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प्रादेशिक

योगी सरकार के प्रयासों से यूपी में लगातार बढ़ रही है हरियाली

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों से यूपी में लगातार हरियाली बढ़ रही है। पर्यावरण संरक्षण के लिये कार्य किये जा रहे हैं। इस प्रयास में प्रदेश के युवाओं ने आगे आकर सहयोग देना शुरू कर दिया है। उनकी ओर से प्रदेश के विभिन्न जिलों में वृक्षारोपण किये जा रहा हैं। पंचवटी, पंच पल्लव, नक्षत्र, राशि और नवग्रह वाटिका स्थापित की जा रही हैं। पेड़-पौधों के प्रति लोगों में लगाव बढ़ाने के लिये जागरूकता के अभियान भी चलाए जा रहे हैं।

सरकार के प्रदेश को हरा भरा बनाने की मुहिम में युवा बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं। सरकार के इस साल 30 करोड़ पौधे लगाने के लक्ष्य को पूरा करने में जुटे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कोरोना महामारी से दिवंगत हुए लोगों की स्मृति में ग्राम पंचायतों में पौधे लगाए जा रहे हैं। अयोध्या में राम वन गमन मार्ग पर अलग-अलग स्थानों पर रामयणकालीन वृक्षों की वाटिका बनाई जा रही हैं। प्रदेश में 100 वर्ष से अधिक आयु के वृक्षों को हेरिटेज वृक्ष के रूप में संरक्षित करने का काम भी शुरू हो गया है। गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में गंगा उद्यान लगाने की कार्यवाही तेजी से चल रही है। सरकार वर्ष 2017-18 में 5.71 करोड़, वर्ष 2018-19 में 11.77 करोड़, वर्ष 2019-20 में 22.59 करोड़ पौधों का रोपण कर चुकी है। उसने पिछले साल कोरोना महामारी के बावजूद 25.87 करोड़ पौधे प्रदेश में लगाए हैं।

यूपी के युवा बोले ‘पेड़ लगाकर देखो भईया-अच्छे दिन आ जाएंगे’

यूपी को 05 सालों में 100 करोड़ पौधे लगाने वाला इकलौता राज्य बनाने के लिये प्रदेश के युवा और सामाजिक संस्थाएं भी पूरी ताकत से जुटी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से गंगा सेवक सम्मान से नवाजे जा चुके मानस चिरविजय सांकृत्यायन प्रयागराज के रहने वाले हैं। उनकी ओर से प्रदेश में विभिन्न जिलों में 55 पंचवटी, 45 पंच पल्लव, 01 नक्षत्रवाटिका, 03 नवग्रह वाटिका और 01 राशि वाटिका स्थापित की गई हैं। ये मानस पर्यावरण संरक्षण संस्थान के संस्थापक है और मिशन ग्रीन यूपी को बढ़ाने में जुटे हैं। मानस का कहना है कि सरकार के प्रदेश को हरा-भरा बनाने की पहल कारगर हो रही है। उनके साथ कई युवाओं में पर्यावरण संरक्षण के प्रति रुझान लगातार बढ़ता जा रहा है।

जन-जन से कहते- ‘सांस सभी की चलती है पेड़-पौधों के रहने से’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से युवाओं ने हरा-भरा उत्तर प्रदेश बनाने की बड़ी पहल शुरू की है। जन जागृति समिति से जुड़े आजमगढ़ निवासी सिद्धार्थ सिंह और लखनऊ के अंकुर जौली 1000 से अधिक वृक्ष रोप चुके हैं। साल के अंत तक 500 पौधों का रोपने का लक्ष्य इन लोगों ने अपने हाथ में लिया है। इन युवाओं का कहना है कि पेड़ पौधों के रहने से सभी की सांस चलती। जीवन प्रदान करने वाले पर्यावरण के संरक्षण के लिये वो लोगों को जोड़ने में लगे हैं।

पेड़-पौधों को जीवन देने के लिये समर्पित किया जीवन

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में विशेष ज्येष्ठ लेखाकार कृष्णानन्द राय पर्यावरण पर गीत और कविताएं तो लिखते ही हैं। कहते हैं कि ‘पेड़ लगाकर देखो भईया-अच्छे दिन आ जाएंगे’। उनकी ओर से 1000 से अधिक पौधे लोगों को रोपने के लिये बांटे गये हैं। सरकारी नौकरी में होने के बाद भी इनका पूरा जीवन पर्यावरण को समर्पित है। इनके अलावा समाज के विभिन्न वर्गों के लोग, सरकारी कर्मचारी और सामाजिक कार्यकर्ता पर्यावरण को जान देने का लागातार प्रयास कर रहे हैं।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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