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आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को योगी सरकार का तोहफा, अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक हर माह मिलेगा ₹500 अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता

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लखनऊ।  कोरोनाकाल में अपने शानदार काम से हर ओर सराहना पा रहीं आंगनवाड़ी बहनों को डबल इंजन की सरकार ने डबल तोहफे से नवाजा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं के मासिक मानदेय में बढ़ोतरी की आस तो पूरी की ही है, कोविडकाल के शानदार काम के लिए उन्हें पूरे दो साल हर माह ₹500 का प्रोत्साहन भत्ता देने का भी ऐलान किया है।

सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित आंगनवाड़ी कार्यकत्री व सहायिका सम्मेलन में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 3,06,829 आंगनवाड़ी कार्यकत्री, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्री व सहायिका सेवारत हैं। देश व समाज निर्माण में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका और शानदार काम की सराहना करते हुए राज्य सरकार सभी के मानदेय में बढ़ोतरी कर रही है। सभी को स्मार्टफोन, ग्रोथ मॉनीटरिंग डिवाइस आदि से लैस किया गया है। विभागीय प्रशिक्षण भी कराया जा रहा है। ऐसी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को वर्तमान में जहां मासिक मानदेय ₹5500 मिलता है, अब वह ₹8000 पा सकेंगी। मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को अब ₹4250 के स्थान पर ₹6500 तक मासिक मानदेय मिल सकेगा। जबकि ₹2750 मानदेय वाली सहायिकाओं को अब ₹4000 मानदेय दिया जाएगा। यही नहीं, कोविड काल में निगरानी समिति की सदस्य के रूप में उत्कृष्ट कार्य को सराहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 01 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक के पूरे कोविडकाल के लिए हर आंगनवाड़ी कार्यकत्री व मिनी आंगनवाड़ी कार्यकत्री को मासिक ₹500 और सहायिकाओं को ₹250 अतिरिक्त प्रोत्साहन भत्ता भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा का सभी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं ने तालियों के साथ स्वागत किया।

*बेहतर हुए हालात, 05 साल में बदल गई आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की छवि:*
कार्यकत्री व सहायिका सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले जिन आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के बारे में कहा जाता था कि यह कुछ नहीं करतीं। शासन की कुनीतियों का ठीकरा जिन बहनों के सिर फोड़ा जाता था, आज वही आंगनवाड़ी बहनें उत्तर प्रदेश को स्वस्थ और सुपोषित बना रही हैं। हमारी सरकार ने हमेशा आंगनवाड़ी संगठनों से संवाद बनाये रखा और 2018 के बाद इन संगठनों की ओर से एक भी धरना प्रदर्शन नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि 2017 के पहले प्रदेश के अंदर पोषाहार की ज्यादातर शिकायतें आती थीं कि खराब क्वालिटी का है या वितरण नहीं होता था। आज तो महिला स्वयं सहायता समूह ही पुष्टाहार तैयार कर रही हैं और आंगनवाड़ी की बहनें इसका वितरण कर रबी हैं। सब कुछ इतना व्यवस्थित है, तभी भारत सरकार के स्वास्थ्य मानकों पर उत्तर प्रदेश बेहतरी में सबसे अव्वल है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में दशकों तक बच्चों की मौत के कारक रहे मस्तिष्क ज्वर के उन्मूलन का भी सीएम ने जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज मष्तिष्क ज्वर पूरी तरह समाप्त हो चुका है। पहले बच्चे मरते थे और सरकारें मौन धारण कर मूकदर्शक बनी रहती थीं। लेकिन आज पूर्वी उत्तर प्रदेश मष्तिष्क ज्वर से मुक्त हो चुका है। जो कार्य 40 वर्षों में नहीं हो पाया वह हमारी सरकार ने मात्र चार वर्ष में किया। कोविडकाल की चुनौतियों की चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि यह इन आंगनवाड़ी बहनों का अपने काम के प्रति समर्पण भाव ही था कि कोविड की पहली लहर से लेकर अब तक हर समय यह अग्रिम पंक्ति में रहीं। घर-घर पोषाहार पहुंचाने, गर्भवती, धात्री महिलाओं व गर्भस्थ, नवजात शिशु के पोषण की देखरेख का काम तो किया ही, घर घर कोरोना मरीजों की ट्रेसिंग, पहचान, मेडिसिन किट वितरण और फिर टीकाकरण में सहयोग भी किया। सबके सहयोग से यूपी में ऐसा काम हुआ जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नीति आयोग , विश्व स्वास्थ्य संगठन से सराहना मिली और आज तो कोविड टीका बनाने वाली प्रतिष्ठित कम्पनी ‘फाइजर’ के वैज्ञानिक डॉक्‍टर राबर्ट मलोने भी यूपी को सराह रहे हैं। डॉ. रॉबर्ट तो यूपी के कोविड प्रबंधन पर शोध की जरूरत भी बता रहे हैं। कोविड के ताजा हालातों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड का नया वैरिएंट पहले की तुलना में बहुत कम खतरनाक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी ऐसा मानते है कि इस वैरिएंट से संक्रमित लोगों को मेडिकल ऑक्सीजन अथवा हॉस्पिटल में भर्ती कराने की जरूरत न के बराबर पड़ रही है। लेकिन कोविड प्रोटोकॉल और टीकाकरण बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन एक सुरक्षा कवर है, हर एक पात्र व्यक्ति को यह मिले, इसे सुनिश्चित करने में आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।

*बच्चे की पहली पाठशाला होगी आंगनवाड़ी*
बीते 05 साल में आंगनवाड़ी केंद्रों के अपने भवन में संचालित होने के प्रयासों की सफलता पर खुशी जताते हुए सीएम योगी ने कहा कि हमारी नई शिक्षा नीति के अनुसार 3-5 आयु वर्ग के बच्चों के लिए यही आंगनवाड़ी केंद्र पहली पाठशाला होंगे। ऐसे में इनके भवन निर्माण की महती जरूरत को पूरा किया जा रहा है। विशेष अवसर में मुख्यमंत्री ने विभिन्न जिलों में 585 नए आंगनवाड़ी केंद्रों के भवनों का लोकार्पण/शिलान्यास भी किया। उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों के प्रति विशेष स्नेह का भी उल्लेख किया और कहा कि आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति बेहतर करने में राज्यपाल महोदया एक प्रेरणा है। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्वाति सिंह ने पांच वर्ष आंगनवाड़ी केंद्रों के कायाकल्प के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार भी जताया।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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