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प्रादेशिक

भूमिहीन किसानों के जीवन में योगी सरकार ने लौटाई खुशहाली

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लखनऊ। योगी सरकार ने भूमिहीन किसानों के चेहरों पर खुशहाली लौटाने का काम किया है। उनको सम्‍मान देने के साथ उनकी आर्थिक स्थित‍ि में सुधार के बड़े प्रयास किये हैं । प्रदेश के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से 254.04 करोड़ किसानों के खातों में 37,388 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया है।

किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना वरदान साबित हुई है। योजना के तहत 2 करोड़ 5 लाख किसानों का बीमा क‍िया गया है। फसल बीमा योजना में 25 लाख 60 हजार किसानों को लाभ मिला और किसानों के खातों में 2,208 करोड़ भेजा गया। एम. एस. पी. में लगभग दोगुना बढ़ोत्‍तरी की गई है ।

किसानों से 433.86 लाख मी.टन खाद्यान्न खरीद कर 66 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया। वर्ष 2020-21 में 66.84 लाख मी. टन धान की खरीद की गई । बीते 4 सालों में 2387.64 लाख मीट्रिक टन से अधिक कृषि उत्पादन हुआ। साथ ही सरकार ने 45 कृषि उत्पाद मंडी शुल्क से मुक्त किया। मंडी शुल्क 01 प्रतिशत घटाया। इसके साथ 36 हजार करोड़ रुपये से 86 लाख लघु एवं सीमांत किसानों का कर्ज माफ क‍िया। 03 लाख 92 हजार करोड़ रुपये का फसल ऋण वितरित किया है।

बीजेपी के ‘लोक कल्याण संकल्प पत्र 2017’ में जनता से वादा

– भूमिहीन कृषि मजदूरों को बैंक ऋण, सरकारी योजनाओं और अन्य सामाजिक
सुरक्षा लाभ के लिए सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराएंगे
– भूमिहीन कृषि मजदूरों को दीन दयाल सुरक्षा बीमा योजना से 22 लाख तक का बीमा सरकार निःशुल्क देंगे
– भूमिहीन कृषि मजदूरों को गौधन योजना से गाय और अन्य दुधारू पशु उपलब्ध कराये जाएंगे
– सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों के धान की खरीदारी की व्यवस्था करेगी
– किसानों को फसल का सही मूल्य दिलवाने के लिए सभी अनाज एवं सब्जी मंडियों को ई-मंडियों में बदला जाएगा
– आलू, प्याज और लहसुन को न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में लाया जाएगा
योगी सरकार ने साढ़े 04 साल के कार्यकाल में बुनियादी ढांचे को दी मजबूती
– प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में अब तक 254.04 करोड़ किसानों के खाते में कुल 37,388 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये
– प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में 2 करोड़ 5 लाख किसान बीमित। अब तक 25 लाख 60 हजार किसानों के खाते में 2,208 करोड़ रुपेय क्षतिपूर्ति हस्तांरित
– एम. एस. पी. में लगभग दो गुना तक वृद्धि की, किसानों से 433.86 लाख मी.टन खाद्यान्न खरीद कर 66 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया
– वर्ष 2020-21 में 66.84 लाख मी. टन धान की खरीद की गई जो लक्ष्य से डेढ़ गुना ज्यादा रही
– विगत 4 वर्षों में 2387.64 लाख मीट्रिक टन कृषि उत्पादन किया,
– 45 कृषि उत्पाद मंडी शुल्क से मुक्त किया, मंडी शुल्क 1 प्रतिशत घटाया गया

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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