Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

दिसम्बर तक शुरू हो जाएगा बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे: सीएम योगी

Published

on

Loading

लखनऊ। गति और शक्ति एक दूसरे के प्रतीक हैं। पीएम गति शक्ति इंफ्रास्टक्चर डेवलपमेंट को बढ़ाने के लिए बड़ा माध्यम बन रहा है। अभी तक जो भी इंफ्रास्टक्चर डेवलपमेंट का काम होता था वह कछुए की गति से ही चल पाता था। लेकिन यूपी सरकार ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के बावजूद विकास के कार्यों को रुकने नहीं दिया। पीएम गति शक्ति के माध्यम से ही पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को विषम परिस्थितियों के बावजूद रिकार्ड समय में बनाने में सफलता मिली। हमारी सरकार बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे को भी दिसम्बर तक चालू करने जा रही है। लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर कार्यक्रम के जोनल कांफ्रेस (नार्थ) में इन बातों की जानकारी दी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम गति शक्ति प्लेटफार्म को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार ने पहले चरण में 16 विभाग और एजेंसियों की परियोजनाओं का एकीकरण किया जा चुका है। द्वतीय चरण में 11 विभाग और एजेंसियों को एकीकृत करने के लिए गति शक्ति पोर्टल पर चिन्हित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रदेश को विकास के पथ पर ले जाने के लिए कानून व्यवस्था सबसे बड़ा माध्यम होता है। हमारी सरकार ने 2017 के बाद मजबूत कानून व्यवस्था के साथ-साथ अलग-अलग सेक्टर में निवेश के लिए अच्छी प्रणाली लागू की जिसके बेहतर परिणाम आए हैं। हमारा प्रदेश 2015-17 में इज आफ डुइंग बिजनेस में 14वें स्थान पर था आज वह इसमें दूसरे नम्बर पर पहुंच गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में प्रदेश का वार्षिक बजट मात्र दो लाख करोड़ रुपये का था। जिसमें विकास कार्य करना कठिन था। हमारी सरकार ने तमाम उन विसंगतियों को दूर किया जो निवेश और विकास में बाधाएं थीं। हमने निवेश मित्र पोर्टल गठित किया साथ ही सिंगल विंडो प्लेटफार्म बनाया जिसके माध्यम से 340 सेवाएं दी जा रही हैं। सरकार बनने के एक वर्ष के अंदर ही पहला इनवेस्टर समिट आयोजित किया। जिसमें पांच लाख करोड़ रुपये निवेश के प्रस्ताव मिले जिसमें से तीन लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव जमीन पर उतारे जा चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी होने के बावजूद इफ्रास्टक्चर या निर्माण कार्य को बाधित नहीं होने दिया। हमने हेल्प डेस्क बनाए कोविड केयर सेंटर भी स्थापित किए। किसी भी औद्योगिक संस्थान को बंद नहीं होने दिया। हमारे इस प्रयास से जीवन और जीविका दोनों को बचाने में मदद मिली। इस माह से हम गांव-शहर सभी जगह 24 घंटे की बिजली आपूर्ति भी शुरू करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी से 2017 तक केवल डेढ़ एक्सप्रेस वे बने थे। लेकिन हमारी सरकार पौने पांच वर्ष में छह एक्सप्रेस वे बना रही है। 24 से 25 करोड़ की आबादी के लिए केवल दो एयरपोर्ट थे। आज हमने नौ एयरपोर्ट चालू कर दिए हैं, 11 एयरपोर्ट के निर्माण का काम चल रहा। आजमगढ़ जिसके नाम से लोग भयभीत होते थे वहां भी एयरपोर्ट बनाया जा रहा है। देश के अंदर पहला वाटर वे के जरिए वाराणसी से हल्दिया को जोड़ा जा चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जेवर में हम नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट बना रहे हैं। यह वह जगह है जहां पर सात-आठ साल पहले भट्ठा परसौल में किसानों को मारा गया था। वहीं हमने जमीन अधिग्रहण करके इसका निर्माण सभी की सहमति से बनाने जा रहे है।

