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उत्तर प्रदेश

शिक्षकों में नवाचार को प्रोत्साहित कर रही योगी सरकार

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लखनऊ। परिषदीय शिक्षकों के बीच शैक्षिक नवाचारों को प्रोत्साहित करने और कला, शिल्प व कठपुतली जैसी रचनात्मक विधियों के जरिए शिक्षण में सुधार लाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक अनूठा प्रयास कर रही है। राज्य स्तरीय कला, क्राफ्ट एवं पपेट्री शिक्षण प्रतियोगिता का आयोजन कर शिक्षकों को पारंपरिक शैक्षिक तरीकों से हटकर नई और प्रभावशाली विधियों के माध्यम से शिक्षा को अधिक आकर्षक और प्रभावी बनाने के गुर सिखाए जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी), लखनऊ द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता का शुभारंभ वर्ष 2017-18 में योगी सरकार के गठन के साथ ही किया गया था। अब इस वर्ष इसका आयोजन 21 से 25 अक्टूबर के बीच किया जा रहा है।

गौरतलब है कि अब राज्य में शिक्षकों के बीच एक प्रमुख आयोजन बन चुकी इस प्रतियोगिता के पहले चरण (24 सितंबर) में जनपद स्तर पर प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था, जबकि अब दूसरे चरण की प्रतियोगिता मंगलवार से प्रारंभ हो गई है, जो 25 अक्टूबर तक चलेगी।

प्रत्येक जनपद से चयनित एक शिक्षक कर रहा प्रतिभाग

प्रत्येक जनपद से चयनित एक शिक्षक को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए भेजा गया है, जो अब लखनऊ स्थित एससीईआरटी में दूसरे चरण के तहत आयोजित प्रतियोगिता का हिस्सा बनकर अपनी प्रतिभा दिखाकर खुद को श्रेष्ठ साबित करने की पुरजोर कोशिश कर रहा है।

पांच श्रेणियों में हो रही प्रतियोगिता में 150 शिक्षक हैं शामिल

इस प्रतियोगिता में 75 जनपदों से कुल 375 शिक्षकों को अपनी प्रतिभा सिद्ध करने का अवसर मिला है। अब प्रतिभागी शिक्षक टीएलएम के सहयोग से यह साबित करने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके द्वारा तैयार की गई शिक्षण अधिगम सामग्री के उपयोग से बच्चों को निपुण बनाया जा सकता है।

ये हैं प्रतियोगिता के स्तर और विषय

प्रतियोगिता में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों के लिए पहले से ही विषय निर्धारित किए गए हैं। प्राथमिक स्तर के शिक्षकों के लिए विषय ‘भाषा’ और ‘गणित’ हैं, जबकि उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों के लिए ‘गणित’, ‘विज्ञान’ और ‘सामाजिक विज्ञान’ विषय चुने गए हैं। इन विषयों पर संबंधित शिक्षकों द्वारा शिक्षण विधियों को कला, क्राफ्ट और पपेट्री के माध्यम से प्रदर्शित किया जा रहा है।

बोले संयुक्त निदेशक

एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक डॉ. पवन सचान का कहना है कि सरकार की मंशा के अनुरूप किसी एक शिक्षक का नाम बार-बार प्रतियोगिता के लिए न भेजने और नए शिक्षकों को प्रतियोगिता में भाग लेने का मौका देने के निर्देश दिए गए थे। नए शिक्षकों को अवसर देकर उनके नवाचार को सामने लाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।

निदेशक ने कहा

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, लखनऊ के निदेशक गणेश कुमार ने कहा, “यह प्रतियोगिता शिक्षकों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जिसमें वे अपनी रचनात्मकता और नवाचारों को प्रदर्शित कर सकते हैं। शिक्षण को कला, क्राफ्ट और पपेट्री जैसी विधियों के साथ जोड़ना शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाने का महत्वपूर्ण कदम है।”

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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