग में लाए जाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार का सहारा लिया जाएगा। न केवल प्रदेश के सभी जिलों में उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा बल्कि इसे छात्रों के करिकुलम में भी शामिल किया जाएगा। हालांकि, उससे पहले शिक्षकों को भी जागरूक करने की आवश्यकता होगी और इसी बात को ध्यान में रखकर प्रदेश भर में अध्यापकों के प्रशिक्षण कार्य को भी प्रारंभ किए जाने की तैयारी कर ली गई है।
उत्तर प्रदेश निभाएगा बड़ी भूमिका
उल्लेखनीय है कि भारत विश्व में मिलेट्स एक्सपोर्ट्स के लिहाज से दूसरे पायदान पर है तथा केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना है कि भारत को आगामी वर्षों में ‘नंबर वन मिलेट्स एक्सपोर्टर कंट्री’ के रूप में जाना जाए। ऐसे में, देश के फूड बास्केट के तौर पर विख्यात प्रदेश भी एक बड़ी और सकरात्मक भूमिका का निर्वहन कर सकता है। इसी बात को ध्यान में रखकर सीएम योगी की मंशा के अनुरूप प्रदेश भर को मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम को आच्छादित करने की विस्तृत कार्य योजना को हरी झंडी दे दी गई है।
फरवरी से अभियान ने पकड़ी रफ्तार
उल्लेखनीय है कि कृषि विभाग द्वारा 01 फरवरी, 2023 से प्रदेश भऱ में मिलेट्स की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने का व्यापक अभियान चलाया गया जिसमें उन्हें मुफ्त बीज मिनीकिट उपलब्ध कराई गई। समाचार पत्रों व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापनों के जरिए भी मिलेट्स के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए गए। अब इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए मिलेट्स आधारित संस्करण इकाई स्थापित किए जाने को भी प्रदेश में बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं, नई विस्तृत कार्य योजना के अंतर्गत अब जिला स्तर पर मिलेट्स रेसीपी विकास, उपभोक्ता जागरुकता कार्यक्रम, स्कूल करीकुलम व अध्यापकों के व्यापक प्रशिक्षण की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। मिलेट्स को बतौर वैल्यू ऐडेड व वैल्यू प्रेस्ड प्रोडक्ट्स के तौर पर पेश किया जाएगा और इसके लिए मिलेट्स एफपीओ की देखरेख में मेलों का आयोजन किया जाएगा।
छात्र-छात्राओं में होगा जागरूकता का प्रसार
मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए जिन मेलों को प्रदेश के हर जिले में आयोजित किए जाने की योजना है, उनमें मुख्य तौर पर स्कूली छात्र-छात्राओं, अभिभआवकों व शिक्षकों को जागरूक किया जाएगा। मिलेट्स के गुणों के प्रति जागरूकता लाने के लिए शैक्षणिक करिकुलम में भी इसे शामिल किए जाने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं, शुरुआती स्तर पर प्रदेश भर में 200 शिक्षकों को विशिष्ट प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन्हीं के माध्यम से प्रदेश के अन्य शिक्षकों को भी मिलेट्स जागरूकता कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा और श्री अन्न के उपयोग, इससे जुड़े मिथकों को दूर करने व व्यापक जागरूकता का प्रचार-प्रसार करने के लिए ट्रेंड किया जाएगा। में मिलेट्स को लेकर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा तथा मिलेट्स को पहचानना तथा उसके पोषक तत्वों को लेकर निबंध लेखन, क्विज, प्रोजेक्ट वर्क आदि का आयोजन भी सुनिश्चित किए जाने की योजना है।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी देगी कार्य योजना को अंजाम
प्रदेश के सभी जिलों में जिलाधिकारी इन कार्यक्रमों को लागू कराए जाने के उत्तरदायी होंगे और सभी जिलों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाएगा जिसमें मुख्य विकास अधिकारी बतौर उपाध्यक्ष, उप कृषि निदेशक बतौर सचिव व बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, मिलेट्स के कार्यक्रम एफपीओ व जिलाधिकारी द्वारा नामित एक प्रगतिशील कृषक बतौर सदस्य प्रतिभाग करेंगे। इन सभी गतिविधियों पर खर्च के लिए बजट उप कृषि निदेशक द्वारा पास किया जाएगा जो कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति के अनुमोदन के बाद होगा।
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ऋणी गरीब लोगों के लिए सहकारी बैंकों की वन टाइम सेटलमेंट नीति को बदलने पर विचार किया जाएगा: सुखविंदर सिंह सुक्खू
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि ऋणी गरीब लोगों के लिए सहकारी बैंकों की वन टाइम सेटलमेंट नीति को बदलने पर विचार किया जाएगा।
विधायक सतपाल सिंह सत्ती के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वन टाइम सेटलमेंट के मामले 10 लाख रुपये से ऊपर के कर्ज के लिए भी लागू रहेंगे। पिछली सरकार ने पॉलिसी लाई तो कुछ ने फायदा उठाया और कुछ ने नहीं। ऐसे लोग जिनका लोन 10 लाख या इससे ऊपर हो गया। गरीब लोग जो ऋणी हैं, उनके लिए विचार करेंगे कि उन्हें कैसे राहत मिले। यह नीति न केवल सहकारी बैंक बल्कि राज्य कृषि सहकारी बैंक में भी लागू होगी।
सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार पूरा अध्ययन करने के बाद होटलों और भवनों के अतिक्रमण पर संबंधित संचालकों को एकमुश्त राहत देगी। कहा कि जिनके एटिक बने हैं, उनका पूरा अध्ययन करेंगे। देखा जाएगा कि उनके लिए क्या किया जा सकता है। कानून की परिधि में रहकर ही विचार किया जा सकता है। इस बारे में पहले रिटेंशन पॉलिसी भी आ चुकी है। कोर्ट का भी इस पर फैसला आया है। एटिक बनाई है तो उसे रेगुलर करने का नियमानुसार काम होगा।
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