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योगी सरकार ने 81 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों तक पहुंचाए नल कनेक्शन

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लखनऊ। योगी सरकार ने नल कनेक्शन देने के मामले में झारखंड और पश्चिम बंगाल को भी पछाड़ दिया है। सीएम योगी के नेतृत्व में बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए यूपी ने 81 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों तक नल कनेक्शन पहुंचाने वाले राज्यों में भी अपनी स्थिति मजबूत बना ली है। सर्वाधिक नल कनेक्शन देने की संख्या में यूपी देश में चौथे नंबर पर पहुंच गया है। जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना से लगभग 5 करोड़ से अधिक लोगों को घर-घर नल से शुद्ध पेयजल का लाभ मिलने लगा है।

81 लाख ग्रामीण परिवारों तक पहुंचा दिए गए कनेक्शन

कोविड के मजबूत झटके के बावजूद योगी सरकार ने तेज रफ्तार पकड़ते हुए जल जीवन मिशन की हर घर जल योजना को ग्रामीणों तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। आंकड़ों के मुताबिक यूपी में मंगलवार तक 81,87,394 ग्रामीण परिवारों तक टेप कनेक्शन पहुंचा दिये गए हैं। योजना से 4,91,24,364 से अधिक ग्रामीण लाभान्वित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना से यूपी के 31.1 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों तक ‘हर घर जल’ पहुंचाने का सपना पूरा हो चुका है। जबकि झारखंड में 30.95 और पश्चिम बंगाल में 30.56 ग्रामीण परिवारों तक ही टेप वाटर सप्लाई पहुंची है। यूपी में जहां प्रत्येक दिन 30 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन दिये जा रहे हैं, वहीं झारखंड में यह आंकड़ा प्रतिदिन 2,500 और पश्चिम बंगाल में प्रतिदिन 7 हजार ग्रामीण परिवारों तक ही सीमित है। यूपी से कम आबादी वाले राज्य होने के बावजूद पश्चिम बंगाल और झारखंड कुल नल कनेक्शन देने में भी पीछे छूट गये हैं। 21 फरवरी के आंकड़ों के मुताबिक देश में बिहार 1,59,00,575, महाराष्ट्र 1,07,34,14 और गुजरात 91,18,449 राज्य ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन देने में यूपी से आगे हैं।

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ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 रुपये के बदले देना पड़ेगा 35,453 रुपये, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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