उत्तर प्रदेश

जन महत्व की परियोजनाओं में समयबद्धता-गुणवत्ता से समझौता नहीं, गड़बड़ी मिली तो जेई से लेकर चीफ इंजीनियर तक सब की जवाबदेही तय होगी: मुख्यमंत्री

Published

on

Loading

● मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सोमवार को लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की और निर्माणकार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए विभिन्न आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। *बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश:- *

● सड़क निर्माण की परियोजना तैयार करते समय स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखें। प्रत्येक परियोजना के लिए समयबद्धता और गुणवत्ता अनिवार्य शर्त है, इससे समझौता नहीं किया जा सकता। गड़बड़ी पर जेई से लेकर चीफ इंजीनियर तक सबकी जवाबदेही तय होगी। एग्रीमेंट के नियमों का उल्लंघन होगा तो कांट्रेक्टर/फर्म को ब्लैकलिस्ट होगा और कठोर कार्रवाई भी होगी। पेटी कॉन्ट्रेक्टर/सबलेट की व्यवस्था स्वीकार नहीं की जानी चाहिए।

● DPR को अंतिम रूप देने के साथ ही कार्य प्रारंभ करने और समाप्त होने की तिथि सुनिश्चित कर ली जानी चाहिए और फिर इसका कड़ाई से अनुपालन किया जाए। बजट की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। पूर्ण हो चुके कार्यों की थर्ड पार्टी ऑडिट भी कराई जाए।

● सड़क और सेतु हो अथवा आमजन से जुड़ी अन्य निर्माण परियोजनाएं, स्वीकृति देने से पहले उसकी लोक महत्ता का आंकलन जरूर किया जाए। विकास में संतुलन सबसे आवश्यक है। पहले आवश्यकता की परख करें, प्राथमिकता तय करें, फिर मेरिट के आधार पर किसी सड़क अथवा सेतु निर्माण की स्वीकृति दें। विकास कार्यों का लाभ सभी 75 जनपदों को मिले।

● दीन दयाल उपाध्याय तहसील/ब्लाक मुख्यालय योजना अंतर्गत प्रदेश के समस्त तहसील/ब्लॉक मुख्यालय को जिला मुख्यालय से न्यूनतम दो लेन मार्गों से जोड़े जाने का कार्य तेजी से पूरा किया जाए। एक भी तहसील-एक भी ब्लॉक इससे अछूता न रहे।

● प्रदेश के अंतरराज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भव्य ‘मैत्री द्वार’ बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा कराएं। जहां भूमि की अनुपलब्धता हो, तत्काल स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें। द्वार सीमा पर ही बनाए जाएं। यह आकर्षक हों, यहां प्रकाश व्यवस्था भी अच्छी हो। अब तक 96 मार्गों पर प्रवेश द्वार पूर्ण/निर्माणाधीन हैं। अवशेष मार्गों पर प्रवेश द्वार निर्माण की कार्यवाही यथाशीघ्र पूरी कर ली जाए।
● गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग की सड़कों का निर्माण अब लोक निर्माण विभाग द्वारा ही किया जा रहा है। यह किसानों-व्यापारियों के हित से जुड़ा प्रकरण है, इसे प्राथमिकता दें। यहां गड्ढे नहीं होने चाहिए।अभी लगभग 6000 किमी सड़कों का पुनर्निर्माण/चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण किया जाना है। इन्हें एफडीआर तकनीक से बनाया जाना चाहिए। इसके लिए बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी।

● धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों पर अच्छी सड़कें हों, पर्यटकों/श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा हो, सड़कों के निर्माण/चौड़ीकरण किये जा रहे हैं। इसमें प्रत्येक जिले के सिख, बौद्ध, जैन, वाल्मीकि, रविदासी, कबीरपंथी सहित सभी पंथों/ संप्रदायों के धार्मिक/ऐतिहासिक/पौराणिक महत्व के स्थलों को जोड़ा जाए। मार्ग का चयन मानक के अनुरूप ही हो। जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर धर्मार्थ कार्य विभाग और संबंधित जिलाधिकारी के सहयोग से इसे समय से पूरा कराएं।

