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प्रादेशिक

योगी सरकार ने साढ़े चार साल में बदल दी प्रदेश में शिक्षा की तस्वीर

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लखनऊ। प्रदेश सरकार ने साढ़े 4 सालों में शिक्षा की तस्‍वीर बदलने का काम किया है। छात्रों को उच्‍च गुणवत्‍ता की शिक्षा देने के लिए बेसिक व माध्‍यमिक शिक्षा के स्‍कूलों में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति की गई। 250 नए इंटर कॉलेजों के साथ 1.38 प्राइमरी स्‍कूलों का कायाकल्‍प किया गया। छात्रों को उच्‍च शिक्षा हासिल करने के लिए दूर-दराज न जाना पड़े इसके लिए प्रदेश में 7 नए विश्‍वविद्यालय व 50 महाविद्यालय बनाए जा रहे हैं। 35 नए राजकीय आईटीआई की स्‍थापना कर युवाओं के कौशल विकास का सपना पूरा करने का काम किया गया।

प्रदेश सरकार के साढ़े 4 साल पूरे होने पर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन हुए हैं। 7 नए विश्‍वविद्यालयों व 50 डिग्री कॉलेजों के साथ लखनऊ में स्‍टेट फॉरेंसिक इंस्‍टीट्यूट का निर्माण किया जा रहा है। यहां पर फॉरेंसिक जांच के साथ छात्र फॉरेंसिक साइंस विषय में पढ़ाई कर सकेंगे। सीएम ने कहा कि फॉरेंसिक जांच में महीनों और सालों लग जाते थे लेकिन कमिश्‍नरी स्‍तर पर फॉरेंसिक व साइबर लैब स्‍थापित की गई है। इससे अपराधों से जुड़ी फॉरेंसिक जांचों में तेजी आएगी।

2017 से पहले प्रदेश में प्राइमरी स्‍कूलों की स्थिति सबको याद होगी। टूटे प्राइमरी स्‍कूल, आधा सत्र गुजरने के बाद बच्‍चों को किताबों का वितरण, स्‍कूलों से शिक्षकों का गायब रहना आम बात थी। योगी सरकार आने के बाद स्‍कूलों की तस्‍वीर बदलना शुरू हुई। बच्‍चों को बेहतर पढ़ाई का महौल देने के लिए ऑपरेशन कायाकल्‍प शुरू किया गया। इसमें बच्‍चों के लिए शौचालय, बैठने के लिए बैंच, आर्कषक शिक्षण कक्षों का निर्माण हुआ। सुविधाएं बढ़ने के साथ स्‍कूलों में बच्‍चों की संख्‍या भी बढ़ती चली गई।

इन योजनाओं ने बदली माध्‍यमिक शिक्षा की तस्‍वीर

प्रदेश सरकार ने 250 नए इंटर कॉलेज शुरू किए। शिक्षकों के 5987 नए पदों पर भर्ती कर कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्‍ता में इजाफा किया। श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा के लिए 18 मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना कर गरीब बच्‍चों के सपनों को पूरा किया। यूपी बोर्ड के मेधावी विद्यार्थियों के गांवों तक एपीजे अब्दुल कलाम गौरव पथ का निर्माण किया। वहीं, बालिकाओं को बेहतर शिक्षा देने के लिए 107 विकासखंडों में बालिका छात्रावास का निर्माण भी कराया जा रहा है।

आईटीआई में एससी-एसटी छात्रों को नि:शुल्‍क ट्रेनिंग

प्रदेश सरकार छात्रों को नि:शुल्‍क शिक्षा के साथ उनके कौशल विकास का काम भी कर रही है। खासकर एससी-एसटी वर्ग के छात्रों के लिए प्रदेश के सभी आईटीआई में नि:शुल्‍क ट्रेनिंग की व्‍यवस्‍था की गई है। साथ ही 5 नए ट्रेड भी शुरू किए गए हैं।

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उत्तर प्रदेश

शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज

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गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।

इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।

शुरू में उन्‍हें करनाल के अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।

बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्‍पेक्‍टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्‍पेक्‍टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्‍गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्‍होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।

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