उत्तर प्रदेश
शहरी क्षेत्रों को हरा-भरा करने के लिए “उपवन योजना” की शुरुआत करने जा रही योगी सरकार
वाराणसी | शहरीकरण और विकास के चलते शहरों में कम हुई हरियाली को योगी सरकार बढ़ा रही है। बीते 20 जुलाई को एक दिन में 36.51 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाली योगी सरकार नगर निगम के क्षेत्रों को हरा भरा करने के लिए अब “उपवन योजना” की शुरुआत करने जा रही है। वाराणसी नगर निगम कंचनपुर और सारंग तालाब के पास 148 पौधे लगाकर “उपवन योजना” का शुभारंभ होगा। इन दोनों स्थानों पर लम्बी आयु वाले पौधों को लगाया जाएगा। इन स्थलों पर 1 एकड़ भूमि पर मियावाकी तकनीक से पौधरोपण व शेष स्थानों पर ओपन जिम वाकिंग ट्रैक ,व्यायाम स्थल आदि का निर्माण होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 74वें जन्मदिन पर उनके संसदीय क्षेत्र में पौधरोपण कर ‘उपवन योजना’ की शुरुआत कर सकते हैं।
नगर आयुक्त श्री अक्षत वर्मा ने बताया कि नगर निगम द्वारा ‘उपवन योजना’ के अंतर्गत कंचनपुर पार्क में 74 पौधे एवं सारंग तालाब के पास 74 बड़े पौधे लगाकर शुभारंभ होगा। इन दोनों स्थानों पर लम्बी आयु वाले पौधे लगाए जाएंगे। इसमें नीम, बरगद, पाकड़, पीपल आदि के पौधे होंगे। पौधों की सुरक्षा के लिए ट्री-गार्ड और देखभाल के लिए माली तैनात होंगे।
ग्लोबल वार्मिंग के खतरों से निपटने के लिए योगी सरकार प्रदेश भर में पौधरोपण अभियान चला रही है। वाराणसी में मियावाकी तकनीक से शहर के बीचोबीच प्राकृतिक ऑक्सीजन बैंक विकसित किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण संरक्षण के साथ ही लोगों को शुद्ध हवा भी मिल सके। शहरी क्षेत्र में जहां बढ़ती गाड़ियों की संख्या और अन्य कारणों से प्रदूषण बढ़ रहा है, वहीं योगी सरकार ऐसे जगहों पर “उपवन योजना” आदि से वायु प्रदूषण के रोकथाम का उपाय कर रही है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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