● सड़क निर्माण/चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण के कार्यों में पर्यावरण संरक्षण की भावना का पूरा ध्यान रखा जाए। कहीं भी अनावश्यक वृक्ष नहीं कटने चाहिए। सड़क निर्माण की कार्ययोजना में मार्ग के बीच आने वाले वृक्षों के संरक्षण को अनिवार्य रूप से सम्मिलित करें।

● देवरिया-बरहज मार्ग का सुदृढ़ीकरण किया जाना आवश्यक है। इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करें।

● औद्योगिक विकास विभाग, एमएसएमई एवं जैव ऊर्जा विभाग द्वारा डिफेंस कॉरिडोर, औ‌द्योगिक लॉजिस्टिक्स पार्क, औ‌द्योगिक क्षेत्र और प्लेज पार्क योजना जैसी बड़े महत्व की योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इन औद्योगिक क्षेत्रों तक आने-जाने के लिए चयनित मार्गों को यथासंभव फोर लेन मार्ग से जोड़ा जाना चाहिए।

● ऐसे राज्य मार्ग जो वर्तमान में दो-लेन एवं दो-लेन से कम चौड़े हैं उन्हें लोक महत्ता के अनुरूप न्यूनतम दो-लेन विद पेव्ड शोल्डर की चौड़ाई में निर्माण किया जाना चाहिए।

● सभी विधानसभाओं के प्रमुख जिला मार्गों को न्यूनतम दो-लेन (7 मीटर) एवं अन्य जिला मार्गों को न्यूनतम डेढ़-लेन (5.50 मीटर) चौडाई में निर्माण कराया जाए। जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव लें, प्राथमिकता तय करें और कार्य प्रारंभ कराएं।

● क्षतिग्रस्त सेतु, जनता द्वारा निर्मित अस्थाई पुल, संकरे पुल, बाढ़ के कारण प्रायः क्षतिग्रस्त होने वाले मार्गों पर पुल तथा सार्वजनिक, धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों पर सेतु निर्माण को प्राथमिकता में रखें। हर विधानसभा में जरूरत के अनुसार 03 लघु सेतुओं के निर्माण की कार्ययोजना तैयार करें।

● जहां भी दीर्घ सेतु क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें तत्काल ठीक कराया जाए। सभी जिलों से प्रस्ताव लें, जहां दीर्घ सेतु की आवश्यकता हो, कार्ययोजना में सम्मिलित करें। शहरी क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त/संकरे सेतुओं के स्थान पर नये सेतुओं का निर्माण कराया जाना आवश्यक है। इसका लाभ सभी जिलों को मिलना चाहिए।

● रेल ओवरब्रिज/रेल अंडरब्रिज से जुड़े प्रस्तावों को तत्काल भारत सरकार को भेजें। राज्य सरकार द्वारा इसमें हर जरूरी सहयोग किया जाए।

● शहरों की घनी आबादी को जाम से मुक्ति दिलाने हेतु बाईपास रिंगरोड/फ्लाईओवर निर्माण कराया जाना चाहिए। निर्माण कार्य का प्रस्ताव शहर/कस्बे की आबादी एवं प्राथमिकता के आधार पर तैयार किया जाए।

● वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ऐसी बसावट/ग्राम जिसकी आबादी 250 से अधिक हो तथा मार्ग की लम्बाई 1.00 किमी या उससे अधिक हो, उन्हें एकल कनेक्टिीविटी प्रदान किये जाने हेतु संपर्क मार्ग का निर्माण कराया जाए। इसी प्रकार, दो ग्रामों/बसावों को जिनकी आबादी 250 से अधिक है, को इंटर-कनेक्टिविटी प्रदान किये जाने हेतु सम्पर्क मार्ग का निर्माण भी हो। इसके लिए सर्वे कराएं, आवश्यकता को परखें, फिर निर्णय लें।

Continue Reading

Trending