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उत्तर प्रदेश

नैमिषारण्य में गोमती नदी किनारे नए घाट का निर्माण कराने जा रही योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए संकल्पित योगी सरकार सीतापुर जिसे स्थित नैमिषारण्य धाम में पर्यटन विकास और गोमती नदी किनारे स्थित घाटों के सौंदर्यीकरण पर विशेष रूप से फोकस कर रही है। 88 हजार ऋषियों की तपोभूमि में विख्यात नैमिष तीर्थ क्षेत्र वही पुण्य क्षेत्र है जहां महर्षि वेदव्यास द्वारा 4 वेद, 6 शास्त्र, 18 पुराण, श्रीमद्भगवद्गीता, महाभारत महाकाव्य और श्री सत्यनारायण व्रत कथा की रचना इसी की गई थी। नैमिषारण्य का धार्मिक महत्व कितना ज्यादा है इसका पता इसी बात से चलता है कि चार धाम की यात्रा भी नैमिषारण्य के दर्शन किए बिना अधूरी मानी जाती है। यही कारण है कि काशी, अयोध्या, मथुरा, वृन्दावन, ब्रज क्षेत्र तथा विंध्य तीर्थ क्षेत्र के विकास के साथ ही योगी सरकार अब नैमिषारण्य में भी कई परियोजनाओं को पूर्ण करने पर फोकस कर रही है। इसी क्रम में, नैमिषारण्य के विभिन्न घाटों के सौंदर्यीकरण व पर्यटन विकास की गतिविधियों को बढ़ाने के साथ ही अब गोमती नदी किनारे एक नए घाट का निर्माण भी कराने जा रही है। यूपी प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को इस कार्य का जिम्मा सौंपा गया है और माना जा रहा है कि वर्षा अवधि के अतिरिक्त 12 महीनों में इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।

राजघाट तथा दशाश्वमेध घाट के बीच होगा नए घाट का निर्माण

सीएम योगी के विजन अनुसार प्रदेश के सभी तीर्थ क्षेत्रों के विकास को लेकर एक बड़ी कार्ययोजना का निर्माण किया गया था। इसी कार्ययोजना के अंतर्गत नैमिष तीर्थ क्षेत्र में नए घाट के निर्माण, पुराने घाटों के जीर्णोद्धार, सौंदर्यीकरण व पर्यटन विकास के कार्यों को गति दी जाएगी। ऐसे में, परियोजना के अंतर्गत जिस नए घाट का निर्माण नैमिष तीर्थ क्षेत्र में होना निश्चित हुआ है वह राजघाट से दशाश्वमेध घाट के बीच स्थित होगा।

पक्के घाट का होगा निर्माण

परियोजना के अंतर्गत, राजघाट से दशाश्वमेध घाट के बीच निर्धारित क्षेत्र में गोमती नदी किनारे पक्के घाट का निर्माण कराया जाएगा और पर्यटन विकास की सुविधाओं से भी इसे युक्त किया जाएगा। इस कार्य को 4.27 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया जाएगा। यूपी प्रोजेक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड को इस कार्य को पूरा करने के लिए कॉन्ट्रैक्टर एजेंसी के निर्धारण व कार्यावंटन की प्रक्रिया शुरू कर दी है और माना जा रहा है कि सितंबर माह के भीतर ही निर्माण कार्य शुरू हो सकता है।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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