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प्रादेशिक

यूपी की शिक्षा व्यवस्था को स्मार्ट बनने के लिए प्रयासरत योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को स्मार्ट बनने के लिए प्रयासरत योगी सरकार ने परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अवस्थापना सुविधाओं के अंतर्गत टेबलेट, स्मार्ट क्लास सेटअप तथा आईसीटी लैब के माध्यम से उपलब्ध कराए जा रहे उपकरणों के उपयोग, रख-रखाव एवं कक्षा शिक्षण के संबंध में निर्देश जारी किए हैं। इसके माध्यम से प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल लर्निंग को प्रमोट किया जाएगा एवं इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी। उल्लेखनीय है कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा डिजिटल माध्यमों से शैक्षणिक गतिविधियों को प्रभावी बनाए जाने के लिए प्राथमिकता पर 3 महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इनमें परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के उपयोगार्थ 209863 टेबलेट का वितरण, प्रथम चरण में 18381 उच्च प्राथमिक, कम्पोजिट, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना और प्रथम चरण में 880 विकास खण्ड में आईसीटी लैब की स्थापना शामिल है।

सुनिश्चित होगी डिजिटल संसाधनों की सुरक्षा एवं संरक्षा

महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से जारी किए गए एसओपी के अनुसार डिजिटल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षा के साथ ही शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के माध्यम से विभिन्न निर्देशों का पालन करना है। मसलन, कैसे प्रभावी एवम रुचिकर शिक्षण गतिविधि एवं प्रोजेक्ट आधारित शिक्षण, शिक्षक प्रशिक्षण, लेसन प्लान, बेस्ट प्रैक्टिसेज के माध्यम से कक्षा – कक्ष का रूपान्तरण किया जा सके। कैसे बच्चों को प्रैक्टिस के अधिक अवसर उपलब्ध कराते हुए एडाप्टिव एवं पर्सनलाइज्ड लर्निंग कराई जा सके। कैसे पूरी शिक्षा प्रणाली को आउटकम आधारित बनाते हुए एक नई कार्य संस्कृति का सृजन करते हुए बच्चों को अवसर की समता के सशक्त उपकरण उपलब्ध कराए जा सकें। कैसे एडमिनिस्ट्रेटिव टास्क को एफिशिएंटली एवं इफेक्टिवली समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जा सके।

उपलब्ध कराई जाएगी उत्कृष्ट शैक्षणिक सामग्री

इन डिजिटल संसाधनों के द्वारा विभिन्न प्लेटफार्म (दीक्षा, स्विफ्ट चैट, खान एकेडमी, एमबाइब आदि) एवं ख्याति प्राप्त संस्थाओं जैसे IIT गांधीनगर के माध्यम से उत्कृष्ट शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। इसके संबंध में समस्त हितधारकों को समय-समय पर ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा तथा यूजर मैनुअल भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इस कार्य में व्यक्तिगत ध्यान एवम प्रभावी पर्यवेक्षण, अनुश्रवण अत्यावश्यक है। विभाग स्तर से शिक्षकों के उपयोगार्थ महत्वपूर्ण डाटा इनसाइट्स भी समय-समय पर उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे कि लक्षित हस्तक्षेप सुनिश्चित किया जा सके।

उत्तर प्रदेश

आमजन को शीतलहर से बचाने में जुटी योगी सरकार, जनपदों को आवंटित किए 20 करोड़

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लखनऊ| योगी सरकार ने ठंड को देखते हुए प्रदेशवासियों को शीतलहर से बचाने के लिए कंबल और अलावा के लिए विभिन्न जिलों को पहली किस्त जारी कर दी है। योगी सरकार ने करीब 20 करोड़ आवंटित करते हुए निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जरुरतमंदों को वितरित किये जाने वाले कंबलों की गुणवत्ता उच्च क्वालिटी की होनी चाहिए। साथ ही सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को निराश्रित व्यक्तियों, शरणार्थियों और प्रभावितों के अस्थायी आवास, भोजन, वस्त्र एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। राहत विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को धनराशि आवंटित कर दी है। जिलाधिकारियों द्वारा कंबल और अलाव के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।

गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर के लिए सबसे ज्यादा धनराशि आवंटित

राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर कमजोर वर्ग के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। योगी सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं भी चलायी जा रही हैं। सरकार कमजोर, असहाय वर्ग के लोगों को आपदा से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। ठंड की शुरुआत के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शीतलहरी से निपटने के लिए 351 तहसील को कंबल के लिए पहली किस्त के रूप में 17.55 करोड़ रुपये आवंटितक किए गए हैं। वहीं अलाव के लिए एक करोड़ 75 लाख 50 हजार रुपये आवंटित किए गए। विभाग ने पहली किस्त के रूप में कुल उन्नीस करोड़ तीस लाख पचास हजार रुपये आवंटित किये हैं। इसमें 38 लाख 50 हजार रुपये की सर्वाधिक धनराशि गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के लिए आवंटित की गई है। सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को ठंड से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतलहरी से निपटने के लिए जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को चिह्नित करने के निर्देश दिये हैं। शीतलहरी से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम एवं ग्रामीण इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर आवश्यकतानुसार अलाव जलाने को कहा गया है। इसके अलावा हर शहर की सीमा के तहत मुख्य मार्गों एवं विशेषकर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सफेद थर्मोप्लास्टिक पेंट द्वारा पट्टियों को दर्शाने, रिफलेक्टर, सोलरकैट साईन एवं डेलिवेटर लगाने का काम समय से पूरा करने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण दुर्घटना न हो। इसके अलावा अभियान चलाकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि कार्यों में उपयोग में आने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों के पीछे रेडियम की पीली पट्टी लगवाने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर नियत्रंण किया जा सके। शासन ने निर्देश दिया है कि सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में समय रहते रैन बसेरे एवं शेल्टर होम आदि की स्थापना कर ली जाए। रैन बसेरों-शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाया जाए। जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रात में औचक निरीक्षण भी किया जाए।

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