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उत्तर प्रदेश

शाहजहांपुर में डबल लेन रामगंगा पुल के निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरू करेगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश को कनेक्टिविटी के लिहाज से उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार शाहजहांपुर डबल लेन युक्त रामगंगा पुल के निर्माण की प्रक्रिया जल्द शुरू करने जा रही है। कोलाघाट तहसील में रामगंगा व बैगुल नदी पर इस नए पुल का निर्माण किया जाएगा और इस कार्य को 137.02 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि नए पुल का निर्माण पुराने पुल के समीप ही किया जाएगा जिससे स्टेट हाइवे 163 पर यातायात सुगम होगा तथा जलालाबाद-शमशाबाद-मोहम्मदाबाद-सौरिख-बिधूना मार्ग पर कनेक्टिविटी बढ़ेगी। इस कार्य को उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड द्वारा पूरा किया जाएगा जिसकी तैयारी शुरू हो गई है।

200 मीटर के 2 कनेक्टिंग रोड्स से जुड़ा होगा रामगंगा पुल

रामगंगा पुल के निर्माण के लिए सीएम योगी के मार्गदर्शन में एक कार्ययोजना तैयार की गई है जिस पर उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड द्वारा कार्य शुरू हो गया है। योजना के अनुसार, यह पुल 1802.14 मीटर लंबा और डबल लेन बेस्ड होगा जिसे पहुंच मार्गों के जरिए कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। प्रक्रिया के अंतर्गत कुल 2,202.14 मीटर क्षेत्र में निर्माण व विकास कार्यों को पूरा किया जाएगा जिसमें 200 मीटर के दो कनेक्टिंग रोड समेत सुरक्षात्मक कार्यों को पूरा किया जाना निर्धारित है।

24 महीने में निर्माण कार्यों को पूरा करने पर फोकस

डबल लेन पुल व कनेक्टिंग रोड्स के निर्माण व विकास कार्यों को पूरा करने के लिए डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर), आर्किटेक्चरल डिजाइन समेत प्रारंभिक चरण की रिपोर्ट निर्धारण प्रक्रिया विभाग में शुरू हो गई है और माना जा रहा है कि जल्द ही कार्यों को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। इन सभी निर्माण व विकास कार्य को पूरा करने के लिए 24 महीने की अवधि निर्धारित की गई है। इसी के साथ, देवरिया के भाटपार रानी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत केरवनिया घाट के समीप खनुआ नदी पर डबल लेन पुल के निर्माण व विकास की प्रक्रिया में तेजी लाने पर फोकस किया जा रहा है। यहां भी कनेक्टिंग रोड्स के निर्माण व सुरक्षा कार्यों की पूर्ति का कार्य पूरा किया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

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लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

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