उत्तर प्रदेश
58.44 करोड़ रुपए से नैनी औद्योगिक क्षेत्र का कायाकल्प करेगी योगी सरकार
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने का कार्य मिशन मोड में अनवरत जारी है। इसमें उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसी क्रम में यूपीसीडा 58.44 करोड़ रुपए से अटल औद्योगिक अवसंरचना मिशन के तहत प्रयागराज जिले में नैनी औद्योगिक क्षेत्र का कायाकल्प सुनिश्चित कर रहा है। इसमें सड़क सुधार, जल आपूर्ति, कचरा प्रबंधन और विद्युत अवसंरचना समेत अनेक सुविधाएं शामिल हैं।
राज्य को मिलेंगे औद्योगिक अवसर और संभावनाएं
यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र प्रयागराज नैनी में उन्नयन कार्यों के माध्यम से राज्य को औद्योगिक अवसर और संभावनाएं मिलेंगी और प्रयागराज एक सशक्त औद्योगिक मॉडल के रूप में उभरेगा। उल्लेखनीय है कि नैनी औद्योगिक क्षेत्र 1972 में स्थापित एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यह प्रयागराज से केवल 17 किमी की दूरी पर स्थित है और प्रयागराज-मिर्जापुर NH-76E पर स्थित है। यह औद्योगिक क्षेत्र 776.60 एकड़ में फैला हुआ है और 12.78 किमी सड़क नेटवर्क और 23.05 किलोमीटर की जल निकासी प्रणाली से परिपूर्ण है। प्रयागराज से इसकी निकटता औद्योगिक विकास के लिए आसान पहुंच प्रदान करती है।
सड़क, बिजली और पानी की व्यवस्था में होगा सुधार
परियोजना के तहत औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 2.6 किमी सड़कें उन्नत की जाएंगी। दोनों पक्षों पर चौड़े, इंटरलॉकिंग फुटपाथ बनाए जाएंगे, जिससे पैदल आवागमन की पहुंच और सुरक्षा में सुधार होगा। वहीं, एक नया 200 मीटर गहरा ट्यूबवेल 400 मिमी व्यास की पाइप के साथ स्थापित किया जाएगा। साथ ही एक पंपिंग प्लांट भी स्थापित किया जाएगा ताकि पूरे क्षेत्र में जल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। दूसरी तरफ, फुटपाथ, प्रवेश द्वार और मुख्य सड़कों पर कंक्रीट की स्लैब और बेंचें बनाई जाएंगी। इसके अलावा, पुराने फील्ड हॉस्टल और सीएफसी भवन की मरम्मत भी की जाएगी।
नई सुविधाओं का भी होगा विकास
परिचालन प्रबंधन का समर्थन करने और स्थानीय जैव विविधता को प्रोत्साहित करने के लिए एक कमान केंद्र और नेस्टिंग झोपड़ियां सहित कई नई सुविधाएं शुरू की जाएंगी। इसमें एक प्रवेश द्वार, एक ईवी चार्जिंग सेंटर, एक बस शेल्टर, स्ट्रीट फर्नीचर, ले-आउट गाइड मैप और नेविगेशन और समय उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार के लिए एक फ्लैग मास्ट शामिल हैं। इसी तरह, औद्योगिक क्षेत्र में स्वच्छता बनाए रखने के लिए एक व्यापक कचरा प्रबंधन प्रणाली लागू की जाएगी। जबकि बिजली वितरण सुनिश्चित करने के लिए 33/11 केवी सबस्टेशन का निर्माण ऑनसाइट किया जाएगा।
सुरक्षा पर होगा विशेष फोकस
सुरक्षा को देखते हुए क्षेत्र में 18 सीसीटीवी कैमरे, 2 ईवी चार्जिंग स्टेशनों और 2 डिजिटल डिस्प्ले बोर्डों की स्थापना से सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार होगा और आगंतुकों को आवश्यक जानकारी प्रदान की जाएगी। प्रवेश द्वार को 96 एलईडी फसाड लाइट्स द्वारा रोशन किया जाएगा ताकि रात में भी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अतिरिक्त, नैनी औद्योगिक क्षेत्र के लिए एक प्रमुख इलेक्ट्रिकल अवसंरचना उन्नयन की योजना बनाई गई है, जिसकी लागत 1024.16 लाख रुपए (जीएसटी-मुक्त) है। इसमें 33 केवी ओवरहेड और 11 केवी अंडरग्राउंड लाइनों के माध्यम से इलेक्ट्रिकल केबल्स बिछाना शामिल है, जिससे उद्यमियों को उच्च गुणवत्ता की बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
इसके अतिरिक्त, नई इंस्टॉलेशन में 855 स्ट्रीट लाइट्स, 8 हाई मास्ट्स, 242 सजावटी पोल और केबल्स शामिल हैं, जो रात्रि के समय भी रोशनी प्रदान करेंगे। 16 अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे, 1 ईवी चार्जिंग स्टेशन और 2 डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड भी स्थापित किए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश
प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों को कामयाबी, एक दिन-एक शिफ्ट में होगी PCS की परीक्षा
प्रयागराज। प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों की बड़ी जीत हुई है। UPPSC ने उनकी मांगें स्वीकार कर ली हैं। RO/ARO की परीक्षा स्थगित कर दी गई है। इसके साथ ही अब PCS की परीक्षा एक ही शिफ्ट में होगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रारंभिक परीक्षाओं के दो दिन दो शिफ्ट में कराने का निर्णय लिया था, जिसके विरोध में हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों ने आयोग के नोटिस जारी होने के साथ ही फैसले के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने प्रदर्शन किया।
अधिकारियों ने प्रदर्शनकरी छात्रों से कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़े रहे। जिसके बाद पूरे मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप करते हुए आयोग को छात्रों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर आवश्यक आयोग से छात्रों के हितों में फैसले के लिए कहा। सीएम योगी की पहल के बाद आयोग ने अपना फैसला वापस ले लिया और छात्रों की एक दिन एक शिफ्ट में पेपर की मांग को मान स्वीकार कर लिया।
वहीँ आरओ/एआरओ (प्री.) परीक्षा-2023 के लिए आयोग द्वारा एक समिति गठित की गई है। समिति सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी। आसान भाषा में कहें तो आयोग ने सीएम योगी के निर्देश पर फैसला लिया है कि यूपीपीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा पुराने पैटर्न से होंगी यानी एक ही दिन में यह परीक्षा आयोजित होगी। जबकि RO/ARO परीक्षा पर फैसले के लिए कमेटी बनाने की घोषणा की गई है।
कब होंगे पेपर?
जानकारी के लिए बता दें कि पीसीएस की परीक्षा के लिए दो चरण होते हैं, पहला प्रीलिम्स और दूसरा मेंस। पहले ये पेपर चार शिफ्ट में 7 और 8 दिसंबर को होने थे पर अब नए आदेश में यह परीक्षा एक ही दिन में दो शिफ्ट में आयोजित होगी। वहीं, RO/ARO परीक्षा में एक ही पेपर होता है, जो पहले 22 और 23 दिसंबर को तीन पालियों में होनी थी, जिस पर अब कमेटी बना दी गई है जो जल्द ही अपना रिपोर्ट देगी।